Israel Hamas War : इजराइल-हमास की जंग महायुद्ध की ओर, दुनिया दो खेमों में बंटी, संघर्ष विराम प्रस्ताव से भारत ने बनाई दूरी
इजरायल-हमास का युद्ध दिन-ब-दिन खतरनाक तरीके से आगे बढ़ता जा रहा है। 7 अक्टूबर से शुरू हुए इस जंग को 22 दिन पूरे हो चुके हैं। इजरायली सुरक्षा बल लगातार गाजा पट्टी में हवाई हमले कर रही है। इजराइल और हमास को लेकर दुनिया दो भागों में बंट गई है। भारत, अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी समेत कई देश इजरायल के साथ खड़े हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सीरिया में अमेरिकी हमलों पर कांग्रेस को भेजे गए वॉर पॉवर्स नोटिफिकेशन में कहा, अमेरिका आगे के खतरों या हमलों से निपटने के लिए जरूरी और उचित कार्रवाई करने के लिए तैयार है। वहीं ईरान, लेबनान, जॉर्डन और सीरिया समेत कई देश हमास और फिलीस्तीन के साथ में है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस प्रस्ताव से दूरी बना ली, जिसमें इजरायल-हमास संघर्ष में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था।
मुख्यधारा डेस्क
इजराइल और हमास की जंग को शुरू हुए 22 दिन पूरे हो चुके हैं। दोनों ओर से लगातार युद्ध जारी है। अभी जो हालात दिखाई दे रहे हैं उसे देखते हुए फिलहाल यह जंग थमती हुई नजर नहीं आ रही है। इजरायल हमास का युद्ध दिन-ब-दिन खतरनाक तरीके से आगे बढ़ता जा रहा है। इजरायली सुरक्षा बल लगातार गाजा पट्टी में हवाई हमले कर रही है। इजराइल और हमास को लेकर दुनिया दो भागों में बंट गई है। भारत, अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी समेत कई देश इजरायल के साथ खड़े हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सीरिया में अमेरिकी हमलों पर कांग्रेस को भेजे गए वॉर पॉवर्स नोटिफिकेशन में कहा, अमेरिका आगे के खतरों या हमलों से निपटने के लिए जरूरी और उचित कार्रवाई करने के लिए तैयार है। वहीं ईरान, लेबनान, जॉर्डन और सीरिया समेत कई देश हमास और फिलीस्तीन के साथ में है।
इजरायल और हमास युद्ध के महायुद्ध में बदलने की संभावनाएं पैदा हो गई हैं। गाजा में इजरायल के हमले जारी हैं। तेल अवीव पर हमास रॉकेट दाग रहा है। अब ईरान भी इजरायल को धमकी दे रहा है। अमेरिका ने भी सीरिया में एयरस्ट्राइक कर इस जंग को और भीषण कर दिया है।
इजरायल ने आज कहा कि उसके लड़ाकू विमानों ने हमास के खिलाफ युद्ध में रेड के दौरान उत्तरी गाजा में 150 अंडरग्राउंड टारगेट पर हमला किया। एक सैन्य बयान में कहा गया कि जिन स्थानों पर हमला किया गया उनमें आतंकवादी सुरंगें भूमिगत युद्ध स्थान और अतिरिक्त भूमिगत बुनियादी ढांचे शामिल थे। इसके अलावा कई हमास आतंकवादी भी मारे गए थे। हमास ने शनिवार को कहा कि गाजा में उसके लड़ाके पूरी ताकत के साथ इजरायली हमलों का सामना करने के लिए तैयार हैं।
हमास ने हमास ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का जिक्र करते हुए शनिवार सुबह एक बयान में कहा, नेतन्याहू और उनकी सेना कोई सैन्य जीत हासिल नहीं कर पाएगी। फिलिस्तीनी समूह ने शुक्रवार देर रात कहा कि उसके सदस्य इजरायल की सीमा के पास के इलाकों में इजरायली सैनिकों के साथ लड़ रहे हैं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इजरायल की जवाबी बमबारी में 7,300 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, हजारों की संख्या में इजरायली सैनिक गाजा में घुस चुके हैं। इजरायल ने हमास के ठिकाने को निशाना बनाते हुए उत्तरी गाजा में ताबड़तोड़ हमले किए हैं। हमास का कहना है कि इस तेज हमले के बाद गाजा पट्टी में इंटरनेट बंद कर दिया गया है, जिसकी वजह से गाजा से संपर्क टूट गया है।
ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लहानिया ने कहा है कि अगर इजरायली सरकार गाजा में फिलिस्तीनियों के नरसंहार को जारी रखेगी तो इसकी आग से अमेरिका भी नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि मैं अमेरिकी सरकार से कहना चाहता हूं जो फिलिस्तीन में नरसंहार की देखरेख कर रहे हैं। हम क्षेत्र में युद्ध नहीं चाहते लेकिन अगर गाजा में नरसंहार जारी रहा तो अमेरिका भी इस आग से नहीं बचेगा। अमेरिका शांति और सुरक्षा के लिए काम करें ना कि लोगों को जंग की आग में झोंकने के लिए। गाजा पर हमले को लेकर तुर्की पूरी तरह से इजरायल और पश्चिमी देशों पर भड़का हुआ है।
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन का कहना है कि गाजा में इतनी मौतों पर भी पश्चिमी देश आंख मूंदकर बैठे हैं क्योंकि गाजा में मुस्लिमों का खून बह रहा है। तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन ने कहा कि हमास एक आतंकवादी संगठन नहीं, बल्कि एक मुक्ति समूह है जो अपनी जमीन की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ रहा है। एर्दोगन ने कहा कि हमास देशभक्त संगठन है। जो अपने क्षेत्रों और लोगों की रक्षा करता है।
देश की संसद में अपनी पार्टी के सांसदों को संबोधित करते एर्दोगन ने कहा कि वे योद्धा (मुजाहिद) हैं, हम इजराइल के ऋणी नहीं हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं इजराइल नहीं जाऊंगा।
बता दें कि इजरायल की सेना गाजा में हमास की आतंकी सुरंगों को तबाह करने में जुटा है। इजरायल ने आतंक की मिलिट्री ऑब्जर्वेशन पोस्ट को खत्म कर दिया है। लेकिन तीन हफ्ते से जारी हमलों के बीच अब महायुद्ध की आशंका इसलिए बढ़ने लगी है क्योंकि इजरायली सेना ने दो दिन में लगातार दूसरी बार गाजा में एक सीमित जमीनी हमला किया है। अगर इजरायल के आक्रामक तेवर ऐसे ही रहे तो ईरान, सीरिया समेत दूसरे देश सीधे तौर पर युद्ध में उतर सकते हैं।
संयुक्त राष्ट्र में इजराइल-हमास युद्ध रोकने के लिए प्रस्ताव हुआ पारित
संयुक्त राष्ट्र में इजरायल-हमास युद्ध को तत्काल रोकने का प्रस्ताव पारित हुआ है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि हम विभिन्न पक्षों से तनाव कम करने, हिंसा से दूर रहने की अपील करते हैं। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस प्रस्ताव से दूरी बना ली, जिसमें इज़रायल-हमास संघर्ष में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था।
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 193 सदस्यों ने, जो 10वें आपातकालीन विशेष सत्र में फिर से मिले, जॉर्डन द्वारा प्रस्तुत मसौदा प्रस्ताव पर मतदान किया और बांग्लादेश, मालदीव, पाकिस्तान, रूस और दक्षिण अफ्रीका सहित 40 से अधिक देशों द्वारा सह-प्रायोजित किया गया। नागरिकों की सुरक्षा और कानूनी और मानवीय दायित्वों को कायम रखना शीर्षक वाले प्रस्ताव को भारी बहुमत से अपनाया गया, जिसमें 120 देशों ने इसके पक्ष में मतदान किया, 14 ने इसके खिलाफ और 45 देशों ने मतदान से दूरी बना ली।
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भारत के अलावा, मतदान से दूरी बनाने वाले देशों में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, जापान, यूक्रेन और यूके शामिल थे। संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के आपातकालीन विशेष सत्र में इजराइल-हमास युद्ध पर अपनी टिप्पणी में कहा, भारत बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और आश्चर्यजनक नुकसान को लेकर चिंतित है। जारी संघर्ष में नागरिकों की जान जा रही है। क्षेत्र में शत्रुता बढ़ने से मानवीय संकट और बढ़ेगा। सभी पक्षों को अपनी जिम्मेदारी दिखानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा इजरायल-फिलिस्तीन के लिए बातचीत के जरिए दो-राज्य समाधान” का समर्थन किया है। पटेल ने कहा कि भारत विभिन्न पक्षों से तनाव कम करने और हिंसा से दूर रहने और सीधी शांति वार्ता को जल्द से जल्द फिर से शुरू करने के लिए स्थितियां बनाने की दिशा में काम करने का आग्रह करता है। जंग शुरू होने के बाद नेतन्याहू से फोन पर बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हम हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ हैं।
भारत के लोग इस मुश्किल घड़ी में इजराइल के साथ हैं। जंग के बीच भी भारत ने फिलिस्तीनियों की मदद के लिए जरूरी सामान भिजवाया। यही वजह है कि भारत ने यूएन प्रस्ताव से दूरी बनाई। महासभा ने अवैध रूप से बंदी बनाए गए सभी नागरिकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई” का आह्वान किया। इसने पाठ में कहीं भी हमास का नाम नहीं लिया।
भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भारत के यूएन में गाजा में युद्ध विराम के लिए मतदान करने से परहेज करने पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि मैं स्तब्ध और शर्मिंदा हूं कि हमारे देश ने गाजा में युद्ध विराम के लिए मतदान करने से परहेज किया है। हमारे देश की स्थापना अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों पर हुई थी, जिन सिद्धांतों के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया, ये सिद्धांत संविधान का आधार हैं जो हमारी राष्ट्रीयता को परिभाषित करते हैं। वे भारत के नैतिक साहस का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सदस्य के रूप में इसके कार्यों का मार्गदर्शन किया।
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गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी फिलिस्तीन का समर्थन कर चुकी है। 9 अक्टूबर को दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान पार्टी ने इजराइल पर हमास के हमले में फिलिस्तीन का समर्थन किया। कांग्रेस ने कहा कि मिडिल ईस्ट में हो रहे युद्ध में हजारों लोग मारे गए हैं, हमें इसका दुख है।
फिलिस्तीनी लोगों के जमीनी हक, स्वशासन, आत्मसम्मान और गरिमा से जीने के अधिकारों के लिए समर्थन को दोहराती है। इजराइल-हमास युद्ध के बीच भारत में कई लोग फिलिस्तीन का सपोर्ट कर रहे हैं। समर्थन करने वालों में एक एआइएमआइएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी हैं। ओवैसी ने कहा- इजराइल गाजा में जो कर रहा है वह नरसंहार है। प्रधानमंत्री मोदी को यह युद्ध रुकवाने के लिए प्रयास करने चाहिए।
7 अक्टूबर को इजराइल और हमास के बीच शुरू हुई थी जंग
बता दें कि 7 अक्टूबर के हमले में आतंकवादियों द्वारा 1,400 लोगों की हत्या करने और सैकड़ों लोगों को बंधक बनाने के बाद, इज़राइल ने गाजा पर शासन करने वाले हमास को खत्म करने की कसम खाई है। इजराइल ने गाजा पर हवाई हमला किया है, घेराबंदी कर दी है और जमीनी हमले की तैयारी कर रहा है। फलस्तीनी अधिकारियों का कहना है कि 7,000 से अधिक लोग मारे गए हैं।
इजरायल की तरफ से गाजा पट्टी पर लगातार बमबाजी की जा रही है। वहीं, फिलिस्तीन में हमास के लड़ाके भी शांत नहीं पड़े हैं। वो इजरायल पर अभी भी तीन मोर्चे से अटैक कर रहे हैं। लेबनान, समंदर से सटे इलाके और इजिप्ट से सटे साउथ गाजा से रॉकेट और मिसाइलें दागी जा रही हैं। इजराइल-हमास जंग में करीब 30 पत्रकारों को जान गंवानी पड़ी है।
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच चला रहा है विवाद। मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है। गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।