देहरादून/मुख्यधारा
उत्तराखंड के अनुभवी एवं तेजतर्रार कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल (Subodh Uniyal) राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर अपने नए बयान के कारण अचानक सुर्खियों में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि वे अब विधानसभा की बजाय लोकसभा की दावेदारी करेंगे। उनके इस बयान से अब नए समीकरणों को जोड़कर देखा जा रहा है।
राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल नरेंद्रनगर में कार्यक्रम में उपस्थित थे। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त की। इसी दौरान उन्होंने अचानक कह दिया कि अब वे नरेंद्र विधानसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे। बाद में कहा कि वे अब विधानसभा के बजाय लोकसभा चुनाव के लिए दावेदारी करना पसंद करेंगे।
सुबोध उनियाल के इस कथन के कई मायने निकाले जा रहे हैं। बताते चलें कि श्री उनियाल राज्य निर्माण के बाद से अब तक चार बार विधायक रह चुके हैं। वह दूसरी बार के कैबिनेट मंत्री हैं।
राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रदेश की राजनीति के बाद अब सुबोध उनियाल केंद्र की राजनीति में अवसर तलाश कर अपना कद बढाने की ओर अग्रसर हैं। इसके इतर उत्तराखंड में मुख्यमंत्रियों के दावेदारों की भरमार होने के चलते भी सुबोध उनियाल की राह प्रदेश की बजाय केंद्र में आसान हो सकती है।
हालांकि टिहरी लोकसभा सीट से वर्तमान में माला राज्यलक्ष्मी शाह भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं। वह वर्ष 2012 के उपचुनाव में प्रथम बार सांसद चुनी गई और इसके बाद से वह टिहरी की सांसद हैं। हालांकि क्षेत्र में सक्रियता कम होने के कारण माला राज्यलक्ष्मी शाह टिहरी लोस क्षेत्रवासियों के बीच अपनी जगह स्थापित नहीं कर पाई है। यही कारण है कि पार्टी के भीतर भी एक तबका यह मानता है कि वर्ष 2024 में यदि टिहरी सीट पर चेहरा नहीं बदला गया तो यहां भाजपा के लिए जीत की राह थोड़ी कंटीली हो सकती है।
अब कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने क्षेत्रवासियों के मन की बात सार्वजनिक कर डाली है कि वे विधानसभा की बजाय लोकसभा चुनाव लडऩे की पैरवी करेंगे। ऐसे में राजनैतिक विश्लेषकों को भी समझने में देर नहीं लगी कि अब सुबोध उनियाल की नजर टिहरी लोकसभा सीट पर है। उन्होंने बातों-बातों में कह डाला कि चुनाव चाहे वह ग्राम प्रधान का हो, क्षेत्र पंचायत सदस्य का हो अथवा विधानसभा या लोकसभा का, जनता को सही प्रतिनिधि ही चुनना चाहिए। सही प्रतिनिधि चुनने से ही लोकतंत्र मजबूत होगा और क्षेत्र में भी विकास की गति जोर पकड़ेगी।
वर्ष 2024 में प्रदेश में लोकसभा चुनाव होने हैं। वर्तमान में सभी पांचों सीटों पर भाजपा के सांसद हैं। आगामी एक वर्ष में यदि मौजूदा सांसद अपने क्षेत्रवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरने में सफल नहीं हो पाए तो कुछ सीटों पर चेहरा बदलने में किसी को संकोच नहीं होना चाहिए।
बहरहाल, सुबोध उनियाल के कथन के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी टिहरी सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ने का उनका सपना साकार कर पाती है कि नहीं!