Women Reservation Bil : लंबी चर्चा के बाद नारी शक्ति वंदन विधेयक राज्यसभा से सर्वसम्मति से पारित, 215 सांसदों ने किया समर्थन, किसी ने नहीं किया विरोध
मुख्यधारा डेस्क
महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) ने अपनी पहली दो सीढ़ी पार कर ली है। बुधवार को यह बिल लोकसभा में पारित हो गया था। इसके बाद आज नारी शक्ति वंदन बिल संसद के विशेष सत्र के चौथे दिन राज्यसभा से सर्वसम्मति से पास हो गया है। राज्यसभा में आज इस बिल पर पूरे दिन चर्चा हुई।
गुरुवार रात लगभग 10:30 बजे नारी शक्ति वंदन विधेयक राज्यसभा से पास हो गया। बिल के खिलाफ किसी ने वोट नहीं दिया। हाउस में मौजूद सभी 215 सांसदों ने बिल का समर्थन किया। अब यह बिल राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनकी मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा। प्रक्रिया पूरी होने के बाद महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33% आरक्षण मिलेगा।
वहीं इससे पहले राज्यसभा में बिल पर चल रही चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बिल से देश के लोगों में एक नया विश्वास पैदा होगा। सभी सदस्यों और राजनीतिक दलों ने महिलाओं को सशक्त बनाने और ‘नारी शक्ति’ को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आइए देश को एक मजबूत संदेश दें।
वहीं विधेयक के पास होने के बाद सभापति धनखड़ ने कहा कि यह एक सुखद संयोग है कि हिंदू रीति के अनुसार आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है। मैं उन्हें बधाई देता हूं।
वहीं इससे पहले इस बिल पर चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख जेपी नड्डा और कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बीच तीखी बहस हो गई। दरअसल जेपी नड्डा ने राज्यसभा में महिला आरक्षण पर कहा कि इसका असर 2029 के चुनाव में देखने को मिलेगा। जेपी नड्डा ने कहा कि यदि आज यह बिल पास किया जाता है तो 2029 में महिलाएं, आरक्षित सीटों पर सांसद बनकर आ जाएंगी। इस पर खरगे ने कहा, मैं कबीर का एक दोहा पढ़ता हूं-
” कल करे सो, आज कर, आज करे सो अब, पल में प्रलय होगी तो कार्य करोगे कब।”
खरगे ने कहा कि जब पंचायत, जिला पंचायत एक्ट से महिलाओं को आरक्षण मिला तो फिर केंद्र सरकार द्वारा लाया गया महिला आरक्षण तुरंत लागू क्यों नहीं हो रहा। जेपी नड्डा ने कहा कि मैं यहां स्पष्ट करना चाहता हूं कि बीजेपी की नियत यहां कोई राजनीतिक लाभ लेना नहीं है। हमारा उद्देश्य महिलाओं का सही मायने में सशक्तीकरण करना है। अगर हमको राजनीतिक लाभ लेना होता तो हम कह देते कि इसे हम अभी कर लेंगे। नड्डा ने कहा कि यही एकमात्र रास्ता है और यही सबसे छोटा रास्ता भी है।
राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में अपनी पार्टी की ओर से महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए मांग की कि अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को भी कानून में शामिल किया जाए। झा ने कहा कि अभी भी समय है और मैं अनुरोध करता हूं कि विधेयक को एक चयन समिति को भेजा जाए और इसमें एससी और एसटी के साथ ओबीसी को भी शामिल किया जाए।