विश्व साइकिल दिवस (world cycle day) : तंदुरुस्त जीवन और अच्छे पर्यावरण के लिए आओ शान की सवारी से शुरू करें सफर - Mukhyadhara

विश्व साइकिल दिवस (world cycle day) : तंदुरुस्त जीवन और अच्छे पर्यावरण के लिए आओ शान की सवारी से शुरू करें सफर

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शंभू नाथ गौतम

अच्छे स्वास्थ्य के लिए योग, वॉकिंग और एक्सरसाइज के साथ डॉक्टर्स और एक्सपर्ट साइकिल (world cycle day) चलाने की भी सलाह देते हैं, लेकिन भागमभाग भरे जीवन में बहुत से लोग साइकिल नहीं चला पा रहे हैं। जिस कारण लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है।

90 के दशक तक भारत में साइकिल(world cycle day) ‘शान की सवारी’ हुआ करती थी। उसके बाद यही सवारी धीरे-धीरे शहरों में कम होती चली गई, लेकिन हाल के कुछ वर्षों में साइकिल एक बार फिर से सड़कों पर लौट आई है।

साइकिल(world cycle day) एक ऐसी सवारी है जो आज भी बहुत सस्ती और किफायती साधन मानी जाती है। यानी पेट्रोल और डीजल के बढ़े हुए दामों से साइकिल को कोई मतलब नहीं रहता है। इसको चलाने के लिए बस पेंडल भरो और सफर शुरू कर दो। इसके साथ साइकिल चलाने से पूरे शरीर की एक्सरसाइज हो जाती है। ‌

आज 3 जून है। हम साइकिल(world cycle day) की चर्चा इसलिए कर रहे हैं कि आज दुनिया में विश्व साइकिल दिवस (वर्ल्ड साइकिल डे) मनाया जा रहा है। यह दिन इसलिए सेलिब्रेट किया जाता है ताकि लोगों को यह जानकारी मिले कि साइकिलिंग की मदद से समाज को कितना लाभ मिल सकता है। साइकिल(world cycle day) सेहत से जुड़ी कई बीमारियों को भी दूर रखने में हमारी मदद करती है। एक हेल्‍दी समाज के निर्माण में साइकिल एक अभूतपूर्व भूमिका निभा सकती है।

2 साल पहले देश में कोरोना के बाद लगाए गए लॉकडाउन में साइकिल ही बहुत उपयोगी साबित हुई। पिछले कुछ वर्षों में साइकिल चलाना एक चलन बन गया है और इसने युवाओं के इसे देखने के तरीके को बदल दिया है। आज सरकारें और संस्थाओं के साथ कॉरपोरेट्स भी इसको बढ़ावा दे रहे हैं और उन्हें साइकिल चलाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। यह न केवल मजेदार है, बल्कि पर्यावरण के प्रति कार्य करने का एक अच्छा तरीका भी है।

साइकिल(world cycle day) सभी के बचपन के दिनों से जुड़ी है

साइकिल(world cycle day) सभी के बचपन के दिनों से जुड़ी रही है। साइकिल का नाम सुनते ही बचपन के सुनहरे दिन भी याद आ जाते हैं। करीब तीन दशक पहले साइकिल की रफ्तार सड़कों पर कुछ कम पड़ गई थी।

साइकिल(world cycle day) के स्थान पर मोटरसाइकिल, स्कूटर और कार ने लेेेे लिया, लेकिन हाल के वर्षों में भारत ही नहीं बल्कि विश्व के तमाम देशों में साइकिल(world cycle day) को लोग एक बार फिर याद कर रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से एक बार फिर से साइकिल की टिनटिन (घंटी) सड़कों पर फिर सुनाई देने लगी है। उसका बड़ा कारण यह है कि आज बाइक और कार से चलने वाले लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है।

बता दें कि हमारे देश में साइकिल(world cycle day) की शुरुआत वर्ष 1950 के दशक में हुई थी। उस दौर में सड़कों पर सुबह और शाम ऑफिस, स्कूल-कॉलेज फैक्ट्री समेत आदि स्थानों पर आने जाने वाले लोगों की ‘घंटी’ की आवाज सुनाई देती थी। उस दौरान गांव से लेकर शहर तक अधिकांश लोग साइकिल से ही सफर किया करते थे। किसान, ग्रामीण सभी साइकिल से चला करते थे, यही नहीं भारतीय डाक विभाग तो आज भी साइकिल से ही डाक बांटता है। दूधवाले-अखबार वालों की पहली पसंद साइकिल ही रही है। साइकिल(world cycle day) ही ऐसी सवारी है, जिसे बच्चे, जवान-बुजुर्ग हर आयु के वर्ग चला सकते हैं। साइकिल की सवारी मनुष्य को मानसिक, शारीरिक रूप से मजबूत बनाने का कार्य करती है। इसमें अन्य व्यायामों की तरह न चोटिल होने का डर है और न ही इसे चलाने में किसी विशेष तकनीकी ज्ञान की जानकारी की आवश्यकता होती है।

साल 2018 से विश्व साइकिल दिवस(world cycle day) मनाने की हुई की शुरुआत

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहला आधिकारिक विश्व साइकिल(world cycle day) दिवस 3 जून, 2018 को मनाया गया था। यह दिवस परिवहन के एक सरल, किफायती, भरोसेमंद और पर्यावरण की सुरक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। पिछले कुछ वर्षों में भारत, चीन, यूरोप के नीदरलैंड, फिनलैंड और डेनमार्क समेत कई देशों में साइकिल चलाने वाले लोगों की संख्या तेजी के साथ बढ़ती जा रही है।

नीदरलैंड में 40% से अधिक लोग काम पर जाने के लिए साइकिल का ही प्रयोग करते हैं। इसके फायदों की बात करें तो साइकिल परिवहन का एक सरल साधन तो है ही। साथ ही यह पर्यावरण के संरक्षण में भी काफी योगदान दे सकती है। आज तमाम देशों में लोग साइकिल से चलने के लिए प्राथमिकता दे रहे हैं।

हर रोज साइकिल(world cycle day) चलाने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है

अगर इससे जुड़ी शारीरिक और मानसिक सेहत की जानकारी दें तो शोधों में पाया गया है कि रोजाना आधा घंटा साइकिलिंग करना हमें मोटापे, हृदय रोग, मानसिक बीमारी, मधुमेह और गठिया आदि कई बीमारियों से बचा सकता है। साइकिलिंग से पर्यावरण में प्रदूषण नहीं होता, आधा घंटा साइकिलिंग से बॉडी फिट रहती है और शरीर पर चर्बी नहीं आती। साइकिल चलाने से इम्यून सिस्टम अच्छा रहता है और पाचन क्रिया ठीक रहती है।

रोजाना साइकिलिंग से दिमाग 15 से 20 फीसदी एक्टिव रहता है। साइकिलिंग सबसे सस्‍ता परिवहन साधन है। हार्ट और लंग्स स्‍ट्रॉन्‍ग रहते हैं और कई जानलेवा बीमारियां दूर रहती हैं। हमें भी संकल्प लेना होगा अच्छी सेहत और बढ़ते प्रदूषण को हटाने के लिए गाड़ियों और मोटरसाइकिलों से न चलकर छोटे सफर के लिए साइकिल से ही चलने की आदत डालनी होगी।

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