दो टूक: उत्तराखंड में अवैध बस्तियां बसाने वाले नेताओं व अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी जरूरी : जोतसिंह बिष्ट (Jot Singh Bisht)
देहरादून/मुख्यधारा
हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हाई कोर्ट के एक आदेश की वजह से 4000 से अधिक परिवार बेदखली के कगार पर थे। उनको 5 जनवरी 2023 को उच्चतम न्यायालय के द्वारा राहत प्रदान करते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार और रेलवे से जवाब दाखिल करने का आदेश जारी करके बेदखली की चिंता में डूबे हुए परिवारों को राहत देने का मानवीय फैसला जारी किया है।
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उत्तराखंड आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने जिस तरह से अपने फैसले में प्रभावित परिवारों को फौरी तौर पर राहत दी है, उससे उम्मीद की जा सकती है कि आगे भी 50 साल पहले से बसे हुए इन परिवारों को कोई बेहतर न्याय पूर्ण फैसला मिलेगा। राज्य सरकार इस मामले में अपनी जवाबदेही से पूरी तरह से बचती हुई दिखाई दे रही है।
आम आदमी पार्टी बनभूलपुरा गफूर बस्ती के बेदखली की मार से प्रभावित परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है।
आप पार्टी के नेता जगतार सिंह बाजवा के नेतृत्व में पार्टी का एक शिष्टमंडल प्रभावित परिवारों से मिलने गया। शिष्टमंडल ने उनकी परेशानियों को समझने के साथ-साथ किसी भी प्रभावित परिवार को अगर कानूनी मदद की जरूरत होगी तो हमारी लीगल टीम उनको कानूनी सहायता प्रदान करेगी।
राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय के फैसले का पालन करने का आश्वासन देकर के प्रभावित परिवारों को राहत देने से बच रही है। आम आदमी पार्टी माननीय मुख्यमंत्री जी और राज्य सरकार से विनम्र आग्रह करती है कि 50,000 की आबादी को इस तरह से रातों-रात बेदखली की कार्रवाई करने के बजाय इन परिवारों को यथावत स्थिति में रखने हेतु सुप्रीम कोर्ट ने इनके पक्ष में मजबूत पैरवी करने का काम करना चाहिए।
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सुप्रीम कोर्ट फैसला अगर इन के पक्ष में नहीं आता है तो ऐसी दशा में राज्य सरकार को सभी प्रभावित परिवारों को पहले बसाना चाहिए, उसके बाद उस जगह को खाली कराना चाहिए। उत्तराखंड आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि हमारी पार्टी की यह भी मांग है कि अवैध बस्तियां बसाने वाले राजनेताओं से लेकर अधिकारियों कर्मचारियों की पड़ताल करके उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जानी आवश्यक है।