बड़ी खबर : उत्तराखंड में सात साल पुरानी इस भर्ती की जांच के आदेश के बाद मची खलबली (sub-inspector) - Mukhyadhara

बड़ी खबर : उत्तराखंड में सात साल पुरानी इस भर्ती की जांच के आदेश के बाद मची खलबली (sub-inspector)

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गड़बड़ी करने वालों पर रासुका व गैंगस्टर लगाने के साथ ही उनकी संपत्तियां होंगी जब्त : सीएम धामी

देहरादून/मुख्यधारा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2015 में आयोजित हुई दारोगा (sub-inspector)भर्ती परीक्षा की जांच के आदेश दिए हैं। यही नहीं उन्होंने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि गड़बड़ी करने वालों पर रासुका व गैंगस्टर लगाने के साथ ही उनकी संपत्तियां भी जब्त की जाएंगी, ताकि भविष्य में कोई इस तरह का कृत्य करने का दु:साहस न कर सके।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में पेपर लीक प्रकरण के बीच वर्ष 2015 में आयोजित हुई दारोगा (sub-inspector) भर्ती पर भी धांधली की आंच पड़ गई है।

यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण में चल रही जांच के दौरान एसटीएफ को दारोगा (sub-inspector) भर्ती में धांधली के कुछ अहम साक्ष्य पाए गए हैं। जिसके बाद इस भर्ती की जांच कराने का निर्णय लिया गया है।

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मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा है कि उत्तराखण्ड में भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के लिए कोई स्थान नहीं है। UKSSSC व अन्य भर्ती प्रक्रिया में जिस भी व्यक्ति की अनुचित संलिप्तता पाई जा रही है, उन पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में ये तय किया गया है कि आरोपियों की संपत्तियां ज़ब्त की जाएंगी और उनपर रासुका, गैंगस्टर एक्ट की धाराओं के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश के युवाओं के साथ खिलवाड़ करने वाले क़ानून से बच नहीं पाएंगे।

इस मामले में पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड ने सरकार के समक्ष विजिलेंस जांच कराने की सिफारिश की थी। इस पर गृह विभाग ने इस मामले में कार्मिक विभाग से विजिलेंस जांच को कहा। जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दारोगा भर्ती की जांच के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेश सरकार के इस कदम के बाद 2015 बैच में भर्ती हुए दारोगाओं में खलबली मच गई है।

बताते चलें कि वर्तमान में की जा रही UKSSSC पेपर लीक प्रकरण में एसटीएफ के हाथ कुछ ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जो दारोगा भर्ती में धांधली की आशंका जता रहे हैं। चूंकि उक्त भर्ती पुलिस विभाग की है, ऐसे में पीएचक्यू द्वारा इसकी जांच नहीं की जा सकती। ऐसे में विजिलेंस से इसकी जांच कराने की सिफारिश की गई।

बताते चलें कि आजकल सोशल मीडिया में दारोगा (sub-inspector) भर्ती परीक्षा देने जा रहे दो अभ्यर्थियों की हाकम सिंह के साथ एक पोस्ट खूब वायरल हो रही है। जिसमें हाकम सिंह द्वारा की गई पोस्ट में लिखा गया है कि छोटे भाईयों को छोडऩे गया तो एक पोस्ट तो बनती है। बताया जा रहा है कि उक्त दोनों अभ्यर्थी बहुत अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण हुए। हाकम सिंह चूंकि वर्तमान में पेपर लीक प्रकरण में एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए जा चुके हैं। ऐसे में दारोगा भर्ती में भी गड़बड़ी की आशंका और बढ़ जाती है।

सूत्र बताते हैं कि हाकम सिंह ने कुछ दारोगाओं के नामों का खुलासा किया है। इसके अलावा रामनगर से गिरफ्तार खनन कारोबी चंदन मनराल व उत्तर प्रदेश के केंद्रपाल ने भी कई दारोगाओं के नामों को एसटीएफ के सम्मुख उगल लिया है। यह भी जानकारी आ रही है कि गत दिवस पंतनगर विवि के पूर्व अधिकारी से पूछताछ के बाद भी दारोगा भर्ती से जुड़ी कई तथ्य उजागर हुए हैं।

बताते चलें कि अप्रैल 2015 में आयोजित हुई 339 दारोगाओं की भर्ती के लिए कुल 17606 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। जिसमें सिविल पुलिस, पीएसी व अभिसूचना के एसआई पद शामिल थे। उक्त परीक्षा पंतनगर विवि ने संपन्न कराई थी।

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