सिंगतूर पट्टी (Singtur Strip) के ईष्ट करण महाराज शल्य महाराज संग निकले तीन माह के प्रवास पर
देवरा गांव के बाद अब 17 वर्ष बाद स्वीचाण गांव के लिए रवाना हुए कर्ण व शैल्य महाराज की डोली
सिगतूर पट्टी व गडूगाड पट्टी 23 गांव के इष्ट देव हैं कर्ण वशैल्य महाराज
नीरज उत्तराखंडी/पुरोला
विकास खंड मोरी सिगतूर व गडूगाड 23 गांव के इष्ट आराध्य देव कर्ण महाराज एवं शैल्य महाराज की डोली 17वर्ष बाद देवरा गांव से शुक्रवार को स्वीचाण गांव 3 माह के प्रवास के लिए निकली,अब तीन महा तक दोनों देव स्वीचांण गांव में ही प्रवास करेंगे।
उल्लेखनीय है कि पट्टी सिंगतूर व गडूगाड पट्टी आराध्य देव दानवीर कर्ण महाराज का मूल मंदिर देवरा व कोटगांव में है व क्षेत्र के स्वीचाण गांव समेत गांव -गांव में भी कर्ण महाराज के मंदिर हैं वे पूजा अर्चना की जाती है।
देवरा गांव के सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि शुक्रवार को 17 साल बाद पाऱपरिक पूजा अर्चना के बाद ढोल नगाड़ों व 23 गांव से आये ग्रामीणों की भीड़ के बीच कर्ण महाराज–शैल्य महाराज की गोलियां तीन माह के प्रवास के लिए सुचाण गांव के लिए प्रस्थान किया हैं।
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सुरेंद्र ने बताया कि मोरी देवरा गांव दानवीर कर्ण महाराज की जन्म स्थली है वहीं पट्टी सिंगतूर के ही ईष्ट कोटलाईक एवं मंजकाली थाती माता का मूल स्थल,स्वीचाण गांव है अब अब कर्ण व शैल्य महाराज कोटलाईंक,मंजकाली थाती जाग माता के आमंत्रण पर तीन माह के प्रवास पर स्वीचाण गांव में रहेंगे।
कर्ण महाराज के माली मनमोहन सिंह,राजमोहन,शिवपाल सिंह रावत ने बताया कि कर्ण महाराज देवरा गांव से स्वींचाण के लिए 17 साल बाद तीन माह के प्रवास पर निकले हैं। तीन महीने तक कर्ण महाराज की पूजा अर्चना स्वींचाण गांव में ही होगी।
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कर्ण व शैल्य महाराज के साथ क्षेत्र के देवरा,गैच्वाण गांव, दड़गाण गांव,हलटाड़ी,पोखरी,पासा,कुनारा, लुदराला कलाप सहित पट्टी पंचगाई, फते पर्वत, बंगाण,गाडूगाड पट्टियों सहित सैकड़ों लोगों मौजूद थे।