उत्तराखंड विधानसभा बजट सत्र : सदन में विपक्ष ने किया हंगामा, कैबिनेट बैठक में धामी सरकार ने विधायक निधि (MLA Fund) बढ़ाने के प्रस्ताव को दी मंजूरी
- कैबिनेट बैठक में धामी सरकार ने राज्य आंदोनकारियों को नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने की मंजूरी
- विधायक निधि बढ़ाने के प्रस्ताव को दी मंजूरी, अब 5 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष
गैरसैंण/मुख्यधारा
उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण में आज से शुरू विधानसभा बजट सत्र की शुरुआत हुई। बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से हुई। 18 मार्च तक चलने वाले बजट सत्र में 15 मार्च को वर्ष 2023-24 के लिए 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बजट पेश किया जाएगा। विपक्ष कांग्रेस कई दिनों से सरकार को घेरने के लिए कई मुद्दों पर घेरने के लिए रणनीति बनाए हुए था।
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विधानसभा पहुंचे और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। राज्य में सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं में धांधली, महंगाई और अंकिता हत्याकांड को लेकर कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा भवन के मुख्य गेट के सामने प्रदर्शन किया। उसके बाद सदन में राज्यपाल गुरमीत सिंह के अभिभाषण के बीच कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा किया।
इस दौरान जब राज्यपाल अभिभाषण पढ़ रहे थे तो राज्यपाल ने वेल में हंगामा कर रहे विपक्ष से हाथ जोड़कर निवेदन किया। राज्यपाल के निवेदन पर विपक्ष ने कुछ देर के लिए नारेबाजी बंद की। लेकिन वह हंगामा करते हुए वेल तक पहुंच गए थे। कांग्रेस ने अपने विरोध प्रदर्शन में अडानी पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट का मुद्दा भी उठाया है।इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने राज्यपाल का अभिभाषण पढ़ा और मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।बजट सबसे पहले कैबिनेट की बैठक में धामी सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए।
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गैरसैंण में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य आंदोनकारियों को नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का प्रस्ताव आया। जिस पर मुहर लग गई। कैबिनेट की बैठक में राज्य की नई सौर ऊर्जा नीति को मंजूरी मिली। बैठक में विधायक निधि बढ़ाने को भी मंजूरी मिली। विधायक निधि 3 करोड़ 75 लाख से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की गई। मंदिरों के सौंदर्यीकरण के लिए अब एक साल में 25 लाख के बजाय 50 लाख रुपये मिलेंगे। महिला मंगल दलों को मिलने वाली राशि 25 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपये की गई।
बता दें कि वर्ष 2011 से राज्य आंदोलनकारियों को नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस विधेयक को मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया था, लेकिन राजभवन की ओर से कुछ आपत्ति के बाद इसे वापस लौटा दिया गया था।