देहरादून/मुख्यधारा
सात साल पहले एक परिवार के चार लोगों को मौत के घाट उतारने वाले हरमीत को न्यायालय ने मौत की सजा सुनाई है। इसके अलावा एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। इस घटना के बाद दूनवासी सिहर उठे थे।
यह घटना 23 अक्टूबर 2014 को देहरादून के कैंट क्षेत्र में हुई थी। यहां जय सिंह नाम के व्यक्ति का घर था। जहां जय सिंह के साथ ही पत्नी कुलवंत कौर, पुत्री हरजिंदर, तीन साल की अबोध नातिन सुखमनी, पांच वर्ष के नाती कंवलजीत और हरमीत (जय सिंह की पहली पत्नी के पुत्र) रहते थे।
दीपावली के अगले दिन उनके घर से कोई भी बाहर नहीं निकला। बाद में काम करने वाली नौकरानी जब यहां पहुंची तो उसे खून के निशान दिखाई दिए। वह भीतर गई तो देखा कि फर्श पर हरजीत कौर, सुखमनी, जय सिंह और कुलवंत कौर के खून से लथपथ शव पड़े हुए थे। इसके अलावा दरवाजे के पीछे हाथ में चाकू पकड़ा हुआ हरमीत खड़ा था। जबकि थोड़ी दूरी पर कंवलजीत भी डर के मारे सहमा हुआ खड़ा था। यह देख नौकरानी राजी के पांव तले जमीन खिसक गई। इस पर वह बाहर आई और चिल्लाते हुए आस-पड़ोस वालों को बुलाया। समीप ही जय सिंह के भाई अजीत सिंह भी आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे और पुलिस को उक्त घटना की जानकारी दी।
मौके पर पहुंची पुलिस ने हरमीत को चाकू सहित दबोच लिया था। मुकदमे में कुल 21 गवाह पेश हुए।
आज मंगलवार को अपर जिला जज पंचम आशुतोष मिश्रा की अदालत में इस मामले में सुनवाई हुई। सभी तथ्यों के आधार पर हरमीत सिंह को आईपीसी की धारा 302 (हत्या), धारा 307 (हत्या का प्रयास) और 316 (गर्भस्थ शिशु की हत्या करना) में दोषी करार दिया गया। न्यायालय ने हरमीत को मौत की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।
जांच में पता चला कि हरमीत ने इतना बड़ा दु:स्साहस संपत्ति हड़पने के लिए किया। हालांकि हरमीत ने सजा से बचने के लिए स्वयं को मानसिक बीमार भी बताया, किंतु उसके सभी दावे झूठे निकले।