हरक की ‘अनिच्छा’ के बाद हरीश का ‘चुग्गा’
दीपक फर्स्वाण
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने हाल ही में बयान दिया कि अगला विधानसभा चुनाव लड़ने की अब उनकी इच्छा नहीं है। उनके इस बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा है कि यदि पुराने कांग्रेसी कांग्रेस में वापस आते हैं तो वे पार्टीहित में अपनी पीड़ा को भुलाते हुए उनका स्वागत करेंगे। हरीश रावत के इस बयान को भाजपा में खुद को असहज महसूस कर रहे हरक सिंह रावत के लिये सियासी चुग्गा माना जा रहा है।
बीते रविवार को कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने रुद्रप्रयाग में कहा कि ‘मैं अस्सी के दशक से चुनाव लड़ रहे हैं। बार-बार विधायक और फिर मंत्री बनने की मेरी इच्छा नहीं रह गई है। रही बात मुख्यमंत्री बनने की तो वो मेरे हाथ की बात नहीं किस्मत की बात है’।
हरक की यह टिप्पणी सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। इसके अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। इसी बीच हरीश रावत का भी एक अप्रत्याशित बयान आया।
हरीश रावत ने कहा कि ‘यदि पुराने कांग्रेसी कांग्रेस में वासप आ जायेंगे तो निश्चितरूप से इससे पार्टी का हित होगा। पार्टी का हित देखते हुये मैं इन लोगों के द्वारा मुझे दिये गये कष्ट और पीड़ा को भी भूल जाऊंगा। लेकिन शर्त यह है कि मौजूदा समय में कांग्रेस संकट से गुजर रही है, इसी वक्त उन्हें पार्टी में वापसी करनी होगी अन्यथा बाद में चुनाव के वक्त यदि कोई टिकट पाने के लिये कांग्रेस में वापसी करेगा तो उसका विरोध सबसे पहले मैं करूंगा’।
हरीश के इस बयान को हरक की टिप्पणी से जोड़कर देखा जा रहा है। हरीश रावत जानते हैं कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र की जिस तरह की कार्यशैली है उसमें हरक समेत तमाम पुराने कांग्रेसी जो मौजूदा समय में भाजपा में हैं, खुद को असहज महसूस कर रहे हैं।
हरीश रावत जानते हैं कि महत्वकांक्षी हरक सिंह रावत ही बड़ा सियासी उलटफेर करने में सक्षम हैं। हालांकि वर्ष 2016 में एक झटके में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गये नौ विधायकों में से हरक पर ही हरीश सबसे ज्यादा नाराज हुये थे।