फैसला : अदालत ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में तीनों दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा, जुर्माना भी लगाया
देहरादून/मुख्यधारा
उत्तराखंड की कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने आज अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में फैसला सुना दिया है। अंकिता भंडारी हत्याकांड में मुख्य दोषी पुलकित आर्या को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई।
सह-आरोपी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भी आजीवन कारावास की सजा के साथ जुर्माना लगाया गया। पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश कोर्ट ने दिया है।
इससे पहले कोर्ट ने तीनों आरोपियों वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या के मामलों में दोषी करार दिया। तीन साल पुराने इस केस में उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश की नजरें कोर्ट के इस फैसले का इंतजार कर रही थीं।
सुनवाई के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर कोर्ट परिसर के 200 मीटर के दायरे को पुलिस ने सील कर दिया गया। सिर्फ वकील, केस से जुड़े पक्ष और जरूरी स्टाफ को ही अंदर जाने की अनुमति थी।
इलाके में भारी पुलिस बल तैनात रही। प्रकरण में 28 मार्च 2023 से ट्रायल शुरू हुआ था और बीती 19 मई को दोनों पक्षों की गवाही व जिरह समाप्त हुई थी।
पौड़ी जनपद के यमकेश्वर स्थित वनंतरा रिसार्ट में रिसेप्शनिस्ट का कार्य करने वाली ग्राम डोभ-श्रीकोट निवासी 19 वर्षीय युवती 18 सितंबर 2022 को लापता हो गई थी। छह दिन बाद 24 सितंबर को युवती का शव घटनास्थल से 13 किलोमीटर दूर चीला नहर बैराज में मिला था।
युवती के पिता की शिकायत पर पुलिस ने रिसॉर्ट स्वामी पुलकित आर्य, रिसॉर्ट प्रबंधक सौरभ भाष्कर व सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता उर्फ पुलकित को गिरफ्तार किया था। करीब दो साल और आठ महीने तक चली सुनवाई में अभियोजन पक्ष की ओर से जांच अधिकारी समेत 47 गवाह अदालत में पेश किए गए। हालांकि एसआईटी ने इस मामले में 97 गवाह बनाए थे, जिनमें से 47 अहम गवाहों को ही अदालत में पेश किया गया।
गत 19 मई को अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी की ओर से बचाव पक्ष की बहस का जवाब देकर सुनवाई का सिलसिला समाप्त किया गया था।
तीनों पर युवती की हत्या, अपराध के साक्ष्य गायब करने व अनैतिक देह व्यापार (निवारण) अधिनियम के तहत आरोप थे। पुलकित आर्य इस समय अल्मोड़ा, अंकित देहरादून व सौरभ टिहरी जेल में बंद है।