विश्वस्तरीय अल्ट्रा-मार्डन तकनीक “पिनम्बरा लाईटीनिंग” से श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में मरीज़ का सफल प्रोसीजर - Mukhyadhara

विश्वस्तरीय अल्ट्रा-मार्डन तकनीक “पिनम्बरा लाईटीनिंग” से श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में मरीज़ का सफल प्रोसीजर

admin
h 1 1

विश्वस्तरीय अल्ट्रा-मार्डन तकनीक “पिनम्बरा लाईटीनिंग” से श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में मरीज़ का सफल प्रोसीजर

  • मात्र एक पिन के बराबर लगाया चीरा, बिना चीर-फाड के किया सफल प्रोसीजर
  • श्री मंहत इंदिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने डॉक्टरों की टीम को दी बधाई 
देहरादून/मुख्यधारा
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी विभाग ने विश्वस्तरीय अल्ट्रा-मार्डन तकनीक “पिनम्बरा लाईटीनिंग” का इस्तेमाल कर एक मरीज़ को नया जीवन दिया। इस तकनीक में मात्र एक पिन के बारबार चीरा लगाकर बिना चीर-फाड के मरीज़ का सफल प्रोसीजर किया गया। मिथलेश (70) वर्ष डायलिसिस पर थीं। उनकी दोनो किडनीयां फेल हो चुकी थीं। पिछले कई साल से वो डायलिसिस पर थीं।
काबिलेगौर है कि पिछले कुछ दिनों से मरीज के दोनो पैरों में बहुत सूजन आ गई थीं एवम् उन्हे सांस लेने में परेशानी हो रही थीं। ऐसे में उनके परिजन उन्हे उपचार हेतु श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल लेकर आए। यहॉ इन्टरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत सारडा ने मरीज के दोनों पैरों का कलर डॉपलर किया। इसके नतीजों में पता चला कि मरीज के दोनों पैरों की नसों मे खून जमा हो गया है जिसे मेडिकल भाषा में “डीप वेन थ््राोमबोसिस ” कहते है। यह खून का जमना मरीज के पेट की नसों तक पहुँच गया था। मरीज को तुरन्त भर्ती करके बताया गया कि यह खून का जमना (थ्रोमबोसिस) दिल तक पहुॅच सकता था जो कि मरीज के लिए जानलेवा साबित होता। मरीज एस.जी.एच.एस. कार्ड धारक था जिसमें सरकार का अनुबंध श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के साथ था। डॉ. प्रशांत सारडा द्वारा मरीज की नाजुक हालत का वर्णन एस.जी.एच. एस. फॉर्म में भरकर सरकार को भेजा गया।

यह भी पढें : गुड न्यूज: देहरादून के गांधी शताब्दी अस्पताल में शुरू होगा 100 बैड का डेंगू वार्ड (dengue ward), ब्लड बैंक की भी होगी स्थापना: डॉ आर. राजेश कुमार

एस.जी.एच.एस. सरकारी पैनल ने मरीज की नाजुक मेडिकल हालत को देखते हुए तुरंत ऑपरेशन की अनुमति प्रदान की और श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल को भिजवा दी। अनुमति आते ही तुरंत मरीज को कैथ लेब में ले जाकर अत्याधुनिक पिन होल पद्वति से उसका सफल ऑपरेशन किया गया।

ऑपरेशन के दौरान डॉ. प्रशांत सारडा व उनकी टीम ने मात्र 15 मिनट मंे ही जमे हुए खून को बाहर निकालकर खून के दौरे को सुचारू किया। ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत में सुधार आ गया व जल्द ही उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
 डॉ. प्रशांत सारडा ने जानकारी दी यह एक विश्वस्तरीय अल्ट्रा-मार्डन तकनीक “पिनम्बरा लाईटीनिंग” है जिसमें मात्र एक पिन के बराबर चीरा मरीज के शरीर में लगाया जाता है एवम् अन्य कोई चीर-फाड़ की जरूरत ही नहीं पडती। इस तकनीक में मरीज कों एनऐस्थीसिया देने (बेहोश करने) तक की जरूरत नहीं पडती।
उन्होने बताया कि यह पिनम्बरा तकनीक का ऑपरेशन से एक कृत्रिम बुद्वि (रोबोटिक तकनीक) होने वाला नसों मे जमे खून को निकालने वाली मशीन से होता है। श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ  मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज व श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल  भारत देश का पहला मेडिकल कॉलेज है जहाँ इस अत्याधुनिक तकनीक का सफलतापूर्वक इस्तेमाल हुआ है। मरीज की जान बचाने के लिए मरीज व उसके परिजनो ने डॉ. प्रशांत सारडा व उनकी टीम का दिल से धन्यावाद दिया है।
उन्होने कहा कि डा. प्रशांत सारडा व उनकी टीम ने ‘डाक्टर धरती का भगवान‘ कहावत को सच साबित किया है। डॉ. प्रशांत सारडा व उनकी टीम ने पिनम्बरा लाईटीनिंग तकनीक से मरीज का सफल ऑपरेशन कर जान बचाकर देश के मेडिकल इतिहास मे एक नया अध्याय लिखा है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चौयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने इस अभूतपूर्व सफलता के लिए डॉ. प्रशांत सारडा व उनकी टीम को हार्दिक बधाई व आर्शीवाद प्रदान किया है।
Next Post

अनदेखी (Singtali motor bridge): सिंगटाली मोटर पुल निर्माण की मांग को लेकर 6 सितंबर को विधानसभा में गरजेंगे पौड़ी क्षेत्रवासी

अनदेखी(Singtali motor bridge): सिंगटाली मोटर पुल निर्माण की मांग को लेकर 6 सितंबर को विधानसभा में गरजेंगे पौड़ी क्षेत्रवासी देहरादून/मुख्यधारा Singtali motor bridge: गढ़वाल और कुमाऊं मण्डल को जोड़ने वाला लंबित और बहुप्रतीक्षित सिंगटाली मोटर पुल के निर्माण में हो […]
FB IMG 1693807023114

यह भी पढ़े