मुख्यधारा ब्यूरो
देहरादून। आज प्रदेश में 88 मामले सामने आए हैं। इसके बाद अब कुल संक्रमितों का आंकड़ा 2623 पहुंच गया है। हालांकि इनमें से 1721 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। जिसके बाद अब प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में 902 संक्रमित भर्ती हैं।
अब तक प्रदेश में 35 सक्रमित लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि वे विभिन्न बीमारियों के कारण पहले से ही अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे थे। अब तक 17 लोग अन्य राज्यों के लिए माइग्रेट हो चुके हैं। प्रदेश में 64.35 प्रतिशत रिकवरी की दर से मरीज लगातार स्वस्थ हो रहे हैं। आज भी 119 मरीज स्वस्थ होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज किए गए। इसे प्रदेश के लिए राहत के रूप में देखा जा रहा है।
आज शाम को जारी हैल्थ बुलेटिन के अनुसार 55 नए मरीज सामने आए हैं। इससे पहले दोपहर की रिपोर्ट में 33 संक्रमित पाए गए थे।
आज इन जिलों से आए इतने संक्रमित
- देहरादून जिले से 13 मरीज पाए गए हैं। इनमें चार लोगों की रिपोर्ट प्राइवेट लैब से आई है।
- नौ संक्रमित पौड़ी गढ़वाल जनपद में पाए गए हैं।
- टिहरी जनपद से 17 मामले आए हैं।
- ऊधमसिंहनगर जिले में आज 26 मरीज पाए गए हैं।
- हरिद्वार जनपद से 6 व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजीटि आई है।
- चंपावत जिले से दिल्ली से लौटे एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
- नैनीताल जनपद से आज 7 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
- पिथौरागढ़ से एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
अब तक कुल 50950 सेंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। हालांकि अभी भी 3626 लोगों को अपनी रिपोर्ट का इंतजार है।
कुल मिलाकर प्रतिदिन संक्रमितों के आंकड़ों में बढौतरी हो रही है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन को भी सतर्कता बरतने के लिए अतिरिक्त कसरत करनी पड़ रही है।
हालांकि एक बात स्पष्ट है कि जैसे-जैसे दिन व्यतीत हो रहे हैं, आम जनों की ओर सेभी कोरोना संक्रमण को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। यह अत्यंत संवेदनशील समय है। यदि वर्तमान में इस बीमारी को लेकर जागरूकता से थोड़ी भी लापरवाही बरती जाती है तो संक्रमण का खतरा और बढ़ सकता है। अब तक ऐसे कई उदाहरण देखे जा चुके हैं, जब एक ही परिवार या संस्थान से जुड़े कई लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।
उदाहरण के रूप में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के परिजनों और उनके स्टाफ को देखा जा सकता है। इसके अलावा देहरादून की मंडी में भी कई संक्रमित ऐसे पाए गए और पिछले दिनों ऋषिकेश मंडी में भी एक साथ कई लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। यही नहीं मंडी अध्यक्ष भी संक्रमण की चपेट में आने से नहीं बच पाए। ऐसे में इससे बचने का एकमात्र उपाय सोशल डिस्टेंसिंग और जागरूकता है। जिससे स्वयं और दूसरों की जिंदगी को भी बचाया जा सकता है।