उत्तराखंड में मैदान से लेकर पहाड़ तक मूसलाधार बारिश के बीच जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त (Disaster Uttarakhand) हो गया है। पौड़ी के यमकेश्वर और रायपुर में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर के पास भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात हो गए। मालदेवता पर बना पुल भी बह गया है। प्रदेश में कई जगह संपर्क मार्ग और हाईवे बंद हो गए हैं। चार धाम यात्रा भी अवरुद्ध है। रायपुर और थानों को जोड़ने वाला पुल भी सौंग नदी के ऊफान पर आने से टूट गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम राहत बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। सीएम धामी ने पुलिस प्रशासन अफसरों को अलर्ट रहने के निर्देश जारी किए हैं।
शंभू नाथ गौतम
उत्तराखंड में शुक्रवार से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के बाद मैदान से लेकर बाहर तक हाहाकार (Disaster Uttarakhand) मचा रखा है। देर रात बादलों ने राजधानी देहरादून में जमकर कहर बरपाया। देर रात से देहरादून और आसपास के इलाकों में भारी बारिश का दौर जारी है जो कहर बनकर टूट रहा है।
शनिवार तड़के उत्तराखंड में पौड़ी जिले के यमकेश्वर और देहरादून के रायपुर क्षेत्र में बादल फटने से बड़ी तबाही (Disaster Uttarakhand) हुई है। हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा रौद्र रूप में आ चुकी है। वहीं मैदान से लेकर पहाड़ तक भारी बारिश के बीच जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है।
कुमाऊं के खटीमा में सबसे अधिक 152 मिमी और देहरादून के सहस्रधारा इलाके में 97.5 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। वहीं, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान तीन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। देहरादून जिले के रायपुर ब्लाक में शनिवार तड़के बादल फट गया।
यह घटना देर रात करीब 3 बजे हुई है। मालदेवता में बादल फटने से सात घर बह गए। वहीं सरखेत से 40 लोगों का रेस्क्यू किया गया। रायपुर और थानों को जोड़ने वाला पुल भी सौंग नदी के ऊफान पर आने से टूट गया है।
सूचना के बाद एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। इसके साथ ही देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर के पास भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात हो गए। भारी बारिश की वजह से मालदेवता पर बना पुल भी बह गया है।
बादल फटने की सूचना मिलते ही सुबह सुबह कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी गांव में पहुंच कर हालातों का जायजा लिया। वहीं एसडीआरएफ की टीम ने गांव सरखेत में फंसे सभी लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित कर लिया है। जबकि कुछ लोगों ने एक रिसॉर्ट में शरण ली है। इसके अलावा शुक्रवार से लगातार शुरू हुई मूसलाधार बारिश की वजह से देहरादून के प्रसिद्ध टपकेश्वर महादेव मंदिर के पास बहने वाली तमसा नदी ने विकराल रूप ले लिया। जिसकी वजह से महादेव मंदिर में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। वहीं पौड़ी जिले के यमकेश्वर में बादल फटा है।
बादल फटने से महिला की मौत हो गई है। यमकेश्वर में कई जानवर बह गए हैं। उधर ऋषिकेश श्रीनगर के बीच नेशनल हाईवे 9 जगह बंद है। टिहरी में भी बारिश के बाद बाढ़ ने तबाही मचाई है।
डोईवाला में बारिश से हाहाकार मचा है। इसके साथ ही चमोली ओर रुद्रप्रयाग जनपदों में हो रही बारिश के कारण अलकनंदा नदी के जलस्तर पर भी असर पड़ा है। जलस्तर सामान्य दिनों की तुलना में तेजी के साथ बढ़ रहा है। इससे नदी के आसपास और किनारे रहने वालों लोगों को खतरा पैदा हो गया है।
देवप्रयाग थाने से मिली जानकारी के मुताबिक नेशनल हाईवे 58 ऋषिकेश और देवप्रयाग के बीच पांच जगहों पर बंद है। मार्ग तीनधारा, रोलीधार, तोताघाटी, सोड पानी, और बछेलीखाल के समीप बंद हो गया है। इन सभी जगहों पर पहाड़ी से भारी बोल्डर आकर नेशनल हाईवे पर गिर गए हैं। इस कारण गढ़वाल की ये लाइफ लाइन बंद हो गयी है। ये हाईवे टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों को जोड़ता है।
कर्णप्रयाग से यही हाईवे कुमाऊं के अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों को जोड़ता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारी बारिश को देखते हुए राज्य आपदा और पुलिस प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी आपदा प्रबंधन टीम, एसडीआरएफ की टीमें और प्रशासन के अन्य अधिकारी उन इलाकों में पहुंच गए हैं जहां रात भर भारी बारिश ने कहर बरपाया है। सीएम धामी भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में जायजा लेने पहुंच सकते हैं।
सरखेत मालदेवता में आपदा के कारण कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं। मंत्री आपदा प्रभावित इलाके में जायजा लेने पहुंचे।
गणेश जोशी ने कहा कि वह आज पूरा दिन आपदा प्रभावित इलाके में रहकर व्यवस्था का निरीक्षण करेंगे।
वहीं मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार शनिवार को देहरादून, चमोली व बागेश्वर जनपदों में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना है। मौसम विभाग की ओर से यलो अलर्ट जारी किया गया है।
भारी बारिश में कई संपर्क मार्ग बंद, नदियों का जलस्तर भी उफान पर
मूसलाधार बारिश के चलते नदियां ओर बरसाती नाले उफान पर हैं। सौंग, सुसुआ और जाखन नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। जिससे नदी के किनारे रहने वाले लोगों को खतरा पैदा हो गया है। डोईवाला में सौंग नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है।
वहीं सुसुआ नदी के किनारे रहने वाले लोग भी दहशत में हैं। जाखन नदी में तेज बहाव का पानी आने से रानीपोखरी का वैकल्पिक मार्ग बह गया है। जिससे बड़े वाहनों को लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। छोटे वाहनों को नव निर्मित पुल से निकाला जा रहा है।
हरिद्वार में गंगा चेतावनी स्तर 293 मीटर से 70 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई थी। इसके घंटे बाद ही गंगा खतरे के निशान से 294 मीटर से 5 सेंटीमीटर नीचे बहने लगी। एक घंटे में जलस्तर में 10 सेंटीमीटर की गिरावट दर्ज की गई। गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन की ओर से तटवर्ती इलाकों में अलर्ट जारी किया गया। बाढ़ राहत चौकियों को मुस्तैद रहने को कहा गया।
मसूरी देहरादून हाईवे गलोगीधार में पहाड़ी से मलबा और बोल्डर आने से कई घंटे से बंद है। सड़क के दोनों ओर सैकड़ों वाहनों की कतार लगी है और लोग मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हैं। यहां लगातार बारिश जारी है। यहां मार्ग खोलने के लिए दो जेसीबी लगी हैं।
ऋषिकेश नगर तथा आसपास क्षेत्र सहित पर्वतीय इलाकों में शुक्रवार की रात से ही मूसलधार बारिश हो रही है। जिससे गंगा और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में आरती स्थल तक गंगा नदी का पानी पहुंच गया है।
यहां आपदा प्रबंधन दल अलर्ट मोड पर है। ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी भी उफान पर है। ऋषिकेश में गंगा चेतावनी रेखा से करीब 25 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी है।
केंद्रीय जल आयोग की ओर से प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है। उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग चार स्थानों पर, जबकि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पांच स्थानों पर बाधित है। धरासू बैंड के पास यमुनोत्री और गंगोत्री हाईवे शुक्रवार की शाम से बंद है।
वर्षा के कारण लगातार भूस्खलन हो रहा है। जिससे राजमार्ग को सुचारू करने बीआरओ व एनएच की टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।
रुद्रप्रयाग जनपद में केदारनाथ समेत पूरे जिले में रात्रि से बारिश हो रही है। गौरीकुंड हाइवे कई स्थानों पर अवरुद्ध चल रहा है। बदरीनाथ हाइवे भी सिरोबगड़ में अवरुद्ध है।