लक्षद्वीप : पीएम मोदी की "नजरे इनायत" से मालदीव पर भारी पड़ गया लक्षद्वीप (Lakshadweep), भारत में पर्यटन के रूप में उभरने लगा यह केंद्र शासित प्रदेश - Mukhyadhara

लक्षद्वीप : पीएम मोदी की “नजरे इनायत” से मालदीव पर भारी पड़ गया लक्षद्वीप (Lakshadweep), भारत में पर्यटन के रूप में उभरने लगा यह केंद्र शासित प्रदेश

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लक्षद्वीप : पीएम मोदी की “नजरे इनायत” से मालदीव पर भारी पड़ गया लक्षद्वीप (Lakshadweep), भारत में पर्यटन के रूप में उभरने लगा यह केंद्र शासित प्रदेश

मुख्यधारा डेस्क

साल 1984 में डायरेक्टर राजकुमार कोहली की निर्देशित फिल्म ‘राजतिलक’ आई थी। इस फिल्म का डायलॉग ‘बात यहां खत्म हो जाती तो और बात थी” बहुत प्रसिद्ध हुआ था। हमारी स्टोरी भी राजतिलक फिल्म के इसी डायलॉग से ही प्रेरित है। अब बात शुरू करते हैं । एशिया का एक ऐसे देश जो अपने शानदार द्वीपों के लिए जाना जाता है। सबसे खास बात यह है कि यह देश भारतीयों के लिए शुरू से ही मनपसंद रहा है। इसकी वजह यह है कि यहां पर कई सुंदर “बीच” हैं जो आने वाले सैलानियों को खूब लुभाते हैं। इसके साथ इस देश में आना-जाना और रहना भी भारत जैसा ही है। बॉलीवुड के कलाकारों के लिए यह देश आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। आए दिन बॉलीवुड सितारे यहां पर छुट्टी मनाते हुए मिल जाएंगे। ‌ इस देश का नाम है मालदीव। इसकी राजधानी माले है।

दक्षिण एशिया में हिंद महासागर के बीच बसा देश मालदीव अपनी खूबसूरती के लिए दुनिया भर में विख्यात है। मालदीव एशिया महाद्वीप का सबसे छोटा देश है। कहने को तो ये देश करीब 90 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, लेकिन जमीन के नाम पर इसके पास महज 298 वर्ग किलोमीटर का ही इलाका है। इतना छोटा कि ये दिल्ली और मुंबई तो छोड़िए लखनऊ के आगे भी कहीं नहीं टिकता है, लेकिन खूबसूरत इतना है कि दुनिया भर के लोग यहां आते हैं। इस देश की आबादी करीब 5 लाख है।

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मुस्लिम बाहुल्य इस देश की प्रमुख कमाई पर्यटन पर आधारित है। साल 2024 के दूसरे दिन यानी 2 जनवरी तक सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था। एक दिन बाद 3 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप की यात्रा की। पीएम मोदी ने अपनी लक्षद्वीप यात्रा की कुछ तस्वीरे साझा की थी और साथ ही भारतीय लोगों से विदेश की अपेक्षा भारतीय समुद्र तटों पर घूमने की अपील की थी।

पीएम मोदी की समुद्र तट पर कुर्सी लगाकर बैठने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं तो लोग कहने लगे कि ये तो मालदीव से कम नहीं। पीएम मोदी की इस अपील के बाद मालदीव में हलचल मच गई। प्रधानमंत्री मोदी की लक्षद्वीप यात्रा का मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों ने जमकर मजाक उड़ाया और सोशल मीडिया पर भारत के खिलाफ आपत्तिजनक कमेंट भी किए। मालदीव के मंत्रियों द्वारा की गई टिप्पणी का मामला तूल पकड़ गया। इनमें मरियम शिउना, माल्शा शरीफ और अब्दुल्ला महजूम माजिद शामिल हैं। भले ही वहां की सरकार ने कमेंट करने वाले तीनों मंत्रियों को आनन-फानन में निलंबित कर दिया, लेकिन भारतीयों का गुस्सा मालदीव को लेकर भड़क गया।

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भारत ने मालदीव सरकार के समक्ष इस पर आपत्ति दर्ज की। मंत्री शिउना के बयान को लेकर मचे बवाल के बीच मालदीव सरकार की सफाई सामने आई। मालदीव सरकार ने एक बयान जारी कर मरियम शिउना के बयान से किनारा कर लिया और कहा कि बयान को उनकी व्यक्तिगत टिप्पणी करार दिया। मालदीव नेशनल पार्टी ने भी अपनी सरकार के मंत्रियों द्वारा दिए गए बयानों की आलोचना की है। एक पोस्ट कर मालदीव नेशनल पार्टी ने कहा, ‘एक सरकारी अधिकारी द्वारा एक विदेशी राष्ट्राध्यक्ष के खिलाफ की गई नस्लवादी और अपमानजनक टिप्पणियों की मालदीव नेशनल पार्टी निंदा करती है। वहीं सोशल मीडिया पर भी “मालदीव बनाम लक्षद्वीप” जमकर ट्रेंड होना शुरू हो गया।

भारतीय लोगों ने मालदीव की यात्रा कैंसिल कर लक्षद्वीप की ओर रुख किया

सोशल मीडिया पर लोग अपना आक्रोश जाहिर करते हुए मालदीव की पहले से बुकिंग कराने वाले कई भारतीयों ने अपनी यात्रा को कैंसिल करने की घोषणा करते हुए अपनी बुकिंग डिटेल्स तक शेयर की हैं।

पर्यटन पर खासतौर से निर्भर मालदीव की अर्थव्यवस्था पर इस बॉयकॉट का कितना बुरा असर पड़ रहा है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि ऑनलाइन ट्रैवल एंड टूरिज्म कंपनी ईज माई ट्रिप मालदीव के लिए अपनी सभी बुकिंग को एक झटके में कैंसिल कर दिया। ईज माई ट्रिप सह-संस्थापक, प्रशांत पिट्टी का कहना है कि हमारी कंपनी पूरी तरह से घरेलू और भारत में बनी हुई है। पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा पर मालदीव के सांसद की पोस्ट पर विवाद के बीच, हमने फैसला किया है कि हम मालदीव के लिए कोई भी बुकिंग स्वीकार नहीं करेंगे। हम चाहते हैं कि अयोध्या और लक्षद्वीप अंतरराष्ट्रीय गंतव्य बनें। जब ये मामला तूल पकड़ने लगा, तबसे अब तक भारतीयों द्वारा मालदीव की करीब 8,000 होटल बुकिंग और 2,500 फ्लाइट टिकट कैंसिल हो चुके हैं।

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एक ओर जहां धड़ाधड़ मालदीव के लिए की जाने वाली बुकिंग कैंसिल हो रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर घरेलू टूर एंड ट्रैवल एजेंसियां अपने ग्राहकों को लक्षद्वीप यात्रा के लिए बंपर डिस्काउंट ऑफर करने लगी हैं। मेक माय ट्रिप लक्षद्वीप की फ्लाइट पर 2000 रुपये का डिस्काउंट दे रहा है। मेक माय ट्रिप की ओर से की गई एक इंस्टाग्राम पोस्ट के मुताबिक, लक्षद्वीप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विजिट के बाद से उसके प्लेटफॉर्म पर इस लोकेशन और यहां के टूरिस्ट स्पॉट्स की सर्च में 3400 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है।

विवाद के बीच अक्षय कुमार, सलमान खान, जॉन अब्राहम और श्रद्धा कपूर, कंगना रनौत खिलाड़ियों में सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग सहित कई हस्तियां पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा पर चर्चा में शामिल हुईं। कई खिलाड़ियों ने भी लक्षद्वीप को पर्यटन स्थल के रूप में प्रचारित करने के लिए पीएम मोदी का समर्थन किया और प्रधानमंत्री का मजाक उड़ाने के लिए मालदीव की आलोचना की।

वहीं लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर मालदीव की निंदा की है। मोहम्मद फैजल ने सवाल किया कि पीएम मोदी ने लक्षद्वीप में पर्यटन और अन्य क्षेत्रों के दायरे के बारे में जो कहा उस पर मालदीव को टिप्पणी क्यों करनी चाहिए? उन्होंने कहा, एक बात निश्चित है कि लक्षद्वीप एक नया गंतव्य बनने जा रहा है, जिसे अभी भी खोजा जाना बाकी है। पीएम मोदी लक्षद्वीप आए और एक दिन के लिए रुके, और उन्होंने कुछ ऐसा कहा जो लक्षद्वीप के लोग हमेशा से पर्यटन के नजरिए से चाहते थे। मैं हमेशा से चाहता हूं कि यह सरकार पर्यटन के लिए एक नीति बनाए, क्योंकि इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। मालदीव को इससे समस्या क्यों होनी चाहिए।

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लक्ष्यद्वीप के प्रशासक प्रफुल पटेल ने इस पूरे विवाद पर दो टूक कहा है कि पीएम का अपमान देश बर्दाश्त नहीं करेगा। पटेल ने पीएम मोदी के दौरे के लिए खास तैयारियां की थी। उन्होंने पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद आभार भी व्यक्त किया था। मालदीव की तो भारत के साथ तो उसके ऐसे रिश्ते रहे हैं कि अगर भारत ने मालदीव में घुसकर ऑपरेशन कैक्टस नहीं किया होता तो मालदीव का नक्शा शायद कुछ और ही होता। ये बात है साल 1988 की। तब भारत के प्रधानमंत्री राजीव गांधी और मालदीव के राष्ट्रपति मौमूल अब्दुल गयूम थे। तब मालदीव की सेना ने श्रीलंका के विद्रोहियों के साथ मिलकर अब्दुल गयूम का तख्तापलट करने की कोशिश की थी। इससे पहले 1980 और 1983 में भी तख्तापलट की कोशिश हुई थी, जो नाकाम हो गई थी। लेकिन 1988 में 3 नवंबर की सुबह पीपुल्स लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन ऑफ तमिल ईलम के करीब 100 लड़ाके मालदीव पहुंच गए और उन्होंने एयरपोर्ट, बंदरगाहों, टेलीविजन और रेडियो स्टेशनों पर कब्जा कर लिया। विद्रोही मालदीव की सेना के साथ मिलकर राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा करना चाहते थे, लेकिन राष्ट्रपति सुरक्षित बच गए। उन्होंने तब श्रीलंका, पाकिस्तान, सिंगापुर और अमेरिका से मदद मांगी, लेकिन काम भारत ही आया। राजीव गांधी के आदेश पर ऑपरेशन कैक्टस हुआ और तख्तापलट की कोशिश नाकाम हो गई। इसके बाद से ही मालदीव और भारत के संबंध दोस्ताना ही रहे। वहीं मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने ट्वीट कर कहा कि, मैं सोशल मीडिया पर मालदीव सरकार के अधिकारियों द्वारा भारत के खिलाफ घृणास्पद भाषा के इस्तेमाल की निंदा करता हूं। भारत हमेशा मालदीव का अच्छा दोस्त रहा है और हमें इस तरह की कठोर टिप्पणियों को दोनों देशों के बीच पुरानी दोस्ती और संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डालने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। बता दें कि मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को भारत का समर्थक माना जाता था।

मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को चीन का समर्थक माना जाता है–

मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भारत विरोधी और चीन के समर्थक हैं। भारत और मालदीव के रिश्तों की कथित कड़वाहट के बीच राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को चीन पहुंचे। चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू ‘इंडिया आउट’ की नीति लेकर सत्ता में आए और परंपरा से उलट उन्होंने पद ग्रहण करने के बाद भारत आने के बजाए चीन जाना चुना। मुइज्जू ने अपने चीन दौरे में कहा कि उनका इरादा चीन के साथ आर्थिक, व्यापार, पर्यटन, निवेश और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देना है। इस दौरान उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव की तारीफ की और कहा कि मालदीव बीआरआई के तहत चीन के साथ अपने सहयोग को बढ़ाना चाहता है। मुइज्जू ने यह भी कहा कि चीन उनके देश के सबसे करीबी विकास साझेदारों में से एक है। मुइज्जू ने चीन के दौरे पर पहुंचते ही ड्रैगन देश का गुणगान करने में लग गए। उन्होंने कहा कि उन्हें अच्छा लग रहा है कि वो इस साल चीन आने वाले पहले विदेशी राष्ट्राध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि दोनों पक्ष द्विपक्षीय संबंधों को कितना महत्व देते हैं। उन्होंने कहा कि चीन राष्ट्रीय संप्रभुता, स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय गरिमा की रक्षा करने में मालदीव का समर्थन करता है। चीन ने सख्त संदेश देते हुए कहा है कि वह मालदीव में ‘बाहरी हस्तक्षेप का दृढ़ता से विरोध करता है।

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भारत का खूबसूरत केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप चारों तरफ समुद्र से घिरा हुआ है–

लक्षद्वीप भारत का सबसे सुंदर केंद्रशासित प्रदेश हैं, जो अपनी खूबसूरत वादियों के लिए फेमस है। ये 36 द्वीपों का समूह है और चारों तरफ समुद्र से घिरा हुआ है। यहां वेज और नॉनवेज दोनों तरह का खाना पसंद किया जाता है। लक्षद्वीप भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट से 200 से 440 किमी दूर अरब सागर में स्थित है। यह देश का सबसे छोटा संघ राज्यक्षेत्र द्वीपसमूह है। इसमें 32 किलोमीटर के क्षेत्र वाले 36 द्वीप हैं। यह एक यूनी-जिला संघ राज्य क्षेत्र है। मलयालम और संस्कृत में लक्षद्वीप का नाम ‘एक लाख द्वीप’ है। लक्षद्वीप केरल के तटीय शहर कोच्चि से 220 से 440 किमी दूर, पन्ना अरब सागर में स्थित हैं। लक्षद्वीप के लिए पहले कोच्चि पहुंचना होगा। कोच्चि से संचालित जहाजों और फ्लाइट से लक्षद्वीप द्वीप तक पहुंच सकते हैं। सभी टूरिस्ट उद्देश्यों के लिए कोच्चि लक्षद्वीप का एंट्री रूट है। अग्टे और बंगारम द्वीप के लिए कोच्चि से फ्लाइट से पहुंचा जा सकता है। मुंबई से सीधे अगाती के लिए भी फ्लाइट उपलब्ध है।

लक्षद्वीप में हवाई पट्टी केवल अगाती द्वीप में है। यहां से सात यात्री जहाजों एमवी कवारत्ती, एमवी अरबियन सी, एमवी लक्षद्वीप सी, एम वी लैगून्स , एम वी कोरल्स, एमवी अमिंडीवि और एमवी मिनिकॉय कोचीन और लक्षद्वीप के बीच काम चलते हैं। यात्रा के लिए चुना द्वीप के रूट पर 14 से 18 घंटे का समय लगता है। प्राकृतिक परिदृश्य, रेतीले समुद्र तट, वनस्पतियों और जीवों की बहुतायत और एक जल्दी से जीवन शैली के अभाव में लक्षद्वीप की मिस्टिक को बढ़ाती है। लक्षद्वीप में अगाती, बंगारम, कदमत, कलपेनी, कवराती, मिनीकॉय मुख्य पर्यटन स्थल हैं।

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लक्षद्वीप के द्वीपों में प्रवेश सीमित है। लक्षद्वीप प्रशासन की तरफ से इन द्वीपों की यात्रा के लिए एक को एक प्रवेश परमिट जारी किया जाता है। द्वीप पर जाने या रहने के लिए अधिकारियों से पहले परमिट के पीछे का कारण वहां रहने वाली अनुसूचित जनजातियों की रक्षा करना है। साइट पर मौजूद आंकड़ों के अनुसार, ये जनजातियां लक्षद्वीप में कुल आबादी का लगभग 95 प्रतिशत हैं। लक्षद्वीप में एक उष्णकटिबंधीय जलवायु है। यहां औसत तापमान 27 डिग्री सेल्सियस से 32 डिग्री सेल्सियस है। अप्रैल और मई 32 डिग्री सेल्सियस के औसत तापमान के साथ सबसे गर्म हैं आम तौर पर जलवायु नम नम और सुखद है। अक्टूबर से मार्च तक द्वीपों पर रहने का आदर्श समय है। जून से अक्टूबर तक दक्षिण पश्चिम मानसून 10-40 मिमी की औसत वर्षा के साथ सक्रिय है। वर्ष में 80-90 दिन बरसात होती है। अक्टूबर से मार्च तक हल्की हवाएं चलती हैं। घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से अप्रैल के बीच माना जाता है।

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