यमुना वैली पब्लिक स्कूल (Yamuna Valley Public School) का 5वां वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया
नीरज उत्तराखंडी/नौगांव
लोक निर्माण विभाग निरीक्षण भवन प्रांगण में यमुना वैली पब्लिक स्कूल का 5वां वार्षिक उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। नन्हें बाल कलाकारों ने मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से अपनी प्रतिभा लोक संस्कृति का प्रदर्शन कर अभिभावकों आगंतुकों व दर्शकों का दिल जीत लिया। वहीं एक सामाजिक बुराइयों व कुरीतियों को त्याग कर समतामूलक स्वच्छ समाज बनाने का संदेश दिया।
यमुना वैली पब्लिक स्कूल की स्थापना 2013 में शशिमोहन रावत व सीमा रावत ने मेट्रो सिटी दिल्ली का सुविधापूर्ण जीवन छोड़ कर क्षेत्र में बेहतर गुणवत्तायुक्त लोक संस्कृति एवं संस्कारों से युक्त शिक्षा की सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से की गई।
यमुना वैली पब्लिक स्कूल उस सोच का नजीता है, जिसका बीजारोपण दिल्ली में हुआ था। जब शशि मोहन रावत और उनकी पत्नी सीमा ने दिल्ली छोड़कर अपने पहाड़ में बेहतर शिक्षा प्रदान करने का मन बनाया।
उन्होंने नौगांव में स्कूल की स्थापना की और अपने अभियान को शुरू कर दिया। स्कूल में बेहतर गुणवत्ता पूर्व शिक्षा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि महज 5-6 सालों में ही छात्रों की संख्या करीब ढाई सौ हो चुकी है। बहुत जल्द स्कूल में दसवीं तक की कक्षाएं भी संचालित करने की दिशा में कदम भी बढ़ा दिए गए हैं।
26 मार्च को नौगांव के लोक निर्माण विभाग गेस्ट हाउस के ग्राउंड में स्कूल का वार्षिक उत्सव मनाया गया। यह वास्तव में उत्सव ही था। जिस तरह से बच्चों ने शानदार कार्यक्रम प्रस्तुत किए। उससे एक बात तो साफ है कि बच्चों को जिस तरह बेहतरीन शिक्षा दी जा रही है। ठीक उसी तरह से उनके व्यक्तित्व के विकास पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने जहां नए दौर के साथ कदमताल कर हिन्दी गीतों पर प्रस्तुति दी। वहीं, रवांल्टी, गढ़वाली, जौनसारी और कुमाऊंनी गानों पर शानदार प्रस्तुतियों से पंडाल में मौजूद लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। बच्चों ने भी अपनी मासूमियत से लोगों को खूब गुदगुदाया।
विद्यालय के संरक्षक डॉ. मनमोहन सिंह रावत ने अतिथियों को स्वागत किया और विद्यालय परिवार की ओर से अभिभावकों को भरोसा दिया कि उनके बच्चों की बेहतर शिक्षा और उज्ज्वल भविष्य की जिम्मेदारी उनकी है।
उन्होंने कहा कि विद्यालय परिवार में सभी अभिभावकों के सुझाव आमंत्रित हैं। विद्यालय को अभिभावकों के सहयोग से संचालित किया जाएगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कर्नल अजय कोठियाल, प्रसिद्ध साहित्यकार महावीर रवांल्टा और भाजपा के जिला अध्यक्ष सतेंद्र राणा ने मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पण और दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया।
कर्नल कोठियाल ने बच्चों को अपने लक्ष्य का चयन कर उसको साधने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि लक्ष्य को तभी साधा जा सकता है, जब आपका उस पर पूरा ध्यान केन्द्रित होगा।
प्रसिद्ध साहित्यकार महावीर रवांल्टा ने कहा कि हमें बच्चों को पढ़ाने के साथ ही अभिभावक अपने व्यहार पर भी ध्यान दें। बच्चे व्यहार चीजों को ज्यादा जल्दी समझते हैं। हमारा खुद का आचरण बच्चों के लिए सबसे बड़ी प्रेरणा है। उन्होंने अपना पूरा उदबोधन रवांल्टी भाषा में ही दिया, उनके प्रयासों से ही रवांल्टी भाषा को पहचान मिली है।
नगर पंचायत नौगांव के अध्यक्ष शशि मोहन राणा ने विद्यालय के सौंदर्यीकरण के लिए ढाई लाख रुपये की घोषणा की।उन्होंने कहा कि शशि मोहन रवांल्टा और सीमा ने जो सपना देखा है, उसमें सभी को योगदान देना चाहिए।
नगर पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि उनका प्रयास नगर पंचायत का बेहतर विकास करना है। लगातार प्रयास कर रहे हैं कि नगर क्षेत्र में लोगों को अच्छी सुविधाएं मिल सकें।
नगर पालिका अध्यक्ष बड़कोट अनुपमा रावत ने विद्यालय परिवर को शुभकामनाएं दी।उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम बच्चों के सर्वागींण विकास में अहम भूमिका निभाते हैं।
स्कूल के निदेशक शशिमोहन रवांल्टा ने अतिथियों का स्वागत किया।उन्होंने कहा कि उनका प्रयास मैट्रो शहरों जैसी शिक्षा अपने छोटे शहरों में देने का है, जिसके लिए वो लगातार प्रयासरत हैं।उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि स्कूल के बेहतरी के लिए अपने सुझाव दें, जिससे हम और बेहतर कर सकें।
प्रधानाचार्य सीमा रावत ने विद्यालय की प्रगति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्कूल को माध्यमिक स्तर मान्यता दिलाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा के साथ ही खेल के प्रति भी प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए विद्यालय अपना खेल मैदान भी तैयार कर रहा है, जिससे बच्चे खेल गतिविधियों में हिस्सा ले सकें और इस क्षेत्र में भी बेहतर भविष्य बना सकें।
कार्यक्रम में दिल्ली से आए मेहमान भी बच्चों के आनंद लेते नजर आए। दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एमके पांडेय ने कहा कि दिल्ली जैसी सुविधा वाले शहर को छोड़कर पहाड़ में आकर बस जाना अपने आप में प्रेरक है।इससे अन्य लोगों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए।
भारतीय सूचना सेवा के अधिकारी नीरज भट्ट ने गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी के देहरादून वाला हूं गाने का उदाहरण देते हुए कहा कि जब लोग सबकुछ देहरादून को मान चुके हैं। तब शशि मोहन और सीमा ने पहाड़ आकर एक शानदार उदाहरण पेश किया है।
डॉ. प्रकाश उप्रेती पहले भी रंवाई घाटी का भ्रमण कर चुके हैं और हमेशा से ही अपने गांव और ईजा से जुड़े रोचक किस्सों से लोगों को प्रेरित करते रहते हैं।
वहीं, डॉ. रुद्रेश नारायण मिश्र पहली बार रंवाई घाटी के दौरे पर आए। वो यहां की सुंदरता देखकर बेहद खुश नजर आए। वहीं, स्कूल के बच्चों की प्रस्तिुतियों को आनंद लेते भी नजर आए।
कार्यक्रम का संचालन शिक्षक साहित्यकार कवि, लेखक दिनेश रावत ने किया।
इस मौके पर व्यापार मंडल अध्यक्ष जगदीश असवाल, नीरज उत्तराखंडी, पहाड़ समाचार के सीईओ प्रदीप रावत रवांल्टा, रवांल्टी कविता संग्रह दुई आखर के लेखक अनोज सिंह बनाली, हिल-मेल के संपादक वाईएस बिष्ट, फोर्ड फाउंडेशन के फेलो डॉ. मोहन भुलानी, वरिष्ठ पत्रकार मनोज ईष्टवाल और सामजिक कार्यकर्ता इन्द्र सिंह नेगी सहित विद्यालय परिवार के सभी अभिभावक और क्षेत्र के कई अन्य लोग मौजूद रहे।