शंभू नाथ गौतम
सत्ता और कुर्सी का नशा ऐसा होता है अगर एक बार किसी को लग जाए तो वह उसके बिना रह नहीं सकता। ऐसा ही कुछ बिहार (Bihar) में देखने को मिल रहा है। इसी महीने 10 अगस्त को भाजपा और जेडीयू की गठबंधन सरकार के रास्ते अलग हो गए थे। उसके बाद नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल के साथ सरकार बना ली। लेकिन भाजपा के नेता और विधायक विजय सिन्हा जो बिहार विधानसभा के अध्यक्ष हैं, वह अपनी कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
वहीं जेडीयू और आरजेडी नेताओं का कहना है कि जब भाजपा से गठबंधन ही नहीं रहा तो विजय सिन्हा को विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने का अधिकार नहीं है।
बुधवार, 24 अगस्त से बिहार(Bihar) विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो रहा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। लेकिन मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने अपने खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। साथ ही कहा है कि वे स्पीकर पद से इस्तीफा नहीं देंगे।
उन्होंने कहा, संसदीय नियमों के तहत अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया गया है। कल यानी बुधवार को मेरे खिलाफ वोटिंग नहीं होगी। सरकार पहले अपना विश्वास मत हासिल करे, फिर आगे का देखेंगे। अविश्वास प्रस्ताव से मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा है।
विजय सिन्हा के बयान पर विधानसभा के डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी ने कहा है कि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। कल वे स्पीकर की कुर्सी पर नहीं बैठ पाएंगे।
वहीं आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह ने कहा कि विजय सिन्हा को सम्मानजनक तरीके से अपना पद छोड़ना चाहिए। हमें आश्चर्य है कि वह डटे रहकर क्या साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।
नियमों के अनुसार, स्पीकर सिन्हा विधानसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता नहीं कर सकते, जबकि उन्हें हटाने का प्रस्ताव सदन में विचाराधीन है।
राजद विधायक वीरेन्द्र ने कहा कि राजद, जेडीयू, कांग्रेस, माले, सीपीआई, सीपीएम और हम ने स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि जब भाजपा सरकार में नहीं है और राजग सदन का विश्वास खो चुका है तो फिर सिन्हा का विधानसभा अध्यक्ष बने रहना उचित नहीं है।
जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने कहा कि जिसमें सदन के अध्यक्ष को उनके पद से हटाने की मांग की गई थी। बिहार में नीतीश कुमार के भाजपा से अलग होकर राजद के साथ सरकार बनाने के बाद 10 अगस्त को स्पीकर के खिलाफ राजद के 50 से ज्यादा विधायकों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था, जिस पर 24 अगस्त को वोटिंग प्रस्तावित है।
नए समीकरण बनने के बाद विधानसभा में विजय सिन्हा के पक्ष में बीजेपी के 76 सदस्य ही हैं, वहीं विरोध में सत्तापक्ष के 164 सदस्य हैं। बिहार विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि वे अपने पद से इस्तीफा का नहीं देने वाले हैं, वह सदन की बात सदन में ही करेंगे।
उन्होंने कहा कि मुझे जो नोटिस नई सरकार के तरफ से दिया गया है वह नियमों और प्रावधान के खिलाफ था। इसलिए मैं इस्तीफा नहीं दूंगा, इसके बारे में विशेष जानकारी सदन से दी जाएगी। हालांकि विजय सिन्हा जिस तरह से मैदान में अब तक डटे हैं, उससे माना जा रहा कि वह सदन में अपना पक्ष रखने का इंतजार कर रहे।