एडीएम ने ली जिला गंगा संरक्षण समिति (District Ganga Conservation Committee) की बैठक
जनपद में संचालित एसटीपी का नियमित तकनीकी निरीक्षण करने के दिए निर्देश।
चमोली / मुख्यधारा
अपर जिलाधिकारी डॉ अभिषेक त्रिपाठी की अध्यक्षता में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक हुई। जिसमें गंगा नदी की सभी प्रमुख सहायक नदियों के पुनरुद्धार, संरक्षण, मरम्मत और पुनर्वास के लिए विभिन्न विभागों के माध्यम से संचालित कार्यों की समीक्षा की गई।
अपर जिलाधिकारी ने नमामि गंगे द्वारा निर्मित एसटीपी का संयुक्त निरीक्षण करते हुए जल संस्थान को हेडओवर की कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही औद्योगिक संस्थान कालेश्वर और जिले में संचालित प्राइवेट एसटीपी का संयुक्त निरीक्षण करते हुए इसकी रिपोर्ट भी अगली समीक्षा बैठक में प्रस्तुत की जाए। पर्यटन एवं यात्रा व्यवसाय से जुड़े होटल जिसमें 20 से अधिक कक्ष है, उनमें एसटीपी प्लांट लगाने और एसटीपी से संयोजन करने हेतु नोटिस दिया जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि जनपद में संचालित सभी एसटीपी का नियमित रूप से तकनीकी निरीक्षण किया जाए। एसटीपी में सीवेज ट्रीटमेंट के बाद बचे कीचड़ (स्लज) का इस्तेमाल खाद बनाने में किया जाए और एनजीओ या किसी संस्था के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराया जाए। नगर निकायों में डोर-टू-डोर कूडा क्लेक्शन व सोर्स सेग्रिगेशन पर विशेष फोकस करते हुए नियमों का उल्लंघन करने वालों का चालान किया जाए।
सदस्य सचिव/प्रभागीय वनाधिकारी सर्वेश कुमार दुबे ने विभिन्न विभागों के माध्यम से संचालित कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जनपद में स्वीकृत 16 एसटीपी का कार्य पूर्ण हो चुका है। जिसमें 28 नालों को जोड़ा गया है। इसमें बद्रीनाथ में 6, जोशीमठ में 05, गोपेश्वर में 07, नंदप्रयाग में 03 तथा कर्णप्रयाग में 07 गंदे नाले एसटीपी से जोडे गए है। पीपलकोटी, थराली तथा गौचर के लिए एसटीपी निर्माण हेतु नमामि गंगे द्वारा आंगणन तैयार किया जा रहा है। पेयजल निगम द्वारा 12 एसटीपी जल संस्थान को हस्तगत कर दी गई है। नगर निकायों में सोर्स सेग्रीगेशन, डोर टू डोर कूडा कलेक्शन, नालों की नियमित सफाई तथा कूडे से खाद बनाने का काम किया जा रहा है। औद्योगिक आस्थान कालेश्वर में उद्योग इकाइयों को एसटीपी प्लांट से जोडा गया है।
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बैठक में डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे, एसीएमओ डॉ बीपी सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी वीपी मौर्य, जिला पर्यटन अधिकारी वृजेन्द्र पांडेय, एई जल संस्थान अरुण गुप्ता, पेयजल निगम कनिष्ट अभियंता निषा रावत, महेश मिश्रा, अधिशासी अधिकारी सुधीर कुमार आदि उपस्थित थे।