गड़बड़झाला: कल्जीखाल (kaljikhal) ब्लॉक के प्रधान बेडगांव पर लाखों रुपए के गोलमाल का आरोप, कार्रवाई के साथ ही होगी वसूली। कारण बताओ नोटिस जारी
पौड़ी गढ़वाल/मुख्यधारा
पौड़ी जनपद के कल्जीखाल ब्लॉक के अंतर्गत बेडगांव के प्रधान पर लाखों रुपए के गोलमाल का आरोप लगा है। जांच के बाद उन पर कार्रवाई के साथ ही वसूली की कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
विकासखण्ड कल्जीखाल के ग्राम पंचायत बेडगॉव में प्रधान प्रमोद रावत द्वारा वित्तीय अनियमितताओं का मामला संज्ञान मे आया है। प्रधान बेडगॉव पर सात लाख पचपन हजार के गोलमाल करने के साथ ही पत्नी एवं माताजी को फर्जी भुगतान करने का आरोप लगाया गया है।
ग्राम वासियो की शिकायत पर जिलाधिकारी पौड़ी ने जिला पंचायतराज अधिकारी जितेन्द्र कुमार को जॉच आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। जिला पंचायत राज अधिकारी ने ग्राम पंचायत बेडगॉव में स्वयं जाकर ग्राम पंचायत के अभिलेखों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई प्रकार की अनियमितताएं सामने आई।
पाया गया कि प्रधान ने अपनी माता एवं पत्नी को मजदूर दिखाकर उनके खातो में धनराशि का भुगतान किया है, जबकि उनकी माता व पत्नी गॉव में नहीं रहती हैं। अपने चहेते मजदूरों को राज्य वित्त एवं मनरेगा में एक साथ अलग अलग योजनाओं में एक ही दिन मजदूरी दिखाकर एक साथ कई दिन तक फर्जी भुगतान किया गया है, जबकि एक मजदूर एक दिन में दो योजनाओ पर कैसे कार्य कर सकता है। इस प्रकार ये फर्जी भुगतान को दर्शाता है।
प्रधान ने फर्जी भुगतान कर अपने चहेतों को लाभ पहुचाया है। मस्ट्रोलो की जॉच करने पर पाया गया कि कई मस्ट्रोलों में मजदूरों के हस्ताक्षर नहीं है। निर्माण कार्यो की पत्रावलियों की जॉच करने पर पाया गया कि कई पत्रावली मे योजनाओं के बिल बाउचर नहीं है। साथ ही निर्माण कार्यों के इस्टीमेट एवं कार्यो की एमबी भी नहीं है। इससे प्रतीत होता है कि निर्माण कार्यो के भुगतान फर्जी तरीके से किए गए हैं।
बिना एमबी के भुगतान करना नियम विरुद्ध हैं। केन्द्रीय वित्त एवं राज्य वित्त में 1438597 रू0 के सापेक्ष 683379 रू0 के बिल बाउचर ही फाइलों में उपलब्ध हैं, शेष 755218 रू0 के बिल बउचर उपलब्ध नहीं हैं। जिसकी वसूली अपेक्षित है।
पूर्व में भी ग्राम प्रधान द्वारा अपने परिवार के लोगों को भुगतान के सम्बंध में ग्राम वासियों के साथ मारपीट की गई थी। इस मारपीट के मामले में प्रधान जेल जा चुका है तथा वर्तमान में जमानत पर बाहर आया है।
प्रधान द्वारा ग्राम पंचायत में 6 समितियों का गठन किया है, लेकिन आज तक समितियों की एक भी बैठक नहीं की है। यहॉ तक कि ग्राम पंचायत की मासिक होने वाली बैठक भी अभी तक नहीं की गई है।
इसके अलावा ग्राम पंचायत में स्टोक रजिस्टर भी नहीं बनाया गया है। जिससे प्राप्त सामग्री का विवरण उपलब्ध नहीं हो पाया है।
यही नहीं प्रधान द्वारा पंचायत कर की धनराशि भी जमा नहीं की गई है, जो कि अवश्यक रूप से जमा करवाना होता है। जिला पंचायत राज अधिकारी ने अपनी जॉच आख्या जिला मजिस्ट्रेट को सौंप दी है। जिला मजिस्ट्रेट पौडी डॉ0 आशीष चौहान ने प्रमोद रावत प्रधान ग्राम पंचायत को 15 दिन में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिये हैं। प्रतिउत्तर संतोषजनक न होने पर पंचायतीराज अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अर्न्तगत कार्यवाही की जा सकती है।
बहरहाल, अब 15 दिन बाद इस मामले में क्या कार्यवाही होती है, यह देखना बाकी है।
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