चुनावी वादे : दिल्ली विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों की ओर से मुफ्त सौगातों की बौछार
(देश में कोई त्योहार पर जैसे बड़ी-बड़ी कंपनियां और मॉल ग्राहकों को लुभाने के लिए बड़े-बड़े डिस्काउंट ऑफर करती हैं उसी तर्ज पर देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस वोटरों को आकर्षित करने के लिए कई बड़ी फ्री योजनाओं की सौगात देने का वादा किया है। तीनों पार्टियों ने जारी किए गए अपने संकल्प पत्र में दिल्ली की जनता के लिए एक से बढ़कर एक सौगातों की झड़ी लगा दी है। वैसे यह भी सही है, राजधानी में लोगों को आम आदमी पार्टी की सरकार में फ्री योजनाओं का लाभ लेने की आदत भी पड़ गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए सभी राजनीतिक दलों ने इस बार चुनाव में मुफ्त और लोकलुभावन योजनाओं को प्राथमिकता दी है।)
शंभू नाथ गौतम
देश में कोई त्योहार (फेस्टिवल) जैसे होली, दीपावली, 26 जनवरी, और 15 अगस्त जैसे मौकों पर बड़ी-बड़ी कंपनियां और मॉल ग्राहकों के लिए अपने-अपने उत्पादों पर बड़े-बड़े डिस्काउंट ऑफर करती हैं। आमतौर पर कंपनियों द्वारा किए गए यह डिस्काउंट ऑफर ग्राहकों को लुभाने के लिए होते हैं। ग्राहक भी असमंजस (कंफ्यूज) में रहता है कौन सा उत्पाद लिया जाए और कौन सा न लिया जाए। ऐसा ही कुछ हाल दिल्ली विधानसभा चुनाव में चल रहा है। दिल्ली भी सोचती होगी कि मैं देश की राजधानी हूं और मेरा भी कुछ स्टैंडर्ड है लेकिन राजनीतिक दलों ने मेरे स्टैंडर्ड का भी ध्यान नहीं रखा। सही मायने में दिल्ली विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों की ओर से जनता के लिए लूट का ऑफर चल रहा है। दिल्ली वासी भी सोच रहे हैं जिस पार्टी का सबसे अच्छा ऑफर होगा वोट भी उसी को होगा।
सबसे बड़ा सवाल यह है की राजधानी में लोगों को आम आदमी पार्टी की सरकार में फ्री योजनाओं का लाभ लेने की आदत भी पड़ गई है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने वोटरों के लिए सबसे पहले “फ्री की सौगात” बांटना शुरू किया था । करीब 10 साल पहले दिल्ली में आप की सरकार आने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी वासियों के लिए मुफ्त बिजली और पानी समेत तमाम योजनाओं की झड़ी लगा दी थी। केजरीवाल का मुफ्त की रेवड़ियों का फार्मूला हिट रहा और पिछले तीन बार से लगातार दिल्ली की सत्ता पर आम आदमी पार्टी की सरकार काबिज है। इन दिनों राजधानी में विधानसभा चुनाव की सियासी सरगर्मियां जोरों पर हैं। चौथी बार दिल्ली को जीतने के लिए अरविंद केजरीवाल ने इस बार राजधानी की जनता के लिए कई बड़ी मुफ्त की घोषणाएं कर दी हैं। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस भी आम आदमी पार्टी की राह पर चल पड़ी हैं।
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दिल्ली की तीनों पार्टियां पूरी ताकत से विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टियों के बीच लोकलुभावन चुनावी वादों की जैसे होड़ सी मची हुई है। सबसे पहले केजरीवाल की पार्टी ने दिल्ली में आम आदमी को दी गई छूटों के आधार पर अपनी ब्रांडिंग की है। वहीं भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने भी उसकी राह पर चलना शुरू कर दिया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए तीनों प्रमुख पार्टियों ने लोकलुभावन वादों की झड़ी लगा दी है, जिसमें मुफ्त बिजली, पानी, बस यात्रा और महिलाओं के लिए नकद लाभ शामिल हैं। तीनों ही दलों ने मुफ्त सुविधाएं देने का एलान किया है। इन दलों ने सीधे कैश देने की प्रथा को जारी रखा है। रेवड़ियां बांटकर चुनाव जीतना ऐसा फॉर्मूला बन चुका है, जिसे चुनाव जीतने के लिए हर राजनीतिक दल पूरे जोर शोर से आजमाता है, चाहे राज्य की आर्थिक स्थिति कैसी भी हो।
यही कारण है कि कभी हिमाचल प्रदेश से तो कभी कर्नाटक से ऐसे समाचार मिलते रहते हैं, जिसमें मुफ्त योजनाओं से बढ़े आर्थिक बोझ के कारण सरकारें अपने कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दे पातीं। क्या दिल्ली भी उसी राह बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। भाजपा-आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मुफ्त की घोषणाएं कर रही हैं, चुनाव के बाद उन्हें पूरा करने के लिए सरकार के सामने दो ही विकल्प होंगे। या तो उसे आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाना पड़ेगा जिससे उसे अतिरिक्त आय हो और वह अपने वादे को पूरा कर सके, या उसे केंद्र या अन्य स्रोतों से उधार लेना पड़ेगा। अन्यथा वादों को पूरा कर पाना किसी भी सरकार के लिए मुश्किल हो जाएगा।
दिल्ली चुनाव के लिए आप, भाजपा और कांग्रेस ने जारी किया लोकलुभावन घोषणा पत्र
लगातार चौथी बार सरकार बनाने के लिए आम आदमी पार्टी ने जहां एक बार फिर मुफ्त की स्कीमों पर जोर लगाया है तो इस बार भाजपा और कांग्रेस ने आगे निकलने की होड़ में मचा दी है। आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की तरफ से बार-बार साफ किया गया है कि दिल्ली में मुफ्त वाली स्कीमों को जारी रखा जाएगा। दिल्ली सरकार 200 यूनिट मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, मुफ्त इलाज और बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त बस सफर जैसी योजनाएं चला रही है। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलान किया कि अगर दिल्ली में उनकी सरकार बनती है तो वह महिलाओं को 2100 रुपये की मासिक मदद उपलब्ध कराएंगे। पहले उन्होंने 1000 रुपये देने का वादा किया था। फिर चुनाव जीतने के बाद 2100 रुपये करने की घोषणा की।
आम आदमी पार्टी ने बुजुर्गों के लिए संजीवनी योजना का एलान किया है। इस योजना के तहत 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को मुफ्त इलाज का वादा किया गया है। यह इलाज सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के अस्पतालों में उपलब्ध होगा।आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के पुजारियों और ग्रंथियों के लिए भी घोषणा की। पार्टी ने कहा कि अगर उनकी सरकार बनी तो वह मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथियों को 18 हजार रुपये हर महीने सम्मान राशि के तौर पर दी जाएगी।
वहीं दिल्ली में कांग्रेस पार्टी एक दशक से भी ज्यादा वक्त से राजनीतिक वनवास काट रही है। वह भी वोटर्स को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उसने भी प्यारी दीदी योजना के तहत महिलाओं के लिए हर महीने 2500 रुपये देने का वादा किया है। इसके अलावा पढ़े-लिखे बेरोजगारों को एक साल की अप्रेंटिसशिप और इस दौरान उन्हें हर महीने 8500 रुपये देने का वादा किया है। केंद्र की आयुष्मान योजना या फिर आम आदमी पार्टी की तरफ से मुफ्त इलाज के वादे की काट करते हुए कांग्रेस ने 25 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज का वादा किया है। इसके अलावा मुफ्त राशन किट, 500 रुपये में एलपीजी गैस सिलिंडर और 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली का एलान किया है। दिल्ली चुनाव में कांग्रेस भी पूरी दमखम के साथ मैदान में उतरी है। वह अपनी खोई जमीन पाने के लिए कई चुनावी घोषणाएं की। पार्टी ने बेरोजगार युवकों को 8500 रुपये हर महीने देने की बात कही। इसके साथ ही उन्हें एक साल की अप्रेंटिसशिप पर उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना का मकसद उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है।
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने भी इस बार विधानसभा चुनाव में जारी किए गए संकल्प पत्र में कई बड़ी घोषणाएं की हैं। बीजेपी ने महिलाओं के लिए 2500 रुपये हर महीने देने का वादा किया है, साथ ही गर्भवती महिलाओं को 21000 रुपए और 6 पौष्टिक आहार किट देने का भी वादा किया है। इसके अलावा गरीब बहनों को सिलेंडर पर 500 रुपये की सब्सिडी, होली-दीवाली पर एक-एक सिलेंडर फ्री देने का वादा किया है। बीजेपी ने दिल्ली के बुजुर्ग मतदाताओं को लुभाने पर भी खास ध्यान दिया है। बीजेपी ने 60 से 70 वर्ष के बुजुर्गों के लिए पेंशन की राशि दो हजार रुपये से बढ़ाकर, 2500 रुपये करने का वादा किया है। वहीं, 70 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों, विधवाओं, दिव्यांगों आदि की पेंशन 2500 रुपये से बढ़ाकर तीन हजार रुपये करने की बात कही है। वही इसके अलावा 2500 रुपये महीना पेंशन देने का एलान किया गया है, साथ ही बुजुर्गों को फ्री तीर्थ यात्रा कराने की भी घोषणा पार्टी ने की है। हालांकि कांग्रेस ने बुजुर्गों के लिए कोई ऐलान नहीं किया है। भाजपा ने कहा है कि फ्री बिजली और पानी की सुविधा जैसे दिल्ली में चल रही है, वो उसी तरह जारी रहेंगी।
यानी अगर बीजेपी की सरकार आती है तो 200 यूनिट मुफ्त बिजली उसी तरह से मिलती रहेगी। इसके साथ ही महिलाओं के लिए दिल्ली की बसों में जो मुफ्त सुविधा चल रही है, वो जारी रहेगी। भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के संकल्प पत्र में कौन सा घोषणा पत्र सबसे बेहतर है, इसका फैसला तो जनता 8 फरवरी को सुनाएगी। दिल्ली में 5 फरवरी को सभी 70 सीटों पर वोटिंग होगी। वहीं, 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी को खत्म हो रहा है।