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विशेष : देवभूमि उत्तराखंड में सुर्खियां बटोर रहा ‘श्वान’। सरकारी वाहनों में (Dog) घुमाकर नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां

admin
Dog rishikesh in govt whehicle

मामचन्द शाह

उत्तराखंड में इन दिनों ‘श्वान’ (Dog) मीडिया व सोशल मीडिया की सुर्खियां बटोर रहे हैं। उन पर तरह-तरह की टिप्पणियां की जा रही है, किंतु वे तो बेजुबान है, भला किसी की टिप्पणियों का उन पर क्या असर होगा। हालांकि इसी ‘श्वान’ प्रेम के कारण सरकारी अधिकारियों की न सिर्फ जमकर किरकिरी हो रही है, बल्कि जीरो टोलरेंस की सरकार में सरकारी वाहनों में ‘श्वान’ घुमाए जाने के गंभीर आरोप भी लग रहे हैं।

इसी सप्ताह ऋषिकेश में एक सरकारी वाहन संख्या यूके12जीए-0124, जिसमें मजिस्ट्रेट लिखा हुआ था, पर एक अच्छी नस्ल का श्वान (Dog) ले जाया जा रहा था। गौर करने पर देखा जा सकता है कि वाहन में चालक के अलावा डॉग सीट से बाहर मुंह करके सरकारी वाहन की शान से सवारी कर रहा है। उक्त वाहन पौड़ी जिले के तहसीलदार का है। वाहन के पीछे चल रहे कुछ लोगों ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। जिसके बाद यह वायरल हो गया।

देखें वीडियो:

आप समझ सकते हैं कि जब मजिस्ट्रे्रट के सरकारी वाहन में श्वान (Dog) घुमाया जा रहा हो, तो यह सरकारी वाहनों का दुरुपयोग नहीं तो और क्या हो सकता है?

विभाग प्रमुखों द्वारा सरकारी वाहनों के दुरुपयोग के विरोध में संविदा आउटसोर्स वाहन चालक संघ उत्तराखंड भी मुखर हो गया है। चालक संघ ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से शिकायत करते हुए कहा है कि शासन/सरकार के अधिकारीगणों द्वारा डाक उपयोग हेतु विभागों से वाहन लेकर उन वाहनों का दुरुपयोग किया जा रहा है

प्रदेश अध्यक्ष हरीश कोठारी व प्रदेश महामंत्री अजय डबराल द्वारा लिखे शिकायती पत्र में कहा गया है कि यदि विभागीय सचिवों के पाँच विभाग हैं तो पाँचों विभागों से अलग-अलग वाहन मंगवाये जाते हैं और अपने निजी सचिवों एवं कार्यालय स्टॉफ, घर पर ड्यूटी, बच्चों को स्कूल छोडऩा, बाजार से सब्जी लाना, घरों के कुत्तों को घुमाने के लिए भी सरकारी वाहन का उपयोग कर रहे हैं। जिसका प्रमाण 21 जून को सोशल मिडिया द्वारा मजिस्ट्रेट/तहसीलदार के सरकारी वाहन में कुत्ते (Dog) को घुमाने का वीडियो में वायरल हुआ है।

शासन द्वारा सबसे ज्यादा विभागों के वाहनों का उपयोग किया जा रहा है और समीक्षा अधिकारी से लेकर सचिव के निजी स्टॉफ तक सबको घर से ऑफिस तक लेकर आना-जाना सभी शामिल हैं, जबकि सरकारी वाहन केवल विभाग के उच्च अधिकारियों, जिनके नाम पर वाहन आंवटित है, उन्हें उस वाहन का उपयोग करने को नहीं मिलता। उनके वाहनों को शासन में निजी प्रयोग हेतु उपयोग में लाया जा रहा है। जिसका ईंधन का व्यय भी विभाग से ही वहन किया जा रहा है।

वाहन चालक संघ की उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट हो गया है कि अधिकारी सरकारी वाहनों के नाम पर सरकारी धन को जमकर ठिकाने लगाने का काम कर रहे हैं।

हरिद्वार में पागल श्वान (Dog) का तांडव

तीन दिवस पूर्व हरिद्वार में एक पागल श्वान ने ऐसा तांडव मचाया कि उसने मात्र आधे घंटे में २६ लोगों को काटकर जख्मी कर दिया था। उसके सामने से जो भी गुजरा, वह उसे काटता चला गया। इनमें स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटक भी शामिल थे। हालांकि घटना को देख रहे लोग आक्रोशित हो गए और उन्होंने उसे पीट-पीटकर मार दिया।

जब केदारनाथ धाम में श्वान (Dog) से चरण स्पर्श करवाने लगा नोएडा का व्यक्ति

नोएडा के रहने वाले रोहन त्यागी उर्फ विकास अपने नवाब त्यागी नाम के श्वान (Dog) के साथ पहुंच गए थे। उन्होंने मंदिर परिसर स्थित नंदी से अपने श्वान (Dog) के चरण स्पर्श करवाए। इसके बाद उनका यह वीडियो देश-दुनिया में वायरल हो गया था। मंदिर समिति ने इस पर कड़ी आपत्ति जताकर कार्यवाही करने की बात कही थी। साथ ही बाबा केदार के भक्तों में भी इस घटना के बाद काफी रोष देखा गया।

बताते चलेें कि आजकल आपने किसी के श्वान को कुत्ता कहकर पुकार डाला तो उसके मालिक विशेषकर मालकिन आपके साथ लडऩे-भिडऩे के लिए भी तैयार हो सकती है। इस पालतू वफादार जानवर श्वान (Dog) के प्रति लोगों की दीवानगी इस कदर बढ़ गई है कि इसे देहरादून की सड़कों से लेकर तमाम शहरों में अमीरजादों की महंगी गाडिय़ों में अक्सर इधर-उधर जाते हुए देखा जाता है। यहां तक तो ठीक है, किंतु जब सरकारी अधिकारियों के वाहन में कुत्ते (Dog) घुमाने जैसे वीडियो वायरल हो रहे हों तो तो आम जन का इस फिजूलखर्ची पर सवाल उठाना लाजिमी है।

कुल मिलाकर उपरोक्त घटनाओं को देखकर समझा जा सकता है कि देवभूमि उत्तराखंड में श्वान खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं। बहरहाल, अब देखना यह होगा कि जीरो टोलरेंस के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस मामले का संज्ञान लेते हैं या नहीं! इसके बाद इस तरह के मामलों से निपटने के लिए सरकार की ओर से क्या रणनीति बनाई जाएगी, इस पर आम जन की नजरें टिकी रहेंगी।

 

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