- प्रदेश में बनाई जा रही समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) अन्य राज्यों के लिए भी होगी अनुकरणीय: सीएम
- समान नागरिक संहिता के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से भेंट की
- सुझाव के लिए विशेषज्ञ समिति ने पोर्टल लांच किया
देहरादून/मुख्यधारा
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) हेतु सुझावों के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट की। मुख्यमंत्री ने समिति के अध्यक्ष और सदस्यगणो के साथ विचार विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रदेश की जनता से वादा किया था कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू किया जाएगा।
पहली कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के ड्राफ्ट के लिए समिति के गठन को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने समिति के अब तक के कार्यो की प्रशंसा करते हुए कहा कि विशेषज्ञ समिति ने तेजी से काम किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विशेषज्ञ समिति प्रबुद्धजनों के साथ आम जन से सुझाव प्राप्त कर प्रदेश की जनता के लिये हितकारी समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करेगी। यह दूसरे प्रदेशों के लिये भी अनुकरणीय होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के संबंध में उत्तराखण्ड की जनता का सकारात्मक रेस्पोंस है। अच्छी भावना के साथ किये गये कार्य सफल होते हैं।
विशेषज्ञ समिति की अध्यक्ष जस्टिस (से.नि.) रंजना प्रकाश देसाई ने बताया कि समान नागरिक संहिता के संबंध मे सुझाव प्राप्त करने के लिये पोर्टल/वेबसाइट https://ucc.uk.gov.in का शुभारंभ किया गया है।
इस पर प्रदेश के जनप्रतिनिधि, नागरिक, प्रबुद्धजन, संगठन, संस्थाएं अपने सुझाव अगले 30 दिन अर्थात 7 अक्तूबर तक भेज सकते हैं। समिति हर सुझाव पर पूरी गम्भीरता से विचार करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के रूप में आज़ादी के अमृत काल में एक बड़ी इबारत लिखने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से अपने सुझाव देने का आग्रह करते हुए कहा है कि राज्य सरकार अपने हर वादे को पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध है। देश में आज तक किसी भी कानून को बनाते समय इतने बड़े स्तर पर जनता से सुझाव नहीं मांगे गए। प्रदेश के सभी नागरिकों और हितधारकों को एसएमएस और व्हाट्सएप पर पोर्टल के लिंक के साथ अपील भेजी जा रही है। जिसके माध्यम से वे अपने सुझाव एक माह के भीतर दे सकते हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर उत्तराखण्ड के निवासियों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले प्रासंगिक कानूनों – विवाह, तलाक, संपत्ति का अधिकार, उत्तराधिकार, विरासत, गोद लेने और रखरखाव व संरक्षता विषयक सहित – पर मसौदा कानून तैयार करने या मौजूदा कानून में संशोधन करने तथा “समान नागरिक संहिता” के क्रियान्वयन के सम्बंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था।
समिति की अनेक बैठकें हो चुकी हैं जिनमे व्यापक विचार विमर्श किया गया है। अब https://ucc.uk.gov.in का शुभारंभ किया गया है। इस पर प्रदेश के जनप्रतिनिधि, नागरिक, प्रबुद्धजन, संगठन, संस्थाएं अपने सुझाव अगले 30 दिन अर्थात 7 अक्तूबर तक भेज सकते हैं।
इस दौरान समिति के सदस्य जस्टिस (से.नि.) प्रमोद कोहली, मनु गौड़, शत्रुघ्न सिंह (से.नि. आईएएस), प्रो सुरेखा डंगवाल, सदस्य सचिव एवं अपर स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्य सचिव डाॅ एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।