अल्मोड़ा/मुख्यधारा
21वीं सदी के अत्याधुनिक युग में जहां अंतर्जातीय विवाह के बाद अब अतर्धर्मीय विवाह तक होने लगे हैं, वहीं देवभूमि उत्तराखंड में अनुसूचित जाति के एक युवक द्वारा सवर्ण युवती से हुए प्रेम विवाह का 13 दिनों में ही अंत कर दिया गया। यहां युवती के परिजनों ने अपने दामाद को ही मौत के घाट उतार दिया। इस घटना ने सभ्य समाज के समक्ष कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अल्मोड़ा जनपद के सल्ट के पनुवाधौखन निवासी जगदीश चन्द्र पुत्र केश राम ने भिकियासैंण की गीता उर्फ गुड्डी से बीते 21 अगस्त को गैराड़ मंदिर में प्रेम विवाह किया था। गीता अपने सौतेले पिता जोगा सिंह व सौतेले भाई गोविंद सिंह निवासी ग्राम वेल्टी, पोस्ट सिनार, तहसील, भिकियासैंण के साथ रहती थी। बताया गया कि जैसे ही उनकी बेटी ने अनु. जाति के युवक से शादी की, उन्होंने उसे ठिकाने लगाने की ठान ली।
आरोप है कि गुरुवार को जगदीश के ससुरालियों ने उसे भिकियासैंण में पकड़ लिया। जिसके बाद वाहन में लेकर जगदीश का अपहरण कर दिया गया। इस दौरान उसकी क्रूरतापूर्वक हत्या (killed) कर दी गई।
सूचना पर राजस्व पुलिस ने गत शाम वाहन से जगदीश का लहूलुहान शव बरामद कर लिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
बताते चलें कि मृतक युवक उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी से दो बार विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुका था।
उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी बताते हैं कि अनु.जाति के युवक से शादी करने के बाद लड़की के परिजन जगदीश के जान के दुश्मन (killed) बन गए थे।
27 अगस्त को मृतक की पत्नी गीता उफ गुड्डी ने एसएसपी को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की थी।
एसएसपी प्रदीप राय के अनुसार हत्या करने वाले सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके अनुसार किसी हथौड़ीनुमा आकार वाले किसी हथियार से जगदीश पर प्रहार कर उसकी हत्या (killed) की गई।
एसएसपी को दिए ज्ञापन में गीता ने लगाई थी जन की सुरक्षा की गुहार :-
सविनय निवेदन इस प्रकार है कि मैं प्रार्थिनी गीता उर्फ गुड्डी उम्र वयस्क पुत्री श्री नन्दन सिंह ग्राम उपथरा पो० सीम तहसील मिवियासैण सौतेला पिता श्री जोगा सिंह ग्राम वेल्टी पो० सिनार तहसील भिकियासैण निम्न निवेदन करती है
मेरे पिता श्री नन्दन सिंह ने मेरी माता श्रीमती भावना देवी एवं प्रार्थिनी उसके भाई ललित सिंह, कैलाश सिंह का परित्याग कर दिया। परित्याग उपरान्त उपरोक्त मेरी माता श्रीमती भावना देवी एक व्यक्ति श्री जोगा सिंह के साथ हम सब को लेकर रहने लगी, तब मैं आठवीं कक्षा में पढ़ती थी मेरे सौतेले बाप ने मेरी स्कूल की पढ़ाई छुडवा कर मुझे कृषि कार्य एवं अन्य कठोर श्रम में लगा दिया था, काम कम होने पर काफी डाठ फटकार कर कभी पीटा जाता जाता था, काम कम होने पर सौतेला भाई गोविन्द सिंह भी डाठ फटकार कर कभी मारने भी आता था तो मेरी माता जी द्वारा मना करने पर मेरी माता को भी डाठा जाता था।
घर वालों की रोज-रोज की डाट-फटकार से परेशान हो गयी और अपने घर में असुरक्षित हो गयी। मेरी माताजी मेरी दशा को देखकर चिन्तित हो गयी थी और मुझे सलाह दी कि तू अब बड़ी हो गयी है तो किसी अच्छे सीधे-साधे लड़के के साथ रह कर अपना जीवन यापन कर।
महोदय लगभग 1 वर्ष पूर्व श्री जगदीश चन्द्र पुत्र केश राम निवासी ग्राम व पोस्ट पनुवाघौखन, तहसील सल्ट जिला अल्मोड़ा से अचानक भिकियासैण के बाजार में मुलाकात हुई। कुछ समय बाद उपरोक्त श्री जगदीश चन्द्र हमारे गाँव में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत घर-घर नल का कार्य करने आये तो मैने इनको पहचान लिया और बात की।
उसके बाद हमारी बात-चीत होती रही मेरे मन में यह आया कि श्री जगदीश चन्द्र मेरा जीवन साथी बन जाये तो मैं सुख पूर्वक अपना जीवन व्यतीत कर सकती हूँ। इसी कारण मैने अपनी माता को जगदीश चन्द्र से मिलवाया। मेरी माताजी ने जगदीश चन्द्र से बात-चीत कर कहा कि ठीक है।
मैं दिनांक 26 मई 2022 को घर से जगदीश चन्द्र के साथ अल्मोडा आयी। इसी बीच हम शादी करना चाहते थे, परन्तु मेरे पास प्रमाण पत्र नही थे। मैं अपने प्रमाण पत्र की व्यवस्था कर रही थी। इसी बीच मेरा सौतेला बाप अचानक 17.06.2022 को अल्मोड़ा मिल गया। मुझे जबरदस्ती अपने साथ ले गये और मेरे साथ लगातार मारपीट की और कहा अगर भविष्य में तूने ऐसा किया तो मैं तूझे जान से मार दूंगा।
मैं तंग आकर दिनांक 07.08.2022 को रात के लगभग 12 बजे अपने घर से भाग कर भिकियासैण श्री जगदीश चन्द्र के कमरे में पहुच गयी। मैंने कहा कि अगर मुझे जिन्दा देखना चाहते हो तो अपने साथ ले जाओ हम दोनों बालिग है। इसलिए हमने आपस में पति-पत्नी के रूप में रहने का फैसला किया। हमने ईश्वर को साक्षी मानकर दिनांक 21.08.2022 को गैराड़ मन्दिर जिला अल्मोड़ा में हिन्दू रीति रिवाज से शादी कर ली।
महोदय, अब मुझे व मेरे पति श्री जगदीश चन्द्र को मेरे सौतेले बाप जोगा सिंह सौतेला भाई गोविन्द सिंह से जान का खतरा बना हुआ है। मेरा सौतेला बाप व सौतेले भाई ने कहा कि तुझे व जगदीश चन्द्र को हम मार देगें। महोदय हम छिप कर अपना जीवन यापन कर रहे है।
अतः महोदय से निवेदन है कि मेरे सौतले बाप व सौतेले भाई के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर हमें सुरक्षा प्रदान करने की कृपा करें। आपकी अति कृपा होगी।
महज 13 दिनों में ही विधवा हो चुकी गीता द्वारा एसएसपी से अपनी व अपने पति की सुरक्षा के लिए मांगी गई सुरक्षा के एक-एक शब्द आपको झिंझोड़कर रख देंगे।
सवाल यह है कि आखिर सभ्य समाज की मानवीय संवेदनाएं इतनी निर्दयी व क्रूर कैसे हो गई? सवाल यह भी है कि क्या जातिवाद के दंश का उपचार 21वीं सदी में भी संभव नहीं हो पाया है?
कुल मिलाकर अभियुक्तों ने अपनी बेटी को महज 13 दिन में ही विधवा बनाकर उसके सपनों को चकनाचूर कर उसे आजीवन के लिए गहरे जख्म दे दिए हैं। पुलिस ने हत्या करने वाले सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की कार्रवाई में आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलने की उम्मीद है, किंतु जो घाव लड़की को उसके अपनों ने दिए हैं, वह तो शायद ही कभी भर पाएंगे!
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