देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में आयोजित पद्मव्यूह हैकथॉन (Padmavyuha Hackathon) में कोडिंग के चक्रव्यूह को भेद छात्रों ने लहराया परचम
देहरादून/मुख्यधारा
कम्यूटर साइंस की दुनिया में छात्रों ने कोडिंग के चक्रव्यूह को भेदकर लक्ष्य हासिल करने का अपना हुनर प्रदर्शित किया। मौक़ा था देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में आयोजित पद्मव्यूह हैकथॉन का, जिसमें छात्रों ने विभिन्न वर्गों में जीत हासिल कर 50 हज़ार रुपये से ज़्यादा की पुरस्कार राशि अपने नाम की।
मांडूवाला स्थित देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटिंग की ओर से दो दिवसीय पद्मव्यूह हैकथॉन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें 340 छात्रों ने 94 टीमों के ज़रिये कोडिंग के चक्रव्यूह को भेदने का कौशल दिखाया।
दूसरे व तीसरे वर्ष के छात्रों को मौका मिला एक्सपर्ट ट्रैक में बिना इंटरनेट के कोडिंग को सुलझाने का, जिसमें उन्हें छह घंटे के अंदर चार में से तीन सवालों के जवाब ढूंढने थे। कोडेन हाइमर की टीम ने भानु, तरुण जैन, अभिषेक और निश्छल गुरुंग के बल पर कड़े मुक़ाबले में 80 में से 79 अंक हासिल कर प्रथम स्थान हासिल करते हुए 11 हज़ार रुपये प्राप्त किये। वहीं एस स्क्वाड की टीम ने मंथन, सुहेल, रमन, मानवी के बलबूते दूसरा स्थान हासिल कर 7 हज़ार रुपये की राशि अपने नाम की। जबकि, तीसरे स्थान पर रही अंशुल, राहुल, अभिषेक, मानस की डंकी कोडर्स ने 5100 रुपये प्राप्त किये।
वहीं, प्रथम वर्ष छात्रों को मौका मिला नोवाइस ट्रैक में इंटरनेट का प्रयोग कर हाथ आज़माने का, जिसमें योद्धा टीम ने रंजन, अनिक, अर्पण, आयुष की मदद से पहला स्थान हासिल किया, जबकि मधुरेश, अभय, सोनिया की टीम एल्गो ने दूसरा जबकि विवेक, विभांशु, ओम, उस्मान की टीम ने तीसरा स्थान हासिल किया, तीनों टीमों को क्रमशः 11000 , 5100 और 3000 रुपये पुरस्कार राशि के रूप में प्रदान किये गए।
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इसके अलावा मॉडल मेकिंग में कोड क्रशर्स ने प्रथम स्थान हासिल किया, जबकि डायनमिक ड्रीमर्स दूसरे और अपोस्टोलिक इंजीनियर्स तीसरे स्थान पर रहे।
इस दौरान विशविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर डॉ प्रीति कोठियाल ने कहा कि ये युग कोडिंग का है और हमारा लक्ष्य छात्रों को कोडिंग का महारथी बनाना है और हैकथॉन के ज़रिये छात्रों को दक्ष बनाया जा रहा है।
हैकथॉन का आयोजन डीन स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटिंग डॉ रितिका मेहरा की देखरेख में संपन्न हुआ। इस दौरान गोविन्द सिंह, राकेश आर्य, डॉ रिहित, धजवीर, मुकेश, पियूष, आरिफ, मनोज, गुंजन, श्रद्धा आदि शिक्षक उपस्थित रहे।
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