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पहाड़ी फल काकू (Kaku) अपने स्‍वाद के साथ सेहत से भरपूर

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पहाड़ी फल काकू (Kaku) अपने स्‍वाद के साथ सेहत से भरपूर 

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डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला

उत्तराखंड के पर्वतीय अंचल के पारंपरिक खानपान में जितनी विविधता एवं विशिष्टता है, उतनी ही यहां के फल-फूलों में भी। खासकर जंगली फलों का तो यहां समृद्ध संसार है। यह फल कभी मुसाफिरों और चरवाहों की क्षुधा शांत किया करते थे, लेकिन धीरे-धीरे लोगों को इनका महत्व समझ में आया तो लोक जीवन का हिस्सा बन गए। औषधीय गुणों से भरपूर जंगली फलों का लाजवाब जायका हर किसी को इनका दीवाना बना देता है।

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उत्तराखंड़ में फल जितने स्वादिष्ट होते हैं उतने ही सेहत से भी भरपूर इन्हीं में से एक है फलों का स्वाद जुबां को ही नहीं, बल्कि सेहत में भी “मिठास” भरता है, मगर काकू फल हमारे चेहरे को चमकाने के लिए रामबाण औषधि है। जापान, एशिया, चाइना के बाद कुमाऊं के भवाली, रानीबाग, भीमताल, रामगढ़, नथुवाखान में यह फल बड़ी मात्रा में पाया जाता है। इसमें ग्लूकोज, प्रोटीन, टैनिन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेड, शूगर, फैट, विटामीन ए, सी, ई, कैल्सियम और आयरन के साथ मैग्नीसियम भी पाया जाता है।

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पहाड़ी फल काकू इस फल का स्वाद जुबां में मिठास तो भरता है ही साथ ही चेहरे को चमकाने की भी रामबाण औषधि है। जापान, चीन के साथ ही काकू फल उत्तराखंड के कुमाऊं में देखने को मिल जाएगा। काकू का बॉटनिकल नाम डायोस्पायरोस काकी है खासकर नैनीताल जिले के भवाली,रामगढ़,मुकतेश्वर और नथुवाखान में इसके आसानी से देखा जा सकता है। काकू फल में फाइबर , कार्बोहाइड्रेट , फैट, विटामिन ई, विटामिन ए, विटामिन सी, शुगर, आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन और मैग्नीशियम पाया जाता है। इतने सारे गुणों कोसमेटे हुए यह फल कई तरह की बीमारियों को दूर करने में कारगर है। स्थानीय भाषा में इसे कोको के नाम से भी जाना जाता है।

काश्तकार मनोज बताते हैं कि काकू ठंडे क्षेत्रों में होने वाला फल है। यह चिड़ियाओं का पसंदीदा फल है। दरअसल चिड़ियाओं की वजह से फल का काफी नुकसान होता है, इसलिए इसके पेड़ों को कपड़े या धोती से ढककर रखा जाता है। समें एंटी ऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज हैं। साथ ही यह पेट की समस्याओं को दूर करने में कारगर है। यह फल सितंबर-अक्टूबर के समय में होता है। इसकी दो वैरायटी, एसट्रिनजेंट और नॉन एसट्रिनजेंट देखने को मिल जाएंगी।

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वहीं, वर्तमान मौसम में बाजारों में यह फल 100 से लेकर 120 रुपये किलो तक मिल जाएगा। उत्तराखंड के जंगलों में फलो की संख्या बहुत है, जिसे खाने के बहुत सारे फायदे है साथ ही कईफलों का उपयोग करके बहुत सी दवाइयां भी बनाई जाती है पर कई बार बाजार में न मिलने की वजह से या फिर इन फलो कि सही जानकारी नही होने का कारण ये फल जंगलों में ही खत्म हो जाते हैं। काकू सीजनल फल है और इससे शरीर को मल्टीविटामीन, मिनरल मिलते हैं। काकू खाने से चेहरे पर चमक पैदा होती है और हाथ-पैरों में होने वाले दर्द (खवाई) से भी मुक्ति
मिलती है।

( लेखक वर्तमान में दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं )

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