सुरक्षा में बड़ी चूक : संसद (Parliament) की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले छह में से पांच अरेस्ट, आरोपियों से सुरक्षा एजेंसियां पूछताछ में जुटी, विपक्षी सांसदों ने जांच की मांग की
मुख्यधारा डेस्क
एक दिन पहले 13 दिसंबर को संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसीं पर देश की सबसे मजबूत और सुरक्षित इमारत में दो प्रदर्शनकारी आराम से कलर स्मोक स्टिक लेकर घुस गए। सदन में कार्यवाही के दौरान मौजूद सभी पक्ष और विपक्ष के सांसद हैरान रह गए। वहीं इस घटना के बाद सभी सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी हैं ।
प्रदर्शनकारियों ने सदन पटल पर नारेबाजी की और विरोध स्वरूप पीले रंग का धुआं संसद में बिखेर दिया। जिसके बाद सदन में अफरा-तफरी मच गई है। सांसदों ने घेरकर प्रदर्शनकारियों की पिटाई कर दी और फिर सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। दो प्रदर्शनकारी बाहर भी पकड़े गए। बुधवार शाम को एक और आरोपी को गिरफ्तार किया गया। अभी तक पांच आरोपी पकड़े गए हैं और एक फरार है। आरोपी कौन थे, कहां से आए थे? इनका मकसद क्या था, सुरक्षा एजेंसी और जांच में जुटी हुई है।
संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले छह लोग देश के अलग-अलग शहरों से हैं और इन्होंने मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए बातचीत कर इस घटना को अंजाम देने की साजिश रची, जिसके लिए ये लोग हरियाणा के गुरुग्राम में एक फ्लैट में एकत्र हुए। लोकसभा कक्ष में यह घटना करीब एक बजे हुई जब भारतीय जनता पार्टी के सदस्य खगेन मुर्मू शून्यकाल के दौरान एक मुद्दा उठा रहे थे।
सदन में मौजूद कई सांसदों के अनुसार एक व्यक्ति आसन के पास जाने की कोशिश में बेंच को पार करने लगा जबकि दूसरा कक्ष में कूदने से पहले दर्शक दीर्घा की रेलिंग से लटकते हुए देखा गया। सदन में मौजूद सांसदों ने दोनों युवकों को पकड़ लिया और उनकी पिटाई की फिर पुलिस के सुपुर्द कर दिया। इस घटना के समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के अलावा राहुल गांधी और अधीर रंजन चौधरी सहित कई विपक्षी नेता समेत 100 से अधिक सांसद मौजूद थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सदन में मौजूद नहीं थे क्योंकि वे मुख्यमंत्री मोहन यादव के शपथ ग्रहण समारोह के लिए भोपाल में थे। इस घटना के समय पीठासीन सभापति रहे राजेंद्र अग्रवाल ने कार्यवाही तुरंत एक घंटे के लिए स्थगित कर दी।
विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद की सुरक्षा में हुई भारी चूक पर चिंता जताई
विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद की सुरक्षा में भारी चूक को लेकर चिंता जताई और मामले की जांच के साथ-साथ नए भवन में भी पुराने भवन की तरह सख्त सुरक्षा कदम उठाने की मांग की। तृणमूल कांग्रेस के कुछ सांसदों ने इस घटना की तुलना अपनी पार्टी सहयोगी महुआ मोइत्रा के निष्कासन से की और उन भाजपा सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जिन्होंने कथित तौर पर आरोपियों को संसद में प्रवेश करने के लिए पास दिलाने में मदद की थी।
वहीं, दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा कि बुधवार को संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में छह लोग शामिल थे और इनमें से पांच आरोपियों को पकड़ लिया गया है। पुलिस की शुरुआती पूछताछ में सामने आया है कि सागर शर्मा यूपी के लखनऊ का रहने वाला है। डी मनोरंजन कर्नाटक के मैसुरु से है। संसद के बाहर पकड़ी गई नीलम हरियाणा के हिसार की है। चौथा आरोपी अमोल शिंदे महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है। पांचवां आरोपी विक्की गुरुग्राम से है। इन पांच के अलावा एक और नाम सामने आया है। वो है ललित, जो हरियाणा का रहने वाला है। यह फरार है। पुलिस इसकी तलाश में लगी हुई हैं।
वहीं सागर शर्मा और डी मनोरंजन लोकसभा में विजिटर गैलरी में बैठे थे। उन्हें भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के कार्यालय से जारी पास पर एंट्री मिली थी। दिल्ली पुलिस का कहना है कि इन सभी की एक-दूसरे से मुलाकात ऑनलाइन हुई थी। सभी ने मिलकर संसद में हंगामे की योजना बनाई। पुलिस का कहना है कि अभी तक इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि इन सभी को आतंकी समूह ने भड़काया है। गृह मंत्रालय ने संसद की सुरक्षा के उल्लंघन की घटना की जांच का आदेश दिया है। सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह के तहत एक जांच समिति गठित की गई है। जिसमें अन्य सुरक्षा एजेंसियों और विशेषज्ञों के सदस्य शामिल हैं। इस घटना के बाद अब नई संसद में सुरक्षा को लेकर किए जा रहे बदलाव ।
सांसदों, स्टाफ मेंबर्स और पत्रकारों के एंट्री गेट अलग होंगे। विजिटर्स को चौथे गेट से प्रवेश कराया जाएगा। विजिटर पास जारी करने पर अभी रोक लगा दी गई है।
दर्शकदीर्घा के चारों ओर ग्लास की शील्ड लगाई जाएगी, ताकि कोई कूदकर सदन के अंदर न आ सके। एयरपोर्ट की तरह बॉडी स्कैन मशीनें लगाई जाएंगी। सुरक्षाकर्मियों की संख्या में भी बढ़ोतरी की जाएगी।