देहरादून/मुख्यधारा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में निलंबित चल रहे राज्य कर अधिकारी अनिल कुमार पर शासन ने बड़ी कार्रवाई (Action) की है। इस संबंध में उत्तराखण्ड के आयुक्त राज्य कर डॉ० अहमद इकबाल आदेश जारी कर दिया है।
आदेश के अनुसार अनिल कुमार निलम्बित राज्य कर अधिकारी, सम्बद्ध कार्यालय सयुक्त आयुक्त (कार्यपालक) राज्य कर हल्द्वानी संभाग हल्द्वानी के पत्र दिनांक 06.07.2019 से राज्य कर अधिकारी, सचलदल इकाई- आशारोडी, देहरादून के पद पर कार्यरत रहते हुए दिनांक 15.02.2020 को वाहन संख्या-11R-39C-7068 से हिसार से देहरादून के लिए परिवहन किए जा रहे माल के संबंध में श्री अनिल कुमार द्वारा उत्कोच मांगे जाने तथा ग्रहण करने संबंधी सी०एम०पोर्टल पर दर्ज शिकायत नंबर 54740 दिनांक 16.02.2020 के दृष्टिगत श्री अनिल कुमार के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही का निर्णय लेते हुए, जनहित में तात्कालिक प्रभाव से मुख्यालय के आदेश संख्या 7642 दिनांक 20.02.2020 द्वारा निलंबित करते हुए कार्यालय संयुक्त आयुक्त (कार्य) राज्य कर हल्द्वानी संभाग, हल्द्वानी से सबद्ध किया गया तत्पश्चात् प्रश्नगत प्रकरण के संबंध में श्री अनिल कुमार को मुख्यालय के पत्र संख्या 2240 दिनांक 31.08.2021 के द्वारा आरोप पत्र निर्गत किया गया।
उक्त कम में मुख्यालय के कार्यालय ज्ञाप संख्या 3638 दिनांक 18.102021 के द्वारा अजय कुमार, संयुक्त आयुक्त (कार्य) राज्य कर, हरिद्वार संभाग, हरिद्वार को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया।
जांच अधिकारी द्वारा प्रकरण से संबंधित सभी पहलुओं की गहनता से जांब कर संपादित जांच आख्या में अपचारी अधिकारी के विरूद्ध प्रश्नगत प्रकरण में जारी आरोप पत्र संख्या 2240 दिनांक 31. 08.2021 द्वारा आरोपित आरोप संख्या 01 व 02 सिद्ध पाये जाने के आधार पर अपचारी अधिकारी को उत्तराखण्ड राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली, 2002 के नियम 3(1) व नियम 3(2) के उल्लंधन का स्पष्ट दोषी पाया है।
राज्य कर मुख्यालय के पत्र संख्या – 7781 / आयु०रा०क० उत्तरा० / स्था०अनु० / 2021-22 / दे०दून दिनांक 28.03.2022 द्वारा प्रश्नगत प्रकरण में श्री अनिल कुमार निलंबित राज्य कर अधिकारी को दीर्घ शास्ति उत्तरांचल सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 2003 यथासंशोधित 2010 के नियम 3 के उपनियम (ख) के खण्ड (तीन) में विहित दण्ड “सेवा से हटाना जो भविष्य में नियोजन से निरर्हित नहीं करता है” दिए जाने के संबंध में प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया।
उक्त के कम में शासन के पत्र संख्या-68074 / 2022/11 (100) /xxvii( 8 ) / 2022 दिनांक 06. 10.2022 के द्वारा मा० उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग, हरिद्वार द्वारा प्रदत्त स्वीकृति पत्र संख्या-175/10/ई- 01/ ए०डी०सी०/ 2022-23 दिनांक 15.09.2022 की मूल प्रति संलग्न कर प्रश्नगत प्रकरण में श्री अनिल कुमार निलम्बित राज्य कर अधिकारी को दीर्घ शास्ति उत्तरांचल सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 2003 यथासंशोधित 2010 के नियम 3 के उप नियम (ख) के खण्ड (तीन) में विहित दण्ड “सेवा से हटाना जो भविष्य में नियोजन से निरर्हित नहीं करता है” दिये जाने के सम्बन्ध में अग्रिम कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया।
अतः प्रश्नगत प्रकरण में अनिल कुमार, निलम्बित राज्य कर अधिकारी, सम्बद्ध कार्यालय सयुक्त आयुक्त (कार्यपालक) राज्य कर हल्द्वानी संभाग हल्द्वानी को उत्तराखण्ड राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली-2002 के नियम-3 ( 1 ) व नियम-3(2) के उल्लंघन का स्पष्ट दोषी पाये जाने के आधार पर शासन के पत्र संख्या 68074 / 2022/11 (100)/xxvii (8) / 2022 दिनांक 06.10.2022 तथा शासनादेश संख्या 1178 / कार्मिक-2 / 2005 / दिनांक 30.05.2005 एवं शासनादेश संख्या-1796 / कार्मिक / 2005 दिनांक 21 जुलाई, 2005 के आधार पर सम्यक विचारोपरान्त श्री अनिल कुमार निलम्बित राज्य कर अधिकारी, सम्बद्ध कार्यालय संयुक्त आयुक्त (कार्यपालक) राज्य कर, हल्द्वानी संभाग हल्द्वानी को उत्तराखण्ड सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली 2003 यथासंशोधित 2010 के नियम-3 के उप नियम (ख) के खण्ड-3 में विहित दीर्घ शास्ति “सेवा से हटाना जो भविष्य में नियोजन से निरर्हित नहीं करता है” किये जाने की अधोहस्ताक्षरी सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते है।
आदेश संलग्न: