जगदीश ग्रामीण/देहरादून
हेलो! मैं——–बोल रहा हूं!
उखड़ू नेता जी – हेलो! जी मैं डोईवाला से बोल रहा हूं। पार्टी ने मुझे टिकट दिया है। अब आपका सहयोग चाहिए।
अकड़ू मतदाता- जी जरूर सहयोग मिलेगा, पर पहले यह बताइए कि आप इन 5 सालों में तो कभी डोईवाला क्षेत्र में दिखाई दिए नहीं। अब अचानक 28 तारीख को चुनाव के अंतिम दिन आप कहां से प्रकट हुए प्रभु! आप कौन हैं? अपना परिचय तो दीजिए।
नेता जी – देखिए वह पार्टी का निर्णय है। आप तो हमारे लिए देवतुल्य हैं। हम 5 साल तक आप के विकास में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। हम पर भरोसा कीजिए न।
वोटर की मिसाइल:
• जब थानों में अस्पताल उच्चीकरण के लिए आंदोलन चल रहा था तब तो आप कहीं दिखाई नहीं दिए।
• जब लेदड़ी (सिंधवाल गांव) में सड़क मार्ग के लिए आंदोलन चल रहा था तब भी आप कहीं दिखाई नहीं दिए।
• जब डोईवाला में टोल प्लाजा के लिए आंदोलन चल रहा था तब तो आप कहीं दिखाई नहीं दिए।
• जब जौलीग्रांट में एक हवाई कंपनी के कर्मचारियों का आंदोलन चल रहा था तब भी आप कहीं दिखाई नहीं दिए।
• जब थानों कुड़ियाल में सड़क मार्ग का आंदोलन चल रहा था तब भी आप कभी दर्शन देने नहीं आए।
• एक माह पूर्व जब लड़वाकोट – हल्द्वाड़ी की जनता ने सड़क के लिए सांकेतिक धरना दिया तब आपने दर्शन नहीं दिए।
• डोईवाला के पर्वतीय क्षेत्र के गांव में बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए सत्ता में रहते हुए कभी आपने कोई चिंता नहीं की।
हे प्रभु! आप तो अपना और अपने परिवार का ही हित सोचते रहे। आज अचानक हमारी चिंता आपको कैसे सताने लगी है! घर पर आइए चाय पीजिए, नाश्ता कीजिए, भोजन कीजिए, बैठे रहिए, आराम कीजिए लेकिन एक बात कान खोल कर सुन लीजिए कि वोट मांगने का अगर दुस्साहस किया तो बुरी तरह खदेड़े जाओगे। और हां! तुम्हारे साथ जो यह छुटभैये घूम रहे हैं न, इन्हें आप से पहले दौड़ाया जाएगा। आपसे पहले वालों ने बहुत विकास कर दिया है और अब रही-सही कसर आप पूरी करोगे! बड़े आए वोटरों के हितैषी बनने!
@ चुनावी मंडाण