पहलगाम आतंकी हमला : अटारी बॉर्डर पर अपने वतन लौटने की भारत-पाक के नागरिकों की भीड़, अपनों को विदा करते आंखें हो रहीं नम

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पहलगाम आतंकी हमला : अटारी बॉर्डर पर अपने वतन लौटने की भारत-पाक के नागरिकों की भीड़, अपनों को विदा करते आंखें हो रहीं नम

मुख्यधारा डेस्क

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बॉर्डर पर दोनों देशों के नागरिकों की अपने-अपने वतन लौटने की भीड़ देखी जा सकती है। पाकिस्तानी नागरिक भारत में अपनों का इलाज कराने आए थे वह भी लौट चुके हैं। शुक्रवार को अटारी-वाघा सीमा के रास्ते पाकिस्तानियों का स्वदेश लौटना जारी रहा। बॉर्डर पर दोनों देशों के नागरिक एक दूसरे को छोड़ने आ रहे हैं।

इस दौरान भारत और पाकिस्तान के नागरिकों की अपनों को विदा करते समय आंखें भी नम दिखाई दी । पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय दिए जाने के बाद पंजाब के अमृतसर में अटारी-वाघा सीमा चौकी मार्ग से कुल 191 पाकिस्तानी नागिरक स्वदेश लौटे।

अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान गए कुल 287 भारतीय नागरिक भी पड़ोसी मुल्क से वापस लौट आए हैं। हालांकि, पाकिस्तान में ब्याही गईं (भारतीय पासपोर्टधारक) कुछ महिलाओं ने आरोप लगाया कि आवश्यक दस्तावेज साथ रखने के बावजूद उन्हें वापस जाने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वे भारत में अपने रिश्तेदारों से मिलने आई थीं, लेकिन सरकार की ओर से पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के लिए 48 घंटे की समयसीमा तय किए जाने के बाद उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है, लेकिन वे सीमा पार नहीं कर पा रही हैं।

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अटारी एकीकृत चेक पोस्ट बुधवार को ही बंद कर दी गई। जिन लोगों ने अनुमोदन के साथ सीमा पार की है, उन्हें 1 मई से पहले उस रास्ते से लौटने की अनुमति है। वहीं सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पंजाब के अटारी, हुसैनीवाला और सादकी में रिट्रीट समारोह के दौरान औपचारिक प्रदर्शन को कम करने का एक सुनियोजित निर्णय लिया।

प्रमुख बदलावों में भारतीय गार्ड कमांडर और समकक्ष गार्ड कमांडर के बीच प्रतीकात्मक हाथ मिलाने की प्रक्रिया को निलंबित करना भी शामिल है। समारोह के दौरान गेट बंद रहेंगे। बीएसएफ ने कहा कि यह कदम सीमा पार दुश्मनी पर भारत की गंभीर चिंता को दर्शाता है। शांति और उकसावे एक साथ नहीं रह सकते।

दोनों देशों के बीच आवाजाही और व्यापार का मुख्य रास्ता है अटारी बॉर्डर

अटारी बॉर्डर ही एकमात्र जमीनी रास्ता है जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार होता है। भारत इस रास्ते से पाकिस्तान को सोयाबीन, मुर्गे का दाना, सब्जियां, प्लास्टिक के दाने, प्लास्टिक का धागा और लाल मिर्च जैसी चीजें भेजता है। अटारी, जो अमृतसर से सिर्फ 28 किलोमीटर दूर है, भारत का पहला लैंड पोर्ट है और पाकिस्तान के साथ व्यापार का एकमात्र जमीनी रास्ता है। ये पोर्ट 120 एकड़ में फैला है और सीधे राष्ट्रीय राजमार्ग-1 से जुड़ा हुआ है। अटारी चेक पोस्ट ना सिर्फ भारत-पाकिस्तान व्यापार में बल्कि अफगानिस्तान से आने वाले सामानों के आयात में भी अहम भूमिका निभाता है।

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अटारी-वाघा कॉरिडोर से हर साल व्यापार और यात्रियों की आवाजाही रहती है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत में सूखे मेवे, सूखे खजूर, जिप्सम, सीमेंट, कांच, सेंधा नमक और तरह-तरह की जड़ी-बूटियां आती हैं। इस दौरान भारत के लोग भी काफी परेशान दिए दिखाई दिए। ऐसे लोग जिन्हें पाकिस्तान में रह रहे अपने रिश्तेदारों के यहां शादी-ब्याह या उनका हाल जानने के लिए जाना था उन्हें भी बीएसएफ के द्वारा वापस भेजा जा रहा था। क्योंकि भारत सरकार ने बॉर्डर बंद कर दिया है ऐसे में भारतीय पासपोर्ट वाले ऐसे भारतीय लोग जिन्हें पाकिस्तान एंबेसी से वीजा तो मिल गया है। उन्हें अब अटारी बॉर्डर से भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं है।

अटारी बॉर्डर पर कुछ ऐसे भारतीय भी थे जोकि धार्मिक यात्रा पर भारत से पाकिस्तान गए थे, लेकिन बॉर्डर बंद होने की जानकारी मिलने के बाद वो लोग भी अपनी यात्रा को बीच में ही खत्म करके वापस लौट रहे हैं। भारत से पाकिस्तान की और जाने वाले और पाकिस्तान से भारत में लौट रहे लोग परेशान दिखाई दिए।

पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार ने बॉर्डर बंद करने समेत कई कड़े फैसले लिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में ये निर्णय किए गए। बैठक में घोषणा की गई कि अटारी में एकीकृत जांच चौकी को तुरंत बंद कर दिया जाएगा और जो लोग वैध दस्तावेजों के साथ पाकिस्तान गए हैं, वे एक मई से पहले उस रास्ते से वापस आ सकते हैं।

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केंद्र ने गुरुवार को पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी वीजा 27 अप्रैल से रद करने की घोषणा की और पाकिस्तान में रहने वाले भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द घर लौटने की सलाह दी। पहलगाम हमले के बाद दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव बढ़ गया है। उसने तत्काल प्रभाव से पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को निलंबित करने की भी घोषणा की।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि दक्षेस वीजा छूट योजना के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और इस योजना के तहत भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास देश छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय है। केंद्र सरकार ने कहा कि पाकिस्तान को एक बूंद पानी नहीं देंगे। सिंधु जल समझौता स्थगित करने का फैसला 3 फेज में होगा। जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला बोले- हम कभी भी सिंधु समझौते के पक्ष में नहीं थे। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए सबसे गलत दस्तावेज है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को फोन किया और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक देश छोड़ने के लिए निर्धारित समय सीमा से आगे भारत में न रहे। भारत ने गुरुवार को 27 अप्रैल से पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी वीजा रद करने की घोषणा की थी और पाकिस्तान में रहने वाले भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द घर लौटने की सलाह दी थी।

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मुख्यमंत्रियों को यह भी कहा गया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान करें और उनका निर्वासन सुनिश्चित करें। दरअसल, जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में दहशतगर्दों ने 26 लोगों (दो स्थानीय और दो विदेशी नागरिकों) को मौत के घाट उतार दिया था। हमला मंगलवार को दोपहर करीब तीन बजे हुआ, जब आतंकवादी बैसरन घाटी में पहाड़ से नीचे उतरे और वहां पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। इस स्थान को लंबे हरे-भरे घास के मैदानों के कारण ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहा जाता है।

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