देहरादून। उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय हर्रावाला देहरादून के कुलपति डॉ० सुनील कुमार जोशी के विरुद्ध विभिन्न माध्यम से प्राप्त अनियमितताओं / भ्रष्टाचार सम्बन्धी शिकायतों की जाँच कराये जाने हेतु जस्टिस केठडी० शाही को जांच अधिकारी नामित किये जाने को राज्यपाल की स्वीकृति मिल गई है।
सचिव पंकज पांडे ने इस संबंध में कार्यालय ज्ञाप जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय नैनीताल में दायर रिट याचिका संख्या-567 / 2021 डॉ० विनोद कुमार चौहान बनाम उत्तराखण्ड राज्य व अन्य में वादी द्वारा डॉ० सुनील कुमार जोशी की कुलपति पद हेतु निर्धारित अर्हता / योग्यता को पूर्ण न किये जाने सम्बन्धी लगाये गये आरोपों, प्रोफेसर के पद पर निर्धारित अर्हता पूर्ण न होने के उपरान्त भी पदोन्नति प्राप्त करते हुए तथ्यों को दबाये जाने, कुलपति के पद पर नियुक्ति हेतु प्रस्तुत आत्मवृत्त (Bio Data) में सदर्थ सेवाओं को छुपाये जाने तथा डॉ० जोशी के विरुद्ध विभिन्न माध्यम से प्राप्त अनियमितताओं / भ्रष्टाचार सम्बन्धी शिकायतों की जाँच कराये जाने हेतु उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 ( समय-समय पर यथा संशोधित) की धारा-11 (11) में किये गये प्राविधानानुसार जस्टिस केठडी० शाही को जांच अधिकारी नामित किये जाने की राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं।
जाँच अधिकारी जस्टिस के०डी० शाही से अनुरोध किया जाता है कि जॉब रिपोर्ट सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर 15 दिनों के भीतर उपलब्ध कराने का कष्ट करें।