मामचन्द शाह
कहते हैं दूध का जला छांछ भी फूंक-फूंक कर पीता है। यह कहावत हरीश रावत पर सटीक बैठती है। 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस अब तक 64 प्रत्याशियों को मैदान में उतार चुकी है। हरीश रावत इस दौरान स्वयं के लिए सेफ सीट चयन करने के लिए जूझते हुए दिखाई दिए और ऐसा प्रतीत हुआ जैसे 2017 की हार का खौफ उनके मन से अभी भी दूर नहीं हो पाया है।
गत दिवस सोशल मीडिया में एक ऑडियो खूब वायरल हो रहा था। जिसमें रामनगर के कार्यकर्ताओं के साथ हरीश रावत की बातचीत को सुना जा रहा था। हरीश रावत कहते हुए सुनाई दे रहे थे कि पार्टी यदि उन्हें यहां से चुनाव लड़ाए तो उन्हें यानी रंजीत रावत को मानना चाहिए। पार्टी उनका सम्मान करेगी। कभी-कभी पार्टी के लिए ऐसा करना पड़ता है, किंतु रामनगर के कार्यकर्ता कह रहे थे कि उनके लिए कांग्रेस का मतलब सिर्फ रंजीत रावत हैं। आप उनके लिए प्रचार में आ सकते हैं। इसी प्रकार के दो लोगों से बातचीत करते हुए दो ऑडियो क्लिप वायरल हो रहे थे। इन्हें सुनकर तभी से अंदाजा लगाया जा रहा था कि हरीश रावत स्वयं रामनगर से चुनाव लड़ना चाहते हैं और अपने प्रतिद्वंदी व पुराने शिष्य बड़े जनाधार वाले नेता रंजीत रावत को सल्ट से चुनाव लड़ाया जा सकता है।
बताते चलें कि हरीश रावत को 2017 के विधानसभा चुनाव में किच्छा व हरिद्वार ग्रामीण दो सीटों पर करारी हार का मुंह देखना पड़ा था। इस बार वह अपने लिए सुरक्षित सीट की तलाश में जुटे हुए थे, किंतु बताया जाता है कि हरीश रावत सल्ट में जीत के प्रति आश्वस्त नहीं दिखाई दे रहे थे, ऐसे में यहां से चुनाव लड़ने की बजाय उन्होंने स्वयं के लिए रामनगर को मुफीद पाया और यहां से टिकट फाइनल करवा लिया, जबकि सल्ट के कठिन मोर्चे पर अपने प्रतिद्वंदी नेता रंजीत रावत को चुनाव मैदान में उतारना चाहते हैं। हालांकि रंजीत भी रामनगर से ही चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं और हरीश रावत के रामनगर आने से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। वहीं अभी सल्ट में किसी प्रत्याशी का नाम फाइनल नहीं किया गया है।
कुल मिलाकर हरीश रावत जैसे कद्दावर नेता का रामनगर में चुनाव लड़ने के लिए कार्यकर्ताओं से गुहार लगाना दर्शाता है कि हरीश रावत के मन से आज भी 2017 के विधानसभा चुनाव हारने का खौफ दूर नहीं हो पाया है। यह स्थिति तब है, जब टिकट बंटवारे में हरीश रावत की खूब चली और उनके चहेतों को अधिकांश सीटों पर टिकट दिए गए हैं। यदि वे चाहते तो रामनगर के अलावा प्रदेश के किसी भी कोने से वह अपने लिए सीट चयन कर सकते थे।
कांग्रेस अब तक 64 सीटों पर प्रत्याशी फाइनल कर चुकी है और अब छह सीटों पर प्रत्याशियों को मैदान में उतारना शेष है। इन सीटों में चौबट्टाखाल, सल्ट, डोईवाला, नरेंद्रनगर, टिहरी, हरिद्वार ग्रामीण और रुड़की विधानसभा सीट शामिल हैं।
बहरहाल, छह सीटों पर अब देखना यह होगा कि कांग्रेस किन महारथियों का नाम फाइनल करती है और सल्ट से चुनाव लड़ने के लिए रंजीत रावत तैयार होते हैं या नहीं! साथ ही चौबट्टाखाल सीट पर भाजपा प्रत्याशी सतपाल महाराज के सामने किस हैवीवेट नेता को मैदान में उतारा जाता है, यह देखना भी बड़ा दिलचस्प होगा।