देहरादून। ग्राफिक एरा (graphic era) डीम्ड यूनिवर्सिटी ने एक और शानदार कीर्तिमान बना दिया है। ये नया विश्व रिकॉर्ड जायके के एक अनोखे सफर का नया मुकाम बन गया है। दुनिया भर में पसंद किए जाने वाले डिमशम (मोमोज) की 624 वैरायटी बनाने के इस वर्ल्ड रिकॉर्ड ने कई नये जायकों, अरोमा और मिश्रणों से लोगों को रूबरू करा दिया।
ग्राफिक एरा (graphic era) के होटल मैनेजमेंट डिपार्टमेंट ने यह शानदार कीर्तिमान बनाया है। महज एक घंटा 47 मिनट में होटल मैनेजमेंट के शिक्षकों और छात्र-छात्राओं की टीम “इंक्रेडिबिल-26” ने 624 तरह के डिमशम (मोमोज) तैयार करके सबको हैरत में डाल दिया। इनमें 416 डिमशम वेज और 208 नॉनवेज हैं। ये मोमोज बनाने के लिए सभी तरह की सब्जियां और नॉनवेज मोमोज के लिए चिकन, मटन, प्रोर्न, अंडे आदि इस्तेमाल किए गए। खासबात यह रही कि मोमोज बनाने के लिए मैदा के अलावा मंडुवा, चुकंदर, मिस्सी आटे का भी उपयोग किया गया।
अलग–अलग तरह के मोमोज बनाने के लिए स्टफिंग ही अलग नहीं रखी गई बल्कि बनाने के भी अलग-अलग तरीके इस्तेमाल किए गए। स्टीम, सोटे, कोथे के विभिन्न स्टाइल अपनाने के साथ ही फ्राइड मोमो भी बनाये गए। 26 छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की टीम ने होटल मैनेजमेंट के एच.ओ.डी. अमर डबराल के नेतृत्व में निर्णायकों की टीम के सामने सुबह 11 बजे मोमोज बनाने शुरू किए। ठीक एक घंटे 47 मिनट में इस टीम ने 624 तरह के मोमोज बनाकर उनमें इस्तेमाल की गई सामग्री के विवरण के साथ स्टालों पर सजा दिये। मोमोज में दस-दस तरह के भारतीय, कॉन्टीनेंटल और चायनीज सॉस प्रयोग किए गए।
डिमशम (मोमोज) बनाने का ये नया कीर्तिमान रचने का श्रीगणेश ग्राफिक एरा (graphic era) ग्रुप के अध्यक्ष डॉ कमल घनशाला ने झंडी दिखाकर किया। डॉ घनशाला ने कहा कि ऐसी गतिविधियों आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ ही छात्र-छात्राओं को उद्योग जगत की जरूरत का हिस्सा बना देती हैं।
ग्राफिक एरा (graphic era) के होटल मैनेजमेंट के एक एक छात्र को चार-पांच होटल में प्लेसमेंट के लिए चुन लिया जाना, उन प्रयासों का नतीजा है, जो उन्हें पहले दिन से उद्योग में काम करने के लिए तैयार करने के लिए किए जाते हैं। डॉ. घनशाला ने छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को कामयाबी के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पूरी लगन, ईमानदारी और अच्छी सोच सफलता की गारंटी होती है।
ये विश्व रिकॉर्ड कई माह की मेहनत और रिसर्च का नतीजा
होटल मैनेजमेंट के डीन डॉ आरसी पांडेय और विभागाध्यक्ष अमर डबराल ने कहा कि ये विश्व रिकॉर्ड कई माह की मेहनत और रिसर्च का नतीजा है। कोविड के दौरान ऑनलाइन क्लास के समय होटल मैनेजमेंट के छात्र-छात्राओं को डिमशम (मोमोज) की वैरायटी, जायकों और बनाने के तरीकों के बारे में रिसर्च प्रोजेक्ट दिए गए थे। उसके बाद छात्र-छात्राओं की प्रोजेक्ट रिपोर्ट्स का विस्तार से अध्ययन करने के बाद लैब में विभिन्न प्रांतों, तिब्बत और नेपाल के छात्र-छात्राओं ने मिलकर मोमोज की सैकड़ों वैरायटी तैयार कीं। हालांकि होटलों और विभिन्न राज्यों में करीब सवा सौ तरह के मोमोज ही मिलते हैं।
624 तरह के डिमशम बनाये
वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए गार्लिक पटेटो डिमशम, एंग एंड स्प्रिंग ओनियन, बॉटलगॉड न्यूट्री एंड मशरूम, हर्ब बटर गार्लिक सॉस, पेस्तो सॉस, ब्लैक बीन सॉस डिमशम, एट एंड एट सॉस डिमशम, मंडुआ रैप डिमशम, स्प्रिनिज रैप डिमशम, बिटरूट रैप डिमशम, लबाबदार डिमशम, सालन ग्रेवी डिमशम आदि 624 तरह के डिमशम बनाये गए।
ये मोमोज बनाने वाली टीम “इंक्रेडिबिल-26” के शामिल शिक्षक शैफ मोहसिन खान ने कहा कि यह बहुत बड़ा टास्क था, लेकिन सही प्लानिंग, कार्य वितरण और टीम भावना के कारण यह बड़ी कामयाबी मिली है। इस टीम में फैकल्टी व शैफ सुनील कुमार, शैफ योगेश उप्रेती, छात्र-छात्राएं सिद्धांत सेमवाल, असीम नागर, अदिति सावंत, कार्तिक पांडेय, देवयानी थापा, प्रिया खत्री, सुहेल अहमद, विवेक पांडये भी शामिल हैं।
इससे पहले बना चुका है ग्राफिक एरा कई वर्ल्ड रिकॉर्ड
एस.आई.एच.एम. नई टिहरी के निदेशक डॉ यशपाल नेगी, आई.एच.एम. देहरादून के प्राचार्य डॉ जयदीप खन्ना और राजभवन के कॉम्पट्रोलर प्रमोद चमोली निर्णायकों के रूप में मौजूद रहे। लिम्का बुक ऑर रिकॉर्ड्स से सहमति मिलने पर यह कीर्तिमान बनाया गया है। कामयाबी मिलते ही इस वर्ल्ड रिकॉर्ड को लिम्का बुक में शामिल कराने की अगली कार्यवाही शुरू कर दी गई है। ग्राफिक एरा इससे पहले कई वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुका है।
कई घंटे चली मोमोज की दावत
ग्राफिक एरा (graphic era) डीम्ड यूनिवर्सिटी में आज छात्र-छात्राओं ने डिमशम (मोमोज) की तमाम नई किस्मों का जायका लिया। विश्व रिकार्ड बनाने के लिए तैयार किए गए मोमोज से आज विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं की दावत हुई।
नया विश्व रिकॉर्ड बनने की खुशी को मोमोज की शानदार दावत ने कई गुना बढ़ा दिया। इस खुशी में छात्र-छात्राएं खूब झूमे। काफी शिक्षक भी इसमें शामिल हुए। ये नई तरह की दावत कई घंटे चली।