2000 note out of circulation: 2000 के नोट सरकुलेशन से बाहर, साढ़े 6 साल बाद फिर नोटबंदी की यादें हुई ताजा
अफवाहों के बीच आरबीआई ने नोट बदलने के लिए तय किए दिशा-निर्देश
मुख्यधारा डेस्क
शुक्रवार 19 मई को पूरा दिन देशवासियों के लिए सामान्य रूप से अपनी गति से दौड़ता रहा। लेकिन शाम होते-होते एक बार फिर साढ़े 6 साल पहले की गई नोटबंदी की यादें ताजा हो गईं। शाम करीब 6 बजे आरबीआई ने जैसे ही 2000 रुपए के नोट को सरकुलेशन से बाहर करने का बड़ा फैसला किया।
आरबीआई के अचानक किए गए इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से ट्रेंड होने लगी। फेसबुक, व्हाट्सएप समेत तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ₹2000 के नोट को लेकर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया।
आरबीआई के मुताबिक अब ₹2000 का बाजार में चलन बंद हो जाएगा। अभी इसका लीगल टेंडर जारी रहेगा। मतलब, जिनके पास दो हजार रुपए का नोट है उसकी वैल्यु अभी बनी रहेगी। आने वाले समय में यह धीरे-धीरे सर्कुलेशन से पूरी तरह हट जाएगा।
बता दें कि नोटबंदी के फैसले के बाद नवंबर 2016 में 2000 रुपए का नोट इंट्रोड्यूस किया गया था। 8 नवंबर 2016 को मोदी सरकार ने नोटबंदी का ऐतिहासिक फैसला लिया था। इसके तहत 500 और 1000 रुपए के नोट का लीगल टेंडर वापस ले लिया गया था।
इस फैसले के बाद ही रिजर्व बैंक ने 2000 का नोट जारी किया था। आरबीआई के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर अफवाहों का दौर भी तेजी से जारी है। हालांकि रिजर्व बैंक ने इसे नोटबंदी नहीं बताया और लोगों को गाइडलाइन भी तय करती है।
आइए जानते हैं आरबीआई ने अपने इस फैसले के बाद क्या दिशा निर्देश जारी किए हैं:-
रिजर्व बैंक 2000 का नोट सर्कुलेशन से वापस लेगा, लेकिन मौजूदा नोट अमान्य नहीं होंगे। आरबीआई ने कहा कि इसका ऑब्जेक्टिव पूरा होने के बाद 2018-19 में इसकी प्रिटिंग बंद कर दी गई थी।
आरबीआई ने अपने सर्कुलर में लिखा है कि वो 2000 के नोट को सर्कुलेशन से बाहर कर रहा है। इसकी कोई तारीख या समय नहीं दिया है। यानी ये फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। बैंक में जाकर इन नोटों को बदला जा सकता है। इसके लिए 30 सिंतबर 2023 तक का समय है।
नोट बदलने में कोई परेशानी न हो इसलिए बैंकों को भी इसके बारे में जानकारी दी गई है। लेन-देन के लिए ₹2000 के नोटों का इस्तेमाल जारी रख सकते हैं और उन्हें पेमेंट के रूप में रिसीव भी कर सकते हैं। हालांकि, RBI ने 30 सितंबर 2023 को या उससे पहले इन बैंक नोटों को जमा करने या बदलने की सलाह दी है।
नॉन-अकाउंट होल्डर भी किसी भी बैंक शाखा में एक बार में ₹20,000/- की सीमा तक ₹2000 के नोट बदलवा यानी दूसरे डिनॉमिनेशन में एक्सचेंज करवा सकते हैं।
वहीं अगर आपका अकाउंट है तो आप कितने भी 2000 के नोट डिपॉजिट कर सकते हैं। सरकार ने इसे अभी चलन में भले ही बनाकर रखा है, लेकिन व्यापारी इससे लेनदेन करने में कतरा सकते हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि इन्हें बैंक से ही बदल लें। क्लीन नोट पॉलिसी’ के तहत रिजर्व बैंक ने यह फैसला किया है।
‘क्लीन नोट पॉलिसी में लोगों से गुजारिश कि गई है कि वह करेंसी नोट्स पर कुछ भी न लिखें, क्योंकि ऐसा करने से उनका रंग-रूप बिगड़ जाता है और लाइफ भी कम हो जाती है। लोगों को लेन-देन में अच्छी क्वालिटी के बैंक नोट (पेपर करेंसी) मिलें इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए क्लीन नोट पॉलिसी लागू की गई है। जिसके भी पास 2 हजार का नोट है उसे बैंक में जाकर बदलना होगा।
2016 की नोटबंदी में जब 500 और 1000 को नोट बंद किए गए थे तो उसे बदलने के लिए लंबी लाइनें लग गई थी। इस कारण लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी थी। इस बार वैसी स्थिति तो नहीं बनेगी, लेकिन थोड़ी बहुत परेशानी उठाना पड़ सकता है।
बता दें कि 2016 में बंद किए गए 500 और 1000 के नोट की कमी को पूरा करने के लिए 2000 के नोट छापे गए थे। जब पर्याप्त मात्रा में दूसरे डिनॉमिनेशन के नोट उपलब्ध हो गए तो 2018-19 में 2000 के नोटों की छपाई बंद कर दी गई।
यानी ये सीधे तौर पर नहीं कहा जा सकता है 2000 के नोटों को सर्कुलेशन से बाहर करना सरकार की भूल सुधार है। यह फैसला सभी के लिए लागू है। हर व्यक्ति को जिसके पास 2000 के नोट हैं, उसे उन्हें 30 सितंबर तक बैंक की किसी भी ब्रांच में डिपॉजिट करने या दूसरे नोटों से एक्सचेंज कराने होंगे।