पत्रकारिता दिवस पर देवभूमि पत्रकार यूनियन (Devbhoomi Journalist Union) ने दो दर्जन पत्रकारों को किया सम्मानित
संविधान निर्माण में मीडिया को कोई जगह नहीं दी गई : निशीथ जोशी
देहरादून/मुख्यधारा
देवभूमि पत्रकार यूनियन, पंजी. उत्तराखंड द्वारा आज सुमननगर धर्मपुर स्थित श्री गोवर्धन सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के सभागार में आयोजित पत्रकारिता दिवस एवं अभिनंदन समारोह में “पर्वतीय” समाचार पत्र के संस्थापक स्व. विष्णुदत्त उनियाल स्मृति सम्मान वयोवृद्ध पत्रकार जीतमणि पैन्यूली सम्पादक “पहाड़ों की गूंज” को दिया गया।
यूनियन द्वारा इस वर्ष से प्रारंभ उक्त सम्मान पर्वतीय साप्ताहिक के वर्तमान संपादक अजय कांबोज द्वारा 5100 रु. का चेक, स्मृति चिन्ह, तुलसी की माला, शॉल प्रदान कर किया गया। इनके अतिरिक्त पत्रकारिता की क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले नौ पत्रकारों:– अनिल वर्मा (देहरादून टाइम्स दैनिक), कुंवर राज अस्थाना (दिव्य हिमगिरि), रवि अरोड़ा (पछवादून विकास), अजय सिंह राणा (अध्यक्ष उत्तरांचल प्रेस क्लब), सरोजिनी सेमवाल (उत्तराखंड जन), रजनेश ध्यानी (जनपक्ष एक्सप्रेस), रतनलाल लखेड़ा गढ़रत्न मेल), गोपाल सिंघल (अरिहंत एक्सप्रेस), शशिकांत मिश्रा (द नाईट) को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस वर्ष का “समग्र जीवन सम्मान” वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि डा. बुद्धिनाथ मिश्र को शॉल ओढ़ाकर स्मृति चिन्ह व तुलसी की माला प्रदान कर किया गया। इनके अतिरिक्त पांच पत्रकारों दीपक धीमान, नवीन जोशी, दीपक गुलानी, ऋतुराज गैरोला एवं रजत शर्मा को “सक्रिय पत्रकारिता सम्मान” दिया गया।
मुख्य अतिथि पद से बोलते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र ने कहा कि पत्रकार एवं साहित्यकार में कोई विशेष अंतर नहीं है। पत्रकार घटना को प्रस्तुत करता है, वही साहित्यकार उक्त घटना को कालजयी बना देता है। आज प्रिंट मीडिया की तुलना में सोशल मीडिया अधिक बढ़ रहा है, लेकिन प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता आज भी बनी हुई है।
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मुख्य वक्ता के रूप में सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने कहा कि संवैधानिक दर्जा मीडिया को बेशक न हो लेकिन मीडिया लोकतंत्र के तीनों स्तंभों पर अंकुश का कार्य करता है। मीडिया ने अपने बलबूते पर चौथा दर्जा प्राप्त किया हुआ है। आज भी मीडिया अन्य तीनों स्तंभों से ज्यादा महत्वपूर्ण बना हुआ है। शेष तीनों स्तंभों की मीडिया जरूरत बना हुआ है।
वरिष्ठ पत्रकार निशीथ जोशी ने विषय गोष्ठी “लोकतंत्र के स्तंभों में मीडिया की संवैधानिक स्थिति” पर बोलते हुए कहा कि आदि पत्रकार नारद जी ने संवाद की कला सिखायी। उन्होंने सकारात्मक शक्तियों का साथ दिया। लोकतंत्र में जहां एक आम आदमी की स्थिति है, वही हम पत्रकारों की स्थिति है। देश का जब संविधान बनाया गया उसमें हमें कोई जगह नहीं दी गई। जबकि लोकतंत्र की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका मीडिया की रही। जिस दिन मीडिया एकजुट हो जायेगा, उसी दिन मीडिया को लोकतंत्र में संवैधानिक दर्जा प्राप्त हो जायेगा।
इनके अतिरिक्त सुनील अग्रवाल, डा. वी.डी.शर्मा (प्रदेश महासचिव), अशोक वर्मा, अजय कांबोज, अनिल वर्मा आदि ने भी विचार रखें। समारोह की अध्यक्षता यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष विजय जायसवाल ने की। मंच का सफल संचालन पं सुभाष चंद्र जोशी ने किया।
समारोह में मुख्य रूप से सिद्धनाथ उपाध्याय, डा. एम.आर.सकलानी, डा.चंद्र सिंह तोमर “मयंक”, तिलक राज, गिरधर शर्मा, विशंभर नाथ बजाज, श्याम सिंह श्याम, अरुण कुमार मोंगा, धीरेंद्र प्रताप सिंह, अविनाश प्रेमी, सुनील गुप्ता, प्रेमलता भरतरी, राजेश भटनागर, रवि अरोड़ा, अशोक पांडे, राव इमरान खां, डा. जमशेद उस्मानी, आशीष कुमार, हर्ष उनियाल, शैलेंद्र सिंह, संजय पाठक, वीरेंद्र गैरोला, पी.एस.रांगड़, संदीप जनधारी, विकास कुमार, राकेश पंडित (पार्षद), गीता पांडे, संजीव शर्मा, संदीप शर्मा, राजेश शर्मा (ऋषिकेश), बॉबी गुप्ता, दीपाली कश्यप, संजय भट्ट, संजय त्यागी, योगेश सक्सेना, राकेश थपलियाल, उत्कर्ष रोहिला, संजय गर्ग, शैली शर्मा आदि उपस्थित रहे।
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