केंद्र सरकार के 9 साल: अपने 9 साल के कार्यकाल में मोदी सरकार (Modi government) ने कई बड़े फैसलों के साथ पार्टी का विस्तार भी आगे बढ़ाया
भाजपाइयों में जश्न का माहौल
मुख्यधारा डेस्क
सियासत और सत्ता की दृष्टि से आज केंद्र की मोदी सरकार के लिए बहुत ही खास दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र में अपनी सरकार के 9 साल पूरे कर लिए हैं। भाजपा के नेता और कार्यकर्ता मोदी सरकार की उपलब्धियों का बखान करने के लिए तैयार हैं।
9 साल पूरे होने पर राजधानी दिल्ली समेत प्रदेशों की राजधानियों में भी भाजपा आयोजन करने जा रही है। पार्टी हाईकमान ने इसके लिए कई भाजपा नेताओं को अहम जिम्मेदारी दी है। 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी।
9 साल पहले राजधानी दिल्ली में भाजपा सरकार के गठन के दौरान समारोह में देश-विदेश के करीब 4 हजार चुनिंदा लोग मौजूद थे। उस वक्त के राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी ने स्टेज पर सबसे पहले नरेंद्र मोदी को शपथ के लिए बुलाया।
मोदी ने शपथ ली और इसी के साथ देश को आज ही के दिन अपना 15वां प्रधानमंत्री मिला। 2014 के लोकसभा चुनाव में जब ऐसे नारे सामने आए तो कांग्रेस सरकार से नाखुश जनता को एक उम्मीद दिखी। उम्मीद कि मोदी सरकार आने के बाद वाकई उनके ‘अच्छे दिन’ आ जाएंगे।
इसी उम्मीद से 17 करोड़ से ज्यादा लोगों ने बीजेपी को वोट दे दिया। बीजेपी ने 282 सीटें जीतीं। ये पहली बार था जब किसी गैर-कांग्रेसी पार्टी ने बहुमत हासिल किया था। 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। पांच साल बाद 2019 में जब लोकसभा चुनाव हुए तो लगा कि बीजेपी 2014 जैसा करिश्मा नहीं दोहरा पाएगी। लेकिन हुआ इसका उल्टा। इस बार 23 करोड़ से ज्यादा लोगों ने बीजेपी को वोट दिया। 2019 में बीजेपी ने 303 सीटें जीतीं। नरेंद्र मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। नरेंद्र मोदी जब पहली बार पीएम बने थे तब देश के सात राज्यों में भाजपा की सरकार थी। गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा में भाजपा के मुख्यमंत्री थे, जबकि पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और आंध्र प्रदेश में टीडीपी के साथ वह सत्ता की साझेदार थी। 2018 में भाजपा अपने चरम पर थी। तब 21 राज्यों में बीजेपी या सहयोगी पार्टियों की सरकार थी। अब सिर्फ 14 ऐसे राज्य हैं, जहां भाजपा या उसके गठबंधन की सरकार है। अभी पिछले दिनों भाजपा ने गुजरात में सत्ता गंवा दी है। अब आइए जानते हैं मोदी सरकार के 9 सालों में कुछ बड़े फैसले।
9 साल के कार्यकाल में केंद्र सरकार के लिए गए यह बड़े फैसले जो चर्चा में रहे-
बता दें कि साल 2016 में नरेंद्र मोदी सरकार का सबसे बड़ा फैसला सामने आया, इस फैसले से पूरे देश में हड़कंप मच गया। 8 नवंबर साल 2016 को रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया और रात 12 बजे 500 और 1000 के नोट को चलन से बाहर कर दिया था। अचानक से नोट को चलन से बाहर कर देने वाले सरकार के फैसले ने देशभर में खलबली मचा दी थी। मोदी सरकार ने नोटबंदी के जरिए काले धन पर चोट की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वाली केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2017 से पूरे देशभर में जीएसटी को लागू कर दिया था। जीएसटी लागू करने का मकसद देश में ‘एक देश, एक टैक्स’ की प्रणाली को लागू करना था। जीएसटी लागू होने से सर्विस टैक्स, वैट, क्रय कर, एक्साइज ड्यूटी और अन्य कई टैक्स समाप्त हो गए। 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाया गया था। उस समय सीआरपीएफ के 78 वाहनों का काफिला जम्मू से श्रीनगर का सफर तय कर रहा था। इस काफिले में करीब 2500 जवान थे। उस समय एक आतंकी ने सीआरपीएफ के काफिले में विस्फोटक लेकर जा रहे एक वाहन को टक्कर मार दी थी. इस विस्फोट में 40 जवान शहीद हो गए थे। दो हफ्ते बाद 26 फरवरी 2019 को भारत ने बालाकोट एयरस्ट्राइक करके जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को ढेर कर दिया था। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। 5 अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर खंडों को समाप्त कर दिया था जो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करते थे। इसी के साथ जम्मू-कश्मीर में देश के वो सभी कानून लागू हो गए, जिन्हें 70 साल तक लागू नहीं किया जा सका। वहां के लोगों को केंद्र सरकार की योजनाओं का फायदा मिलने लगा। मोदी सरकार ने 30 जुलाई 2019 में तीन तलाक विधेयक पारित किया था, जिसके बाद मुस्लिम समाज में तीन तलाक देना अपराध की श्रेणी में आ गया है। इस विधेयक को मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 के नाम से जाना जाता है। नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए अल्पसंख्यकों के लिए भारतीय नागरिकता देने का रास्ता खोलता है, जो भारत के तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से उत्पीड़न या किसी और कारण से अपना देश छोड़कर यहां आए हों। वहीं एनआरसी नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर है, जो भारत से अवैध घुसपैठियों को निकालने के उद्देश्य से लाया गया। एनआरसी के तहत, एक शरणार्थी भारत का नागरिक होने के योग्य है अगर वाे ये साबित कर दे कि वो या उनके पूर्वज 24 मार्च 1971 को या उससे पहले भारत में थे।
साल 2014 के बाद भाजपा ने पूर्वोत्तर के राज्यों में हासिल की सत्ता-
2014 में पीएम मोदी के केंद्र की सत्ता में आने के बाद बीजेपी ने साल 2017 में हुए यूपी विधानसभा में सफलता हासिल की। पीएम मोदी के चेहरे पर ही यह चुनाव भी लड़ा गया और बीजेपी गठबंधन ने 312 सीटों पर जीत दर्ज कर सपा से सत्ता छीन ली। साल 2014 से पहले बीजेपी का पूर्वोत्तर के राज्यों में जनाधार काफी कमजोर था। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर पर फोकस करना शुरू कर दिया। इसका नतीजा ये रहा कि अप्रैल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी पहली बार सत्ता पर काबिज हो गई। बीजेपी ने अरुणाचल प्रदेश में भी सरकार बनाई। पीएम मोदी ने यहां जोरदार प्रचार किया था। त्रिपुरा में बीजेपी की लगातार दूसरी बार सरकार है। केंद्र की सत्ता में आने के बाद बीजेपी ने यहां पर वामपंथी दबदबे को समाप्त कर दिया। बीजेपी की नगालैंड, मेघालय, मणिपुर में भी गठबंधन सरकार है। साल 2014 के बाद से बीजेपी का पूर्वोत्तर के राज्यों में विस्तार हुआ।
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