हल्द्वानी में आज उक्रांद के केंद्रीय महामंत्री सुशील उनियाल ने एक बयान जारी कर ब्रिडकुल द्वारा चल्थी पुल निर्माण के मामले में हुए कथित भ्रष्टाचार पर लीपापोती करने पर नाराजगी जताते हुए केंद्र और प्रदेश सरकार से चल्थी पुल निर्माण की स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराने की मांग रखी।
केंद्रीय महामंत्री सुशील उनियाल ने सख्त लहजे में नाराजगी जताते हुए कहा कि कि चल्थी पुल के निर्माण में ब्रिडकुल ने लापरवाही बरती है। केंद्र सरकार द्वारा लगभग तीन वर्ष पूर्व पुल निर्माण के लिए धन आवंटित हो चुका है, जबकि चल्थी पुल का निर्माण सामरिक और रक्षा दृष्टि से अभी तक हो जाना अति आवश्यक था, क्योंकि चल्थी पुल नेपाल के बॉर्डर पर है।
वर्तमान समय में चीन के साथ तनाव के इस माहौल में इस पुल की अति आवश्यकता महसूस हो रही है, मगर भ्रष्टाचार के कारण इस पुल के निर्माण को रोक दिया गया।
सुशील उनियाल ने कहा कि उन्हें सूत्रों द्वारा पता चला है कि उक्त पुल से संबंधित कुछ लोगों द्वारा निजी फायदों के लिए इस चल्थी पुल का निर्माण रोका जा रहा है। जिसका उदाहरण है कि अभी तक पुल निर्माण में लाखों रूपये बर्बाद किये जा चुके हैं, परंतु अभी तक पुल का निर्माण कार्य शुरू तक नहीं हुआ है।
उनियाल ने कहा कि इस पुल निर्माण की आड़ में नए स्टोन क्रशरों को लगाने की अनुमति देकर उनके माध्यम से दबाकर अवैध खनन किया जा रहा है। जल्द ही वे इस चल्थी पुल व अवैध खनन से सम्बंधित भ्रष्टाचार को लेकर पीएम, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव उत्तराखंड, एमडी ब्रिडकुल एवं सीबीआई प्रमुख को पत्र लिखकर चल्थी पुल निर्माण में कथित भ्र्ष्टाचार की किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग रखेंगे और उक्त पुल की आड़ में किये स्टोन क्रशरों द्वारा अवैध खनन की जांच की मांग भी करेंगे।
सुशील उनियाल ने कहा कि उक्त अवैध खनन करने वालों स्टोन क्रशर एवम चल्थी पुल निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े रुपयों को उक्त घपलेबाजों और स्टोन क्रशर मालिकों की निजी संपत्ति से वसूला जाये और उक्त लोगों पर कठोर कानूनी कार्यवाही हो। उन्होंने कहा कि साथ ही अतिशीघ्र उक्रांद कार्यकर्ता स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर हल्द्वानी स्थित ब्रिडकुल कार्यालय में धरना देने जा रहे हैं और इस घोटाले की जांच की मांग को लेकर उक्रांद का उग्र आंदोलन जारी रहेगा।