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World Tourism Day : देश में कई राज्यों की आर्थिकी टूरिस्ट पर निर्भर, पर्यटक प्रेमियों के लिए आज खास दिन, इन पांच देशों में सैलानी कम पैसों पर कर सकते हैं सैर-सपाटा

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World Tourism Day : देश में कई राज्यों की आर्थिकी टूरिस्ट पर निर्भर, पर्यटक प्रेमियों के लिए आज खास दिन, इन पांच देशों में सैलानी कम पैसों पर कर सकते हैं सैर-सपाटा

मुख्यधारा डेस्क

आज घूमने-फिरने का दिन है। देश हो दुनिया में बने पर्यटन स्थलों पर रौनक देखने को मिलती है। आज पर्यटक प्रेमियों का दिन है। हर साल 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। घूमने-फिरने के शौकीन लोगों को पता होगा कि पर्यटन यानी टूरिज्म हमारे ही नहीं बल्कि हमारे देश के विकास में भी अहम भूमिका निभाता है। कई लोगों के घर की रोजी-रोटी टूरिज्म के जरिए ही चलती है। इसीलिए इसे और बढ़ावा देना जरूरी है।

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हमारे भारत देश में भी कई राज्य ऐसे हैं जिनकी राजस्व की मुख्य आय पर्यटन ही है।

जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, गोवा, केरल और सिक्किम आदि प्रदेशों में साल के 12 महीने सैलानियों की भारी भीड़ रहती है। उत्तर प्रदेश की बात करें तो आगरा, वाराणसी और मथुरा में हर रोज हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। आज पर्यटन दिवस पर कई स्मारकों पर प्रवेश शुल्क भी नहीं लगता है।

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उत्तराखंड, हिमाचल समेत कई राज्य सरकारें पर्यटकों को अपने यहां आकर्षित करने के लिए कई सुविधाएं भी देती हैं ।

उत्तराखंड में हरिद्वार, ऋषिकेश और चारों धाम की यात्रा में हर साल लाखों की संख्या में लोग आते हैं। इसके साथ मसूरी और नैनीताल में भी हर रोज सैलानियों की भीड़ देखी जा सकती है। घूमना सिर्फ आपको नई जगहों को देखने का अवसर नहीं देता, बल्कि ये आपको नए लोगों से मिलने, उस जगह के रहन-सहन के बारे में जानने, वहां की संस्कृति को पहचानने का अवसर भी देता है। इसलिए पर्यटन यानी टूरिज्म को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है। इसलिए हर साल विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है।

वर्ल्ड टूरिज्म डे की शुरुआत 1980 में हुई थी। यह संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के पहल के तहत शुरू किया गया था। इस दिन को मनाने के लिए 27 सितंबर का दिन इसलिए चुना गया, क्योंकि इसी दिन 1970 में संयुक्त राष्ट्र पर्यटन संगठन की स्थापना कू गई थी।

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इस संगठन का उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना और इसके विकास को बढ़ावा देना है। हर साल वर्ल्ड टूरिज्म डे के लिए एक अलग थीम चुनी जाती है। 2024 में विश्व पर्यटन दिवस की थीम “Tourism and Peace” है। यानी शांति और पर्यटन। यह थीम दुनियाभर में शांति को बनाए रखने पर जोर देता है, ताकि पर्यटन के रास्ते हर देश के लिए खुले रहें और इसे बढ़ावा मिले।

टूरिस्ट अब सोलो ट्रैवलिंग को सबसे ज्यादा महत्व दे रहे हैं। इसके साथ ही अब टूरिस्ट शॉर्ट और लॉन्ग ट्रैवलिंग पसंद कर रहे हैं‌‌। पहले टूरिस्ट खास दिनों में या फिर गर्मियों में ही घूमने के लिए जाया करते थे, लेकिन अब टूरिस्ट हर हफ्ते अपने आसपास की जगहों को एक्सप्लोर करने के लिए जाते हैं। शांति और सुकून के लिये हिल स्टेशनों की तरफ रुख करते हैं‌। आइए जानते है विश्व पर्यटन दिवस के उपलक्ष में दुनिया की 5 बजट फ्रेंडली देश जहां आप कम पैसों में आनंद उठा सकते है। कम बजट हो तब सबसे पहले किसी देश का नाम याद आता है तो वो है भूटान।

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भूटान एक ऐसी जगह है जहां आप बिल्कुल कम पैसों में घूम कर आ सकते हो। तभी तो इसे कहते है घर से दूर एक और घर। पूर्वी हिमालय में बसा भूटान अपने राजसी मठों और लुभावने दृश्यों के लिए जाना जाता है। भूटान भारत का पड़ोसी देशों में से एक है। साथ ही इस देश में वीजा की भी बिल्कुल जरूरत नहीं पड़ती है। मेड इन चाइना प्रोडक्ट के अलावा आप हांगकांग महानगर के भी मजे ले सकते है। हांगकांग दिल्ली से महज 3,769 किलोमीटर की दूरी पर है। ऐसे में विश्व पर्यटन दिवस के अवसर आप इस देश में घूमने का आनंद ले सकते हैं। एक द्वीप पर अपनी संस्कृति को समेटे एक देश जिसका नाम बारबाडोस है। यह देश पूर्वी कैरेबियन में स्थित है। मजे की बात यह है कि आप यहां भी बिना वीजा के जा सकता है। हिंद महासागर में स्थित एक देश, जिसका नाम मालदीव है। वह अपनी खूबसूरत ओवरवाटर बंगलों और क्रिस्टल-क्लियर पानी के लिए जानी जाती है। आप अगर इस देश में अपना आना चाहते है तो यहां भी वीजा की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी। सस्ते ट्रिप की बीत आए और नेपाल का नाम न आए ऐसा हो ही नही सकता। माउंट एवरेस्ट सहित हिमालय का घर, नेपाल ट्रेकर्स और एक स्वर्ग है। नेपाल भी भारत का पड़ोसी देश है। नेपाल की राजधानी काठमांडू है।

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