एक्सक्लूसिव: World No-Tobacco Day : तंबाकू के सेवन करने से पहले इसके दुष्प्रभावों के बारे में जरूर सोचिए, जियो स्वस्थ जिंदगी - Mukhyadhara

एक्सक्लूसिव: World No-Tobacco Day : तंबाकू के सेवन करने से पहले इसके दुष्प्रभावों के बारे में जरूर सोचिए, जियो स्वस्थ जिंदगी

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शंभू नाथ गौतम

आज मई महीने का आखिरी दिन है। यह एक ऐसी तारीख है, जो लोगों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने और जागरूक रहने के साथ बुरी आदतों को छोड़ने के लिए याद भी दिलाती है। अगर आपका शरीर फिट है तो सब कुछ अच्छा लगेगा। बीमार व्यक्ति एक सफल काम कभी नहीं कर सकता है। वैसे भी जो मौजूदा समय चल रहा है इसमें कितनी भी सावधानी बरत लो, लेकिन नई-नई बीमारियां आपको घेर ही लेती हैं। आइए अब चर्चा को आगे बढ़ाते हैं।

आज 31 मई है । इस दिन दुनिया में ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ (वर्ल्ड नो टोबैको डे) World No-Tobacco Day मनाया जाता है। ‌बता दें कि तंबाकू के इस्तेमाल से होने वाली हेल्थ संबंधी दिक्कतों के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल आज ही के दिन वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाया जाता है। तंबाकू ऐसा नशा है, जिसको ‘धीमा जहर’ भी कहा जाता है। जो धीरे-धीरे पूरे शरीर को अपने ‘आगोश’ में ले लेता है। इसके सेवन से व्यक्ति को निकोटीन की आदत पड़ जाती है और इसका असर दिमाग पर भी पड़ता है।

तंबाकू खाने से महिलाओं में फेफड़ों का कैंसर, दिल का दौरा, सांस की बीमारी, प्रजनन संबंधी विकार, निमोनिया से जुड़ी समस्याएं ज्यादा होती है। ज्यादातर लोग पूरी तरह अपना मुंह नहीं खोल पाते हैं। मुंह के अंदर दोनों ओर सफेद लाइन कैंसर की तरफ बढ़ने का संकेत हैं। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये खतरनाक हो सकता है। इसके साथ दिल और गले में भी तंबाकू चबाना खतरनाक होता है। तंबाकू का निकोटीन ब्लड प्रेशर भी बढ़ाता है।

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जब आप धूम्रपान करते हैं तो उसका धुंआ पूरे श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। ये आंख, कान और फेफड़ों को प्रभावित करता है।

दुनियाभर में हर साल तंबाकू के सेवन से 80 लाख से ज्यादा लोग गंवाते है जान

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन रिपोर्ट के अनुसार तंबाकू के सेवन से दुनियाभर में हर साल 80 लाख से ज्यादा लोग मरते हैं। इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक और जानलेवा है।

बता दें कि हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No-Tobacco Day) अलग ‘थीम’ के साथ मनाया जाता है। इस साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम ‘पर्यावरण की रक्षा करें’ है। यह थीम पर्यावरण पर तंबाकू के प्रभाव पर केंद्रित है। भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में इस दिन धूम्रपान छोड़ने के लिए तमाम करा के आयोजन किए जाते हैं। जिसमें लोगों, खासतौर पर युवाओं को तंबाकूू छोड़ने के लिए जागरूक किया जाता है।

साल 1987 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने की हुई थी शुरुआत

बता दें कि साल 1987 में पहली बार विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों ने इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी। डब्ल्यूएचओ ने एक प्रस्ताव पास कर 7 अप्रैल 1988 के दिन को वर्ल्ड नो स्मोकिंग डे के तौर पर मनाने की घोषणा की। इसी साल एक और प्रस्ताव पास कर हर साल 31 मई को वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाने की घोषणा की गई। उसके बाद से ही हर साल 31 मई को दुनियाभर में वर्ल्ड नो टोबैको डे (World No-Tobacco Day) मनाया जाता है।

इस मौके पर तंबाकू या इसके उत्पादों के उपभोग पर रोक लगाने या इस्तेमाल को कम करने के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को तंबाकू से होने वाले स्वस्थ्य नुकसान के विषय में सचेत करना है। भारत समेत दुनियाभर के देशों में इसके खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है तो दूसरी ओर कंपनियां तंबाकू उत्पादों को युवाओं और महिलाओं में लोकप्रिय करने की कोशिश कर रही हैं।

तंबाकू विरोधी अभियानों पर दुनिया के देश जितना खर्च करते हैं, उससे पांच गुना ज्यादा वे तंबाकू पर टैक्स लगाकर कमाते हैं। इसमें सिगरेट, बीड़ी, गुटखा और खैनी जैसे तंबाकू उत्पादों का सेवन करने वाले लोग शामिल हैं। तंबाकू के प्रति युवा वर्ग भी बहुत तेजी के साथ आकर्षित होते जा रहे हैं। ‌धूम्रपान करना अधिकांश युवा इसे आधुनिक फैशन समझते हैं।

सबसे बड़ा कारण यह है कि युवा वर्ग इससे होने वाले नुकसान के बारे में पहले नहीं सोचते हैं। जब यह नशा पूरे शरीर को बर्बाद कर देता है जब उन्हें होश आता है। तंबाकू के सेवन से कैंसर-फेफड़ों और मुंह का कैंसर होना, फेफड़ों का खराब होना, दिल की बीमारी, आंखों से कम दिखना आदि बीमारियां होती हैं।

यदि आप धूम्रपान छोड़ देते हैं तो आपको तत्काल और दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। अगर आप तंबाकू के आदी हैं तो आज अच्छे जीवन और स्वस्थ शरीर के लिए ‘संकल्प’ लीजिए इसका सेवन कभी नहीं करेंगे।

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