Uttarkashi woman gave birth to three children : उत्तरकाशी की महिला ने तीन बच्चों को दिया जन्म
प्रसव पीड़िता के लिए भगवान बनी नर्सिंग ऑफिसर निशा नौटियाल!
नीरज उत्तराखंडी/उत्तरकाशी
आपने अक्सर तीन या चार बच्चों के जन्म की बातें सुनी होंगी। ऐसा ही एक मामला इस बार उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद से आया है, जहां एक महिला ने तीन स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया है। हालांकि प्रसव पीडि़त महिला के लिए अस्पताल में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर तैनात निशा नौटियाल भगवान बनकर खड़ी हुई, जिसने संसाधनों के अभाव में न सिर्फ तीनों बच्चों का सुरक्षित प्रसव कराया, बल्कि दर्द से कराह रही महिला को भी जीवनदान दे दिया।
निशा नौटियाल के कर्तव्यनिष्ठ सेवा समर्पण को सलाम करते हुए स्थानीय ग्रामीणों के बीच चारों ओर उनकी खूब सराहना हो रही है। लोगों के मुख से कहते हुए सुनाई दे रहा है कि संसाधनों के अभाव में सफल प्रसव कराकर प्रसव पीडि़त महिला की जान बचाने वाली अधिकारी उनके लिए भगवान से कम नहीं है। संसाधनों का बहाना बनाकर अपने कर्तव्यों से कन्नी काटने वाले स्वास्थ्य विभाग के अन्य कार्मिकों के लिए भी स्वास्थ्य अधिकारी निशा नौटियाल एक सीख दे गई।
जनपद उत्तरकाशी के यमुनाघाटी के अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं एवं संसाधनों का भारी अभाव है, जिस कारण कई प्रसव पीडि़त महिलाएं प्रसव के दौरान यहां अपनी जान गंवा चुकी है, लेकिन नौगांव में तैनात नर्सिंग अधिकारी निशा नौटियाल ने यह साबित कर दिखाया कि यदि कर्तव्य के प्रति संकल्प समर्पण सेवाभाव और अनुभव हो तो सीमित संसाधनों में भी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
संसाधनों से ज्यादा रोगियों के प्रति सेवाभाव, पेशे की सही जानकारी ,काम के प्रति समर्पण की आवश्यकता होती है।
बतातें चलें कि रविवार रात्रि को सुदूरवर्ती विकासखंड मोरी के दडगाण गांव की प्रसव पीडि़त महिला को सामुदायिक स्वास्थ केंद्र नौगांव लाया गया। नौगांव सीएचसी में स्त्री रोग विशेषज्ञ (गायनेकोलॉजिस्ट) नहीं है। उसके बावजूद नर्सिंग ऑफिसर निशा नौटियाल ने अपने अनुभव और सूझबूझ से 3 बच्चों को जन्म देने वाली महिला का सुरक्षित प्रसव कराया है। तीनों बच्चे स्वस्थ हैं।
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नर्सिंग ऑफिसर निशा नौटियाल ने बताया कि रविवार रात को नाइट ड्यूटी पर थी। इसी दौरान मोरी ब्लॉक से प्रसव पीडि़त महिला सुनिधि पत्नी सुमन अस्पताल में आए। महिला के पास न तो अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट थी, ना ही खून की जांच की रिपोर्ट थी। प्रसव पीडि़ता की जैसी स्थिति थी, उसका ऑपरेशन ही मात्र एक उपाय था। तीनों बच्चों ने पेट के अंदर निकोनियम भी पास कर रखा था और तीसरे बच्चे के गले में नाल भी फंसी हुई थी। ऐसी विषम परिस्थितियों के बावजूद निशा नौटियाल ने अपने अनुभव और सूझबूझ से महिला की नार्मल डिलीवरी करवाई है। बताया गया कि इस केस में दो बच्चों का वजन 1 किलो 600 ग्राम था। जिसके बाद डॉक्टर आशीष असवाल ने चारों को देहरादून रैफर कर दिया, लेकिन परिजनों ने चारों को स्वस्थ देख अपने घर ले गए हैं।