नवीन बरमोला/देहरादून
विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के रावल 1008 जगतगुरू भीमाशंकर लिंग जी महास्वामी, भगवान केदारनाथ के गद्दीस्थल, ऊषामठ (ऊखीमठ) पहुंच गए हैं।
केदानाथ विधायक मनोज रावत ने कहा कि उन्होंने आज उनके कक्ष के बाहर से ही रावल जी के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि अपने आश्रम महाराष्ट्र के नांदेड़ में भी रावल कई दिनों से अपने सेवकों के साथ एकांतवास कर रहे थे। वहां से चलने से पहले उनका स्वस्थ परीक्षण हुआ और मठ पंहुचने के बाद भी रावल जी का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। वर्तमान में रावल जी और उनके सेवकों का स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक है। वे ऊखीमठ में भी फिलहाल एकांतवास में ही रहेंगे।
विधायक मनोज रावत बताते हैं कि उन्हें रावल जी ने कहा कि, वह दो दिन में 2000 किलोमीटर गाड़ी से चलकर ऊखीमठ पंहुचे हैं। वह केदारनाथ के 324वें रावल हैं। रावल ने विधायक को बताया कि, ”धर्म और मठ की परंपरा की रक्षा के लिए वे अपने पूर्व रावलों/गुरुओं की भांति कभी भी जान की परवाह नहीं करेंगे।”
वहीं दूसरी ओर बद्रीनाथ धाम के रावल 20 अप्रैल को यहां पहुंचेंगे। तीर्थ पुरोहित महापंचायत का कहना है कि बदरीनाथ धाम के रावल परंपरा के अनुसार वह क्वारंटाइन में ही रहते हैं। कोरोना टेस्ट के बाद टेस्ट निगेटिव आने पर वह पूजा कर सकते हैं।
हालांकि कोरोना को दृष्टिगत रखते हुए प्रावधान यह है कि राज्य में बाहर से आने वाला कोई भी व्यक्ति 14 दिन के लिए क्वारंटीन किया जाएगा। ऐसे में सवाल यह है कि क्या दोनों धामों के रावल को भी 14 दिन के क्वारंटीन में रहना होगा या फिर टेस्ट निगेटिव आने के बाद वह पूजा में शामिल होंगे, यह कह पाना फिलहाल मुश्किल है।