केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से बीएसएफ के महनिदेशक और स्पेशल डीजी को पद से हटाया, अपने-अपने कैडरों में भेजा गया, आदेश जारी

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केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से बीएसएफ के महनिदेशक और स्पेशल डीजी को पद से हटाया, अपने-अपने कैडरों में भेजा गया, आदेश जारी

मुख्यधारा डेस्क

केंद्र सरकार ने शुक्रवार रात अचानक दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया। दोनों को अपने-अपने कैडरों में भेज दिया गया है। केंद्र के लिए गए इस फैसलों का अभी मूल कारणों पता नहीं चल पाया है।

केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार शुक्रवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक नितिन अग्रवाल और उनके डिप्टी स्पेशल डीजी (पश्चिम) वाईबी खुरानिया को हटा दिया। वहीं आदेश के अनुसार उन्हें तत्काल प्रभाव से उनके राज्य कैडर में वापस भेज दिया।

नितिन अग्रवाल 1989-बैच के केरल कैडर के अधिकारी हैं जबकि खुरानिया 1990-बैच के ओडिशा कैडर के हैं। कैबिनेट की नियुक्ति समिति द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि उन्हें तत्काल प्रभाव से समय से पहले वापस भेजा जा रहा है।अग्रवाल ने पिछले साल जून में सीमा सुरक्षा बल प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला था। खुरानिया विशेष महानिदेशक (पश्चिम) के रूप में पाकिस्तान सीमा पर बल का नेतृत्व कर रहे थे। लगभग 2.65 लाख कर्मियों वाला बीएसएफ पश्चिम में पाकिस्तान और पूर्व में बांग्लादेश के साथ भारतीय सीमाओं की रक्षा करता है।

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बता दें कि बीएसएफ के इन दोनों शीर्ष अधिकारियों को उनके मूल कैडर वापस भेजने के आदेशों में फिलहाल कोई अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। लेकिन माना जा रहा है कि जिस तरह से पिछले कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले बढ़े हैं। उसे देखते हुए संभवत: यह फैसले लिए गए। इस साल ही राजौरी, पुंछ, रियासी, उधमपुर, कठुआ और डोडा जिले में 22 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 11 सुरक्षाबलों के जवान हैं। हालांकि, सीमा पर सुरक्षा के लिए तैनात बीएसएफ ने घुसपैठ की किसी भी घटना से इनकार किया है। उम्मीद है कि खुरानिया को ओडिशा में पुलिस बल का प्रमुख या पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बनाया जाएगा, जहां नई भाजपा सरकार ने हाल ही में कार्यभार संभाला है। बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स की स्थापना 1 दिसंबर 1965 को हुई थी।

बीएसफ एक अर्धसैनिक बल है, जो शांति काल के दौरान भारत की सीमा की रक्षा करने और अंतरराष्ट्रीय अपराध को रोकने के लिए जिम्मेदार है।

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