पहल: अग्नि दुर्घटनाओं की रोकथाम व नियंत्रण को लेकर उत्तरकाशी वन प्रभाग (Uttarkashi Forest Division) में किया गया जागरूक, DFO पुनीत तोमर ने की वनाग्नि रोकने में सहयोग की अपील
उत्तरकाशी/मुख्यधारा
वनाग्निकाल वर्ष 2023 के प्रारम्भ होने के दृष्टिगत अग्नि दुर्घटनाओं की रोकथाम / नियंत्रण एवं जागरूकता के उद्देश्य से आज 11.02.2023 को प्रभागीय कार्यालय उत्तरकाशी वन प्रभाग में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया है।
उत्तरकाशी वन प्रभाग के अन्तर्गत धरासू डुण्डा जैसे वनाग्नि की दृष्टि से अतिसंवेदनशील स्थलों पर प्रतिवर्ष अग्नि दुर्घटनाएं होती है। अतः लोकतन्त्र के चौथे स्तम्भ पत्रकारिता की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो जाती है कि वह अराजक तत्वों द्वारा फैलायी जा रही भ्रामक सूचनाओं को रोके व जनता के समक्ष वन विभाग द्वारा किये जा रहे सार्थक प्रयासों को प्रस्तुत करें जिससे जनता के बीच वनाग्नि के सम्बन्ध में झूठी सूचना न फैलने पावें।
उत्तरकाशी वन प्रभाग द्वारा वनाग्नि नियंत्रण हेतु वनाग्निकाल से पूर्व ही आवश्यक कार्य किये गये हैं। जिसके अन्तर्गत संवेदनशील कक्षों में नियंत्रित फुकान, समस्त रेजों में 129 वनाग्नि सुरक्षा गोष्टियों का आयोजन 156 वनाग्नि सुरक्षा प्रबन्धन समितियों का गठन, 40 क्रू-स्टेशन व 01 मास्टर कन्ट्रोल रूम का संचालन प्रारम्भ कर दिया गया है।
मास्टर कन्ट्रोल रूम का समन्वय जिला आपदा प्रबन्धन केन्द्र के साथ स्थापित किया गया है, वनाग्नि रोकथाम के लिये आवश्यक उपकरणों हेतु एस०डी०आर०एफ० से भी फण्ड की मांग की गयी है।
07.02.2023 को प्रभागीय वनाधिकारी उत्तरकाशी वन प्रभाग द्वारा वन चेतना केन्द्र कोटबंगला में बाड़ाहाट वन राजि के अन्तर्गत आने वाली 20 वन पंचायतों के सरपंचों एवं अन्य सदस्यों के साथ वनाग्नि सुरक्षा की गोष्टि की गयी है, जिसमें प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा गोष्टि में आये सरपंचो सदस्यों को वनाग्नि सुरक्षा से सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी है।
यह भी बताया गया कि जिन ग्रामों के निकट के वन क्षेत्र में आग की घटना नहीं होगी, उन गांव की वनाग्नि सुरक्षा प्रबन्धन समितियों को पुरस्कृत करने का प्रावधान भी किया जायेगा।
प्रभागीय वनाधिकारी पुनीत तोमर ने अपील की है कि ग्रामीण अपने खेतों में सावधानी पूर्वक आड़ा जलायें एवं वनाग्नि की घटना होने पर तुरन्त नजदीकी कू स्टेशन मास्टर कन्ट्रोल रूम, वन चौकी या वन विभाग के कर्मचारी को सूचित करें एवं वनाग्नि नियंत्रण में वन विभाग का सहयोग करते हुये एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभायें।