ग्राम पिपलेथ (ब्लाॅक नरेंद्रनगर) में जिला नवाचार निधि के अतंर्गत छः माह का कृषि सुधार कार्यक्रम संचालित किया गया, जिसका आज समापन हुआ। साथ ही किसानों को जैविक दवाइयों का भी बितरण किया गया। इस कार्यक्रम के तहत आंचल संस्था द्वारा इन गावोें में अदरक की खेती में लगने वाली बीमारियों का उपचार किया गया, जिसमें रानीचौरी के कृषि विज्ञान केंद्र की मदद ली गई है। इस अवसर पर मौजूद रहे पूर्व जिला उद्यान अधिकारी श्री बी डी कुशवाहा ने किसानों से अदरक की खेती में आने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी ली एवं उनका समाधान भी किसानों को बताया। साथ ही श्री कुशवाहा ने किसानों को बकरी पालन की भी जानकारी दी तथा इसके आर्थिक लाभ भी किसानों को बताए। इसी क्रम में किसानों को आश्वस्त किया गया कि इक्षुक किसानों को आंचल संस्था द्वारा योजना का लाभ दिलाने में मदद की जाएगी।
कृषि विशेषज्ञ डा. आलोक येवले ने अदरक की खेती का नियमित अवलोकन किया है और उपचार की विधि किसानों को बताई। संस्था समय समय पर कृषि विशेषज्ञ द्वारा बताई गई दवाइयां किसानों को उपलब्ध कराती रही है जिसका इस्तेमाल किसान बताई गई विधि द्वारा किया। अर्थ एवं संख्या विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा निरीक्षण किए जाने पर किसानों ने उन्हें बताया कि उपचार की गई अदरक की फसल पूर्व की फसल से कई गुना बेहतर हो रही है। इस बार फसल में गलन का रोग नहीं हो रहा है जिससे हर साल फसल खराब हो जाती थी।
आंचल पर्वतीय विकास चेतना केंद्र द्वारा उदखंडा, पिपलेथ, कठ्या, बेमुंड आदि गावों के सौ किसान परिवारों को छः माह पूर्व अदरक के उपचार की विधि व आवश्वक दवाइयों की जानकारी उपलब्ध करायी गयी। आंचल संस्था के समन्वयक दीपक कंडारी ने बताया कि अदरक की फसल को बीमारी मुक्त कर उसका उच्च गुणवत्ता के साथ उत्पादन बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है ताकि अदरक इन गावों के किसानों की आजीविका का साधन बन सके।
समापन समारोह में पूर्व जिला उद्यान अधिकारी श्री बी डी कुशवाहा, कृषि विज्ञान केंद्र रानीचैरी के कृषि विशेषज्ञ डा. आलोक येवले, टीएचडीसी टिहरी के सीएसआर प्रभारी महेंद्र राणा एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रेम सिंह नेगी मौजूद रहे। साथ ही आंचल संस्था के संरक्षक विनोद काठियाल, सचिव सुमन डोभाल, कोषाध्यक्ष भानू रावत, समन्वयक दीपक कंडारी व 100 से अधिक किसान मौजूद रहे।