वायनाड त्रासदी: प्राकृतिक आपदा ने वायनाड को दिए गहरे जख्म, अब तक 156 लोगों की मौत, चारों तरफ तबाही का मंजर, रेस्क्यू जारी
मुख्यधारा डेस्क
दक्षिण भारतीय राज्य का खूबसूरत जिला वायनाड सोमवार देर रात (2 बजे) आई प्राकृतिक आपदा के बाद देश भर में सुर्खियों में है। बारिश और भूस्खलन से अब तक 156 लोगों की मौत हो गई है। 200 से ज्यादा अभी भी लापता है। करीब 22 हजार की आबादी वाले 4 गांव सिर्फ 4 घंटे में पूरी तरह तबाह हो गए हैं। चारों तरफ बर्बादी ने इन गांवों की खूबसूरती को उजाड़ दिया है। घर दफन हो गए और सैकड़ों लोग मलबे में दब गए। हादसे के बाद वायरल हुई तस्वीरें पूरे देश को झकझोर गई। लापता हुए लोगों की खोजबीन के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। भूस्खलन प्रभावित इलाकों तक सेना पहुंच चुकी है और लगातार बचाव कार्य जारी है। रेस्क्यू कार्य में एनडीआरएफ समेत कई टीमें लगी हुई है।
वायनाड हादसे पर मंगलवार को बजट सत्र के दौरान राजनीतिक दलों के नेताओं ने शोक संवेदनाएं जताई। साल 2019 से पहले केरल के वायनाड के बारे में लोग ज्यादा परिचित नहीं थे। पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी यहीं से लोकसभा चुनाव लड़े और जीते। इस बार भी लोकसभा चुनाव राहुल गांधी रायबरेली के साथ वायनाड से भी लड़े। हालांकि बाद में उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी।
सोमवार देर रात जब वायनाड में बारिश और लैंडस्लाइड ने तबाही मचाई तब यह जिला खबरों में बना हुआ है। बता दें कि वायनाड, केरल के नॉर्थ-ईस्ट में है। यह केरल का एकमात्र पठारी इलाका है। यानी मिट्टी, पत्थर और उसके ऊपर उगे पेड़-पौधों के ऊंचे-नीचे टीलों वाला इलाका। केरल का 43% इलाका लैंडस्लाइड प्रभावित है। वायनाड की 51% जमीन पहाड़ी ढलाने हैं। यहां लैंडस्लाइड का खतरा बना रहता है। केरल का यह पहाड़ी क्षेत्र बारिश के सीजन में हमेशा संवेदनशील रहा है। 5 साल पहले 2019 में भी भारी बारिश की वजह से इन्हीं गांवों में लैंडस्लाइड हुई थी, जिसमें 17 लोगों की मौत हुई थी। 5 लोगों का आज तक पता नहीं चला। 52 घर तबाह हुए थे।
इससे पहले केरल में अगस्त 2018 में आई प्राकृतिक आपदा में 483 लोगों की मौत हो गई थी। इस आपदा को राज्य की ‘सदी की बाढ़’ कहा गया था। त्रासदी में ना सिर्फ लोगों की जान गईं, बल्कि संपत्ति और आजीविका भी नष्ट हो गई थी। केंद्र सरकार ने 2018 की बाढ़ को ‘डिजास्टर ऑफ सीरियस नेचर’ घोषित किया था।
अक्टूबर 2021 में फिर लगातार बारिश के कारण भूस्खलन हुआ, जिससे राज्य के इडुक्की और कोट्टायम जिलों में 35 लोगों की मौत हो गई थी। 2021 में भारी बारिश और बाढ़ से संबंधित घटनाओं ने केरल में 53 लोगों की जान ले ली थी। केरल में वायनाड को पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है। ये समुद्र तल से 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यहां हरी-भरी वनस्पतियां, धुंध से ढकी पहाड़ियां और शुद्ध हवा इलाके को स्वर्ग बना देती हैं। लेकिन, आज हालात अलग हैं। चारों तरफ मलबा पसरा है और जगह-जगह सड़कें धंसी हैं। जो तस्वीरें आई हैं, वो वायनाड में हुई तबाही का मंजर बताने के लिये काफी हैं।
दरअसल, सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात वायनाड में जबरदस्त बारिश आफत बन गई। रात एक बजे से 5 बजे के बीच तीन बार लैंडस्लाइड हुई और इससे पहाड़ के नीचे चेलियार नदी के कैचमेंट में बसे चार खूबसूरत गांव चूरलमाला, अट्टामाला, नूलपुझा और मुंडक्कई में तबाही आ गई। बड़े-बड़े पत्थर और मलबे में गांव के गांव चपेट में आ गए। कुछ ही देर में सैकड़ों घर मलबे का ढेर बन गए।मंगलवार सुबह तक रुक-रुक कर बारिश होती रही ।इस बीच, सेना, नौसेना, वायुसेना, एनडीआरएफ और केरल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। हालांकि, मौसम अभी भी इतना खराब है कि जवान अपनी जान पर खेलकर लोगों को इस आपदा से निकालने में जुटे हैं।
इस घटना के बाद केरल सरकार ने राज्य में दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। मौसम विभाग ने राज्य के 8 जिलों में बुधवार को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। यहां के सभी स्कूल बंद रहेंगे। आज राहुल और प्रियंका वायनाड जाने वाले थे, लेकिन खराब मौसम की वजह उन्हें लैंडिंग की परमिशन नहीं मिली।