देहरादून/मुख्यधारा
उत्तराखंड से इस वक्त बड़ी खबर आ रही है, जहां विजिलेंस ने चर्चित आईएफएस अधिकारी किशन चन्द (IFS Kishan chand) सहित कई अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कर दिया है। इसके बाद मामले से जुड़े वनाधिकारियों में खलबली मच गई है।
लंबे इंतजार के बाद अब भ्रष्ट अधिकारियों पर विजिलेंस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। कार्बेट नेशनल पार्क में अवैध निर्माण व अवैध कटान सहित तमाम अनियमितताओं के मामले में विजिलेंस ने बड़ी कार्रवाई की है। पहले इस मामले में तमाम दस्तावेज एकत्र किए गए।
तत्पश्चात संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई करने की अनुमति के लिए फाइल शासन को भेजी गई। शासन ने भी मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इसमें देरी नहीं की और फाइल पर मंजूरी देते हुए विजिलेंस को सौंप दी।
इसी कड़ी में आज राज्य सतर्कता विभाग ने हल्द्वानी में आईएफएस किशन चन्द (IFS Kishan chand) सहित अन्य वनाधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर दिया है। विजिलेंस के निदेशक अमित सिन्हा ने इसकी पुष्टि की है। वन अफसरों पर विजिलेंस की कार्रवाई के बाद हड़कंप की स्थिति है।
बताते चलें कि पूर्व में उपरोक्त मामले की संवेदनशीलता को भांपते हुए प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु द्वारा दो आईएफएस किशन चन्द एवं जेएस सुहाग को सस्पेंड किया जा चुका है, जबकि एक IFS को मुख्यालय में संबद्ध किया गया था। इसके बाद विजिलेंस ने मामले की छानबीन की और इसके लिए शासन से ऐसे अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की परमिशन मांगी। इस पर शासन से हरी झंडी मिलने के बाद विजिलेंस ने इन वनाधिकारियों पर कानून का शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
यह भी बताया जा रहा है कि आने वाले समय में कई अन्य वन अधिकारी व कर्मचारियों के साथ ही कुछ ठेकेदार भी इस मामले की चपेट में आ सकते हैं।
धामी सरकार ने भ्रष्ट अधिकारियों पर इस कार्रवाई के बाद यह संदेश देने की भी कोशिश की है कि भ्रष्टाचार में लिप्त रहने वाले अधिकारियों को कोई ठौर नहीं दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस कार्रवाई के बाद वन महकमे सहित अन्य विभागों में भी खलबली मच गई है।