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Pollution: प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद देशभर में पहले नंबर पर, खराब आबो-हवा से लोगों का घुट रहा दम

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Pollution: प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद देशभर में पहले नंबर पर, खराब आबो-हवा से लोगों का घुट रहा दम

मुख्यधारा डेस्क

आज बात करेंगे देश की राजधानी दिल्ली के आसपास क्षेत्रों की। राजधानी के आसपास क्षेत्र एनसीआर में आते हैं। पिछले दो दशकों से दिल्ली-एनसीआर में चमक-दमक तो बहुत बढ़ी लेकिन बीमार भी बनाया। एनसीआर में आने वाला हरियाणा का फरीदाबाद शहर, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में जबरदस्त प्रदूषण की वजह से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। सर्दियों के सीजन में यहां सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। हालांकि अभी सर्दी आई नहीं है उससे पहले हालत खराब होने लगे हैं।

दिल्ली-एनसीआर में आने वाला जिला गाजियाबाद की खराब आबो-हवा से लोगों का दम घुट रहा है। गाजियाबाद शहर पूरे देश में सबसे प्रदूषित वाला जिला बन गया है। यहां पर लगातार तीन दिन से हवा खराब है। यहां का एक्यूआई 275 दर्ज किया गया। यह पहली बार नहीं है कि गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा है।

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वहीं दूसरे स्थान की बात करें तो ग्रेटर नोएडा रहा। यहां का एक्यूआई 271 दर्ज किया गया। इसके बाद भी संबंधित विभाग के अधिकारी मौन हैं। जमीन पर कोई काम नहीं है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी), जीडीए, नगर निगम, परिवहन विभाग समेत जिले के 20 से अधिक विभाग प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नहीं रोक पा रहे हैं।

यूपीपीसीबी जीडीए नगर निगम यातायात विभाग समेत जिले के 20 से अधिक विभाग भी प्रदूषण को कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं। 201 से लेकर 300 तक का एयर इंडेक्स काफी खराब माना जाता है। अभी से यह शहरों का यह हाल है, जबकि अभी हरियाणा और पंजाब के पराली का असर तो शुरू ही नहीं हुआ है। जिसके बढ़ने से हर साल लोगों को कई तरह की दिक्कतों का समाना करना पड़ता है।

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पॉल्युशन का सबसे बड़ा कारण सड़कों पर उड़ने वाली धूल- मिट्टी है। और ऐसा ही कुछ हाल गाजियाबाद का भी है। यहां अभी भी सड़कों पर गड्ढे नजर आते हैं। उन सड़कों से गुजरने वाले लोग और वाहनों से धूल उड़ती रहती है, जो शहर के पॉल्युशन लेवल को बढ़ाने का कारण रहे हैं। प्रदूषण बढ़ने का एक कारण अवैध फैक्ट्री भी है। लोनी देहात क्षेत्र में अवैध फैक्ट्रियों के अधिक नंबर में होने से भी प्रदूषण हमेशा से ज्यादा रहा है।

वहीं यहां की टूटी सड़कों का भी इसमें योगदान है। वहीं यहां पुराने वाहनों की संख्या में अधिक है वो भी एक अहम कारण है। इन जगहों पर पुराने वाहनों को भी चलाया जाता है। ये भी एक वजह है कि हवा में पीएम-10 का लेवल बढ़ रहा है।

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