बुधवार को हुई उत्तराखंड मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इसी कड़ी में पंचायती राज नियमावली में संशोधन कर दिया गया है। ऐसे में अब सहकारी समितियों के सदस्य भी पंचायत चुनाव लड़ सकते हैं। इसके अलावा राज्य सरकार का नियंत्रण आबकारी विभाग के अंतर्गत एथेनाल के मामलों में खत्म कर दिया गया है।
चारधाम सड़क परियोजना के तहत ऋषिकेश बाई पास सड़क निर्माण के लिए निर्माण करने वाली कंपनी को जीएसटी में छूट देने का फैसला लेने के साथ ही सीरा नीति संसोधन प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है।
यही नहीं उत्तर प्रदेश द्वारा उत्तराखंड को कुंभ के लिए 697.57 हेक्टेयर भूमि दी जाएगी। साथ ही उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच परिसंपत्तियों को लेकर 20 मुद्दों पर बनी सहमति बनी है। 428 हेक्टेयर भूमि के अंतर्गत 380 हेक्टेयर भूमि उत्तरप्रदेश से उत्तराखंड सिंचाई विभाग को मिलेगी, एक महीने के भीतर उत्तर प्रदेश कैबिनेट से पास होकर इस जमीन के मिलने की संभावनाएं हैं। कार्बेट नेशनल पार्क में स्पेशल प्रोटेक्शन टाइगर फोर्स गठन के साथ ही 85 पद इसके लिए सृजित किए जाएंगे। यही नहीं डिजिटल कार्यशैली को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड में आगामी समय में होने वाली मंत्रिमंडल की बैठकों को भी पेपरलैस कर दिया जाएगा। आवासीय निर्माण के तहत 105 मीटर तक निर्माण के लिए प्राधिकरण में इंपेनल्ड आर्किटेक्ट के द्वारा भी नक्शा मान्य होगा। इसके अलावा सीएम आवास और सीएम सचिवालय में कैंटीन संचालन के लिए कर्मचारियों के 24 पद स्वीकृत किए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि पिछले काफी समय से सहकारी समितियों के सदस्यों को भी पंचायत चुनाव में मौके दिए जाने की बात कही जा रही थी। बुधवार की कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों के बाद यह कुहांसा भी छंट गया है। ऐसे में पंचायत चुनाव की अर्हता रखने वाले सहकारी समितियों के सदस्य भी इस चुनाव में अपना भाग्य आजमा सकते हैं।