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विश्व टीबी दिवस: समय पर इलाज शुरू करने से क्षय रोग की गंभीर बीमारी से बच सकेंगे

admin
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विश्व टीबी दिवस: समय पर इलाज शुरू करने से क्षय रोग की गंभीर बीमारी से बच सकेंगे

ऋषिकेश/मुख्यधारा

विश्व टीबी दिवस (24 मार्च) के उपलक्ष्य में एम्स ऋषिकेश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान क्षय रोग के प्रति जनजागरुकता के उद्देश्य से प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम व पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

यूथ-20 इंडिया रन-अप सम्मिट की तैयारियों के तहत संस्थान के पल्मोनरी विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बताया गया कि समय पर इलाज शुरू करने से क्षय रोग की गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है।

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कहा गया कि अब टीबी रोग लाइलाज बीमारी नहीं रही। सभी जरूरी बचाव और उपयुक्त दवाओं के पर्याप्त सेवन से इस बीमारी को दूर किया जा सकता है।

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इस दौरान संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन टीबी मुक्त भारत योजना पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि तपेदिक उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शासन-प्रशासन से लेकर ग्राउंड लेबल तक के कार्यकर्ताओं को टीम वर्क के आधार पर कार्य करने की आवश्यकता है।

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कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने प्रतिभागियों के प्रयासोें की प्रशंसा की और समय-समय पर इस प्रकार के जनजागरुकता कार्यक्रमों को सतत रूप से जारी रखने को कहा।

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डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर जया चतुर्वेदी ने प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाते हुए इस बात पर जोर दिया कि जहां इलाज करने वाले चिकित्सकों की टीम को टीबी प्रबंधन में लगातार बदलाव के लिए अनुभव की आवश्यकता है, वहीं उन्हें अपने रोगियों के सम्पूर्ण इलाज के साथ-साथ रोगियों के प्रति भावनात्मक सहानुभूति भी रखनी चाहिए।

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जिला क्षय रोग विभाग और एनटीईपी की कोर कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम के तहत क्षय रोग से संबन्धित विभिन्न प्रश्नों पर आधारित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम के साथ ही पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।

साथ ही विभिन्न विभागों के रेजिडेंट डॉक्टरों के बीच दो दिवसीय अंतर्विभागीय क्विज भी आयोजित की गई। तपेदिक के इतिहास, इसके उपचार और उपचार की नई तकनीक विषय पर आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की टीम विजयी रही। विजेता टीम को प्रशस्ति भेंट कर सम्मानित किया गया।

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इस दौरान पल्मोनरी विभागाध्यक्ष डाॅ. गिरीश सिंधवानी, डॉ. रूचि दुआ, डॉ. मयंक मिश्रा, डॉ. प्रखर शर्मा, डॉ. लोकेश सैनी, डॉ. नीलम कैयस्थ, डॉ. अंबर, डॉ. रंजीता, पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के रेजिडेंट्स डॉक्टर प्रकाश, डॉ.सैकत, डॉ. शरद आदि मौजूद रहे।

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