नोएडा का सुपरटेक ट्विन टावर (twin tower) पलक झपकते ही जमींदोज कर दिया
मुख्यधारा डेस्क
नोएडा के सेक्टर 93 में बने सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर (twin tower) दोपहर ढाई बजे ढहा दिए गए। 100 मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाले दोनों टावर को गिरने में सिर्फ 12 सेकेंड का वक्त लगा।
ब्लास्ट से पहले करीब 7 हजार लोगों को एक्सप्लोजन जोन से हटाया गया। टावर गिरने के बाद प्रशासन के क्लियरेंस तक 5 रास्तों पर ट्रैफिक की आवाजाही रुकी रहेगी।
यहां नोएडा पुलिस के 560 से ज्यादा जवान तैनात हैं। इमरजेंसी के लिए एंबुलेंस भी तैनात की गई थी।
ब्लास्ट के बाद इलाके में पॉल्यूशन लेवल मॉनिटर करने के लिए स्पेशल डस्ट मशीन लगाई गई हैं।
अगर पिछले दो दशक की बात करें तो देश में गुरुग्राम और नोएडा ने सबसे अधिक विकास की तेज चाल देखी है। दोनों शहरों में गगनचुंबी (रिहाइशी) इमारतों के साथ सड़कों का इंफ्रास्ट्रक्चर का जाल बिछता चला गया। इसके साथ मल्टीइंटरनेशनल कंपनियों के ऑफिस भी खुलते चले गए। हाइटेक सिटी के मामले में गुरुग्राम और नोएडा ने बेंगलुरु का स्थान ले लिया।
कुछ दिनों से नोएडा में बने ‘सुपरटेक ट्विन टावर’ चर्चा में बना हुआ था। अगर आप उधर से निकले होंगे तो इस टावर पर जरूर नजरें ठहर गई होंगी। आज यह टावर जमींदोज हो गया। यानी इसका नामोनिशान मिट गया है।
करीब 800 करोड़ रुपए की लागत से बने सुपरटेक ट्विन टावर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गिरा दिया गया।
बता दें कि इसे बनाने में नियमों की अनदेखी की गई थी। लंबी सुनवाई के बाद आखिरकार देश की सर्वोच्च अदालत ने इसे गिराने के आदेश जारी किए।
सुपरटेक के दोनों टॉवर की ऊंचाई 100 मीटर थी।
टावरों को 3700 किलो विस्फोटक लगाकर गिराया गया। सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर (सियान और एपेक्स) को ढहा दिया गया है।
एक साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक ट्विन टावर को अवैध घोषित कर दिया था
बता दें कि करीब एक साल पहले 31 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा सेक्टर 93ए में बने सुपरटेक ट्विन टावर को अवैध घोषित कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने ये माना था कि ट्विन टावर को बनाने में नियमों की अनदेखी हुई है। इतना ही नहीं इस मामले में नोएडा अथॉरिटी के भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी और आदेश दिए थे कि 3 महीने में यानी नवंबर 2021 तक टावर को गिरा दिया जाए।
ट्विन टावर के बगल में बनी सोसाइटी के दूसरे टावर के लोगों ने ट्विन टावर के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी थी। क्योंकि उनका मानना था ये अवैध तरीके से बनाया जा रहा है। इस लड़ाई को लड़ने वालों का कहना है कि, ये लड़ाई आसान नहीं थी। पहले ये नोएडा अथॉरिटी से शुरू हुई इसके बाद हाईकोर्ट पहुंची और फिर मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, लेकिन सोसाइटी के आरडब्ल्यूए ने हार नहीं मानी। वो तब तक इस लड़ाई को लड़ते रहे, जब तक टावर को अवैध घोषित करके इसे गिराने का आदेश नहीं दिया गया।
हालांकि ये अवैध घोषित करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ट्विन टावर को गिराने के लिए 3 महीने का समय दिया था, लेकिन अब एक साल बाद आज 28 अगस्त को अवैध तरीके से बने ट्विन टावर को ढहा दिया गया।