महाकुंभ में कल सबसे बड़ा स्नान महापर्व, मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) पर भीड़ को देखते हुए की गई खास तैयारी

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महाकुंभ में कल सबसे बड़ा स्नान महापर्व, मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) पर भीड़ को देखते हुए की गई खास तैयारी

मुख्यधारा डेस्क

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ का सबसे बड़ा स्नान पर्व बुधवार 29 जनवरी को होने जा रहा है। कल मौनी अमावस्या पर प्रयागराज के महाकुंभ में 10 करोड़ लोगों के भीड़ का अनुमान लगाया गया है। इसके लिए योगी सरकार ने खास तैयारी की है। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने कड़े इंतजाम किए हैं।

प्रयागराज के साथ-साथ आसपास के 10 जिलों के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक स्वयं व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं। मेला क्षेत्र में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल, रैपिड एक्शन फोर्स, और पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई है।

सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन की मदद से पूरे क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है। दो दिन पहले से ही भारी भीड़ उमड़ने लगी है। महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी संतों और कल्पवासियों तथा संस्थाओं के शिविर भर चुके हैं। रैन बसेरों में भी जगह नहीं है।

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इलाहाबाद हाई कोर्ट की प्रधान पीठ प्रयागराज में 28 व 30 जनवरी को भी अवकाश घोषित किया गया है। महाकुंभ के सबसे बड़े अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर अमृत पान की उत्कंठा लेकर संगम की पावन धरा पर आ रहे करोड़ों श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। लगभग 12 किमी के क्षेत्र में विकसित सभी 44 घाटों पर स्नान कराने की तैयारी है। शहर के होटल से लेकर मेला क्षेत्र में बनाए गए सरकारी व निजी टेंट सिटी का भी यही हाल है।

मौनी स्नान का महायोग वैसे मंगलवार रात आठ बजे के करीब से शुरू हो जाएगा मगर अखाड़ों का महास्नान बुधवार सुबह प्रारंभ होगा। अखाड़ा मार्ग को सील कर दिया गया है।अखाड़ों के लिए संगम तट पर अलग से स्नान घाट बना दिया गया है, जहां आम श्रद्धालु डुबकी नहीं लगा सकेंगे।

आम श्रद्धालुओं के लिए अलग से घाट बनाया गया है। ऐरावत संगम घाट भी विकसित किया गया है जहां पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों, बिहार, उड़ीसा, बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड, पूर्वोत्तर के राज्यों के श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे।

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मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत दक्षिण भारत के श्रद्धालुओं के लिए विशेष तौर पर अरैल में स्नान घाट बनाए गए हैं। दिल्ली, पश्चिमी उप्र, उत्तराखंड, हरियाणा-पंजाब से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए संगम से लेकर नागवासुकि तक घाट पर स्नान कराने की तैयारी है।

ट्रेनों व बसों से आने वाले श्रद्धालुओं तथा निजी वाहनों से आ रहे श्रद्धालुओं को स्नान कराकर शीघ्र ही सकुशल वापसी पर जोर रहेगा।मेला क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को ध्यान में रखते हुए मेडिकल कैम्प लगाए गए हैं। आपातकालीन स्थिति के लिए एम्बुलेंस सेवाएं और डॉक्टरों की टीम भी मौजूद है।

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